Begin typing your search above and press return to search.

Raipur News: प्रधान आरक्षक ने नौकरी दिलाने के नाम से की ठगी, लाखों रुपए वसूल कर थमा दिया नकली नियुक्ति पत्र, गिरफ्तार...

Raipur News: जीआरपी पुलिस के प्रधान आरक्षक ने बेरोजगार युवक से पुलिस विभाग में नौकरी दिलवाने के नाम से वर्ष 2018 में ठगी कर ली। नौकरी नहीं लगने पर रुपए वापस मांगने पर रुपए भी नहीं लौटाए। पुलिस ने आरोपी प्रधान आरक्षक के खिलाफ अपराध दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।

Raipur News: प्रधान आरक्षक ने नौकरी दिलाने के नाम से की ठगी, लाखों रुपए वसूल कर थमा दिया नकली नियुक्ति पत्र, गिरफ्तार...
X
By Radhakishan Sharma

Raipur News: रायपुर। पुलिस आरक्षक ने पुलिस विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी कर ली। बेरोजगारों को नौकरी दिलवाने का लालच दे लाखों रुपए वसूल फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिए। नौकरी नहीं लगने पर जब पीड़ित ने रुपए वापस मांगे तो प्रधान आरक्षक उन्हें सालों से घुमा रहा है। पीड़ित की शिकायत पर अपराध दर्ज कर प्रधान आरक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामला खमतराई थाना क्षेत्र का है।

मिली जानकारी के अनुसार जय वर्मा जीआरपी पुलिस में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ हैं। उसके खिलाफ जांजगीर– चांपा जिले के अकलतरा के रहने वाले महेंद्र सिंह मानेसर ने ठगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। शिकायत के अनुसार 2015-16 में उसकी मुलाकात रेलवे पुलिस में पदस्थ जय वर्मा से हुई थी। बातचीत के दौरान पता चला कि महेंद्र का छोटा भाई भूपेंद्र बेरोजगार है तो जय वर्मा ने उसे भी पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों से अच्छी पैठ होने की बात कह भूपेंद्र की नौकरी लगवाने का झांसा दिया।

जय वर्मा ने कहा कि अधिकारियों से बात कर वह भूपेंद्र को पुलिस विभाग में आरक्षक बनवा देगा। इसके लिए उसे दस लाख रुपए खर्च करने होंगे। इतनी मोटी रकम सुनकर महेंद्र ने इनकार कर दिया। तब आरक्षक जय वर्मा उसे भाई के सुनहरे भविष्य का वास्ता देने लगा और कहने लगा कि एक बार सरकारी नौकरी लग जाए तो भविष्य सुरक्षित हो जाएगा साथ ही पुलिस में नौकरी लगने पर धाक भी रहेगी।

बार-बार दबाव बनाने पर महेंद्र सिंह ने भाई के भविष्य का सोच अपनी पैतृक जमीन गिरवी रखकर तथा रिश्तेदारों और परिचितों से उधार ले दस लाख रुपए की व्यवस्था की। फिर रायपुर के खमतराई थाना क्षेत्र स्थित जागृति नगर में 6 सितंबर 2018 को आरक्षक जय वर्मा को रुपए दिए। रुपए देने के दौरान कुछ अन्य लोग भी उपस्थित थे। रुपए लेने के बाद जय वर्मा ने 2018 में निकली पुलिस आरक्षक भर्ती में फार्म भरने के लिए कहा और कहा कि सभी स्टेज मैं क्लियर करवा के अंतिम चयन करवा दूंगा।

पर महेंद्र का भाई भूपेंद्र फिजिकल टेस्ट में ही फैल हो गया। जिसके बाद रुपए लौटाने के कहने पर आरक्षक जय वर्मा गोल मोल जवाब देने लगा। कई वर्षों तक काफी चक्कर काटने के बाद केवल दो लाख रुपए वापस किया और बाकी रुपए लौटाने से इंकार कर दिया। जिस पर पीड़ित ने खमतराई थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी प्रधान आरक्षक जय वर्मा को गिरफ्तार कर लिया है।

Next Story