Surjapur Teacher News: सेवानिवृत्ति के बाद मजदूरी कर रहे प्रधान पाठक, बेटों ने हड़प ली एक मुश्त मिली राशि...
Surjapur Teacher News: सेवानिवृत्ति के बाद प्रधान पाठक और उनकी पत्नी को उनके दोनों बेटों ने घर से निकाल दिया। पैतृक जमीन में से से मात्र कुछ हिस्सा दिया। रिटायरमेंट पर मिली रकम भी हड़प ली। रिटायरमेंट के 7 साल बाद भी पेंशन स्वीकृत नहीं होने से रिटायर्ड प्रधान पाठक अपना और अपनी पत्नी का भरण पोषण करने के लिए मजदूरी करने के लिए मजबूर है। मामला सामने आने के बाद कलेक्टर एस जयवर्धन ने इसे संज्ञान लिया। जांच में यह तथ्य सामने आया की सेवानिवृत्त प्रधान पाठक को पेंशन की पात्रता ही नहीं है।

Surjapur Teacher News: सूरजपुर। सूरजपुर जिले के ओडगी ब्लॉक के दूरस्थ गांव में रहने वाले रिटायर्ड प्रधान पाठक को सेवानिवृत्ति के 7 साल भी पेंशन की स्वीकृति नहीं होने की बात सामने आई है। रिटायर्ड प्रधान पाठक के सेवानिवृत्ति पर मिली एक मुश्त राशि को उनके बेटों ने हड़प ली। पैतृक जमीन में से भी मात्र 50 डिसमिल जमीन पति-पत्नी को देकर अलग कर दिया। खर्चा नहीं चलने के चलते एकलव्य आवासीय विद्यालय में मजदूरी कर अपना और अपनी पत्नी का पेट पालने के लिए मजदूरी करने के लिए मजबूर प्रधान पाठक का मामला सामने आने के बाद कलेक्टर एस जयवर्धन ने इसे संज्ञान में लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और जांच के निर्देश दिए। निर्देशों के बाद की गई जांच में कुछ अलग ही चौंकाने वाले खुलासे हुए।
पूरा मामला ओड़गी ब्लॉक के दूरस्थ ग्राम इंदरपुर निवासी सुखलाल सिंह गोंड आत्मज पिता स्व. नानबूड़ा की नियुक्ति सन 1995 में शिक्षाकर्मी वर्ग 3–3 के पद में हुई थी। उनकी पदस्थापना विकासखंड ओड़गी के ही खरहरी जोर प्राथमिक शाला में हुई थी। संविलियन के बाद उन्हें सहायक शिक्षक बनाया गया और वर्ष 2018 में उन्हें उसी स्कूल में प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति दी गई। नवंबर 2018 में अपनी अर्धवार्षिकी आयु पूरी कर सुखलाल सिंह गोंड सेवानिवृत हो गए। रिटायरमेंट पर उन्हें एकमुश्त राशि 3 लाख 70 हजार रुपए का तत्काल भुगतान किया गया। राशि मिलने की जानकारी मिलने पर उनके दोनों बेटों ने उन पर रोजी रोजगार के लिए मिली रकम से ट्रैक्टर खरीदने का दबाव बनाया। दबाव बनाकर पिता के रिटायरमेंट के समय मिले 3 लाख 70 हजार रुपए को ले लिया और ट्रैक्टर खरीद लिया। इसके अलावा पैतृक 5 एकड़ जमीन में से सिर्फ 50 डिसमिल जमीन अपने माता-पिता को देकर दोनों बेटों ने उन्हें अलग कर दिया।
मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार पेंशन स्वीकृत नहीं होने पर मजदूरी करते हैं सेवानिवृत्त प्रधान पाठक
स्थानीय मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार सिर्फ 50 डिसमिल जमीन में एक फसलीय धान की पैदावार से सेवानिवृत्त प्रधान पाठक की पत्नी और उनका भरण पोषण नहीं हो पाता था। उन्होंने पेंशन की राशि स्वीकृत करवाने के लिए विकासखंड शिक्षा कार्यालय के चक्कर काटने शुरू कर दिए। उन्हें 6 माह तक कोई न कोई कागज कम होने का हवाला देकर लिपिक दौड़ाता रहा। अपने गांव से कई किलोमीटर दूर यात्रा कर सुखलाल गोंड जाते थे। वही पेंशन प्रमाण नहीं बनने के चलते वह वर्तमान में ओडगी ब्लॉक के ही ब्लॉक मुख्यालय से सटे ग्राम पंचायत पाल दनौली में बन रहे एकलव्य आवासीय विद्यालय में सेवानिवृत्त प्रधान पाठक मजदूरी करते हैं। यहां ठेकेदार और राजमिस्त्री के निर्देश पर सेवानिवृत्ति प्रधान पाठक सुखलाल गोंड सिर पर निर्माण सामग्री ढोते है तो कभी सीमेंट का गारा बनाते हैं।
कलेक्टर ने लिया संज्ञान,यह मामला आया सामने
वही मामला सामने आने पर सूरजपुर कलेक्टर एस जयवर्धन ने इसे गंभीरता से लिया और कल हुई टीएल की बैठक में इस पर संज्ञान लेकर वस्तुस्थिति की जांच कर अवगत करवाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर के निर्देश के बाद सेवानिवृत्त प्रधान पाठक सुखलाल सिंह गोंड के पेंशन के मामले में परीक्षण करने पर अहम और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। मामले की जानकारी जुटाने पर यह पता चला कि शिक्षाकर्मी से संविलियन होने के बाद सुखलाल सिंह गोंड ने बतौर शिक्षा विभाग के मुलाजिम के तौर पर सिर्फ चार वर्षों की नौकरी की है। 4 वर्षों की नौकरी में पेंशन की पात्रता नहीं है लिहाजा सुखलाल सिंह गोंड का पेंशन प्रकरण नहीं बन पाया। दूसरी तरफ यह बात फैल गई कि पेंशन प्रकरण स्वीकृत नहीं होने की वजह से प्रधान पाठक आर्थिक तंगी में है और उन्हें मजदूरी करनी पड़ रही है। यह भी बात सामने आई कि प्रधान पाठक के सभी स्वत्वों का भुगतान उनके रिटायरमेंट पर ही हो चुका था। सिर्फ एनपीएस की राशि के भुगतान की जानकारी नहीं मिल पा रही है। जिस पर कलेक्टर एस जयवर्धन ने एनपीएस की राशि की जानकारी जुटा यदि भुगतान नहीं हुआ है तो उस स्थिति में तत्काल भुगतान करवाने के आदेश शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिए हैं।
