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Mungeli-Rambod accident: 200 टन वजनी कंटेनर और 80 टन राख के नीचे दबे थे तीन मजदूर, राख का पहाड़ बन गया कब्रगाह

Mungeli-Rambod accident: रामबोड़ के पावर प्लांट की घटना बेहद भयावह और जानलेवा साबित हुआ। 200 टन वजनी कंटेनर और 80 टन गरम राख के पहाड़ के नीचे तीन मजदूर पूरे 40 घंटे दबे रहे। यह साेचना ही कितना भयावह है कि जब गरम राख मजदूरों के ऊपर गिरा होगा तब उनकी हालत कैसी रही होगी। राख का पहाड़ और ऊपर से 200 टन वजनी कंटेनर। राख के पहाड़ के नीचे दबे मजदूरों के जिंदा रहने की कल्पना तो सबने छोड़ दी थी, पर मन के किसी कोने से एक चमत्कार की उम्मींद सभी कर रहे थे। राख के ढेर से एनडीआरएफ की टीम ने जब एक-एक तीन लाशें निकाली तो सभी का दिल दहल गया। कठिन चुनौतियों और संघर्षों के बीच 40 घंटे से अधिक समय तक सर्च ऑपरेशन चला। तीन दिनों ही हाहाकार के बाद अब प्लांट परिसर में सन्नाटा पसर गया।

Mungeli-Rambod accident: 200 टन वजनी कंटेनर और 80 टन राख के नीचे दबे थे तीन मजदूर, राख का पहाड़ बन गया कब्रगाह
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By Radhakishan Sharma

Mungeli-Rambod accident: बिलासपुर। रामबोड़ के कुसुम पावर प्लांट परिसर एक तरह से अभिशप्त हो चला है। मशीनों की कलपूर्जों की आवाज और चिमनी से दूर तलक उठते धुएं के गुबार अब शांत हो चुका है। तीन दिनों तक जो शोरगुल और लोगों के चेहरे पर परेशानी और थकान का भाव नजर आ रहा था, सब शांत हो गया है। चार मेहनतकश मजदूरों की मौत के बाद परिसर में मौत का सन्नाटा छा गया है। प्लांट प्रबंधन की जरा सी लापरवाही ने ना केवल चार जानें छीन ली, परिवार के सदस्यों को जीवन भर के लिए ऐसा दुख दे दिया जो कभी ना भुलने वाली और न कभी मिटने वाली। इस भयावह घटना के बीच थोड़ी सी सुकून इस बात की कि राख के ढेर में दबे तीन श्रमिकों का पता चल गया। 40 घंटे से भी अधिक समय तक चले रेस्क्यू के दौरान कमिश्नर महादेव कांवरे,आईजी संजीव शुक्ला मुंगेली जिले के कलेक्टर व एसपी व आला अफसरों ने ना केवल कड़ी मेहनत की वरन अपनी देखरेख में यह सब काम पूरा कराया। कडा़के की ठंड और सर्द रात की चिंता किए बगैर घटना स्थल पर डंटे रहे।


मुंगेली जिले के सरगांव के रामबोड़ स्थित कुसुम स्मेल्टर प्लांट दुर्घटना में कलेक्टर राहुल देव और पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के नेतृत्व में जिला प्रशासन एनडीआरएफ, एसडीआरएफ टीम के द्वारा सफल रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया। स्मेल्टर प्लांट में लगभग 200 टन वजनी साइलो (कंटेनर )के गिरने से बड़ा हादसा हुआ। मजदूरों के उसमें फंसे होने की सूचना पर कलेक्टर एवं एसपी के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला। भारी भरकम कंटेनर को हटाना काफी चुनौती भरा कार्य था। प्रारंभ में बचाव कार्य के लिए नजदीक के क्रेन को बुलवाकर कंटेनर को हटाने की कोशिश की गई, परंतु भारी वजन होने के कारण से उसे हटाया नहीं जा सका।

कलेक्टर ने तत्काल संपर्क कर लगभग 400 टन क्षमता का क्रेन मंगाया, परंतु इस क्रेन के लिफ्टिंग हुक को सही जगह व्यवस्थित कर उठाना काफी चुनौती भरा कार्य था। साइलो के अंदर लगभग 80 टन कोयला का डस्ट भरा भी हुआ था। साइलो को उठाने के शुरुआती कुछ प्रयास किए गए, परंतु अत्यधिक वजन के कारण उठा पाना संभव नहीं हो पा रहा था। ऐसे में साइलो के सब स्ट्रक्चर को कटिंग कर हटाया गया, उसके बाद कंटेनर को काटकर उसके अंदर भारी मात्रा में रखे डस्ट को निकाला गया। कलेक्टर, एसपी, जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पाण्डेय सहित जिला प्रशासन एवं राहत एवं बचाव कार्य से जुड़ा पूरा अमला मौके पर पूरी तत्परता से डंटा रहा। पूरी रात स्ट्रक्चर को कटिंग करने के बाद लगभग 80 टन डस्ट को हटाया गया। लगभग 30 घंटे लगातार काम करने के बाद इस चुनौतीपूर्ण कार्य को अंजाम दिया गया। उसके बाद साइलो को भारी क्रेन से लिफ्ट कर हटाया गया। अब सबसे बड़ा चुनौती पूर्ण कार्य था उस डस्ट के अंदर फंसे मजदूर एवं फैक्ट्री कर्मी को निकालना। इसके लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम बनी और उनके साथ स्वयं कलेक्टर-एसपी कुशल नेतृत्व एवं आवश्यक दिशानिर्देश देते रहे।

साइलो (कंटेनर) हटाने के बाद रातभर चले सर्च ऑपरेशन के बाद 03 शव को बाहर निकाला गया। एक घायल मनोज धृतलहरे को पूर्व में ही राहत एवं बचाव कार्य करते हुए अस्पताल भेजा गया था, जहां पर उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। इस प्रकार इस हादसे में मृतकों की संख्या चार है। मृतकों में अवधेश कश्यप, पिता निखादराम कश्यप निवासी तागा जांजगीरचांपा, प्रकाश यादव पिता, परदेशी यादव निवासी अकोली बलौदाबाजार, जयंत साहू पिता, काशीनाथ साहू निवासी जबड़ापारा सरकंडा बिलासपुर हैं। शव को पोस्टमार्टम के लिए तत्काल सिम्स बिलासपुर भेजा गया है। मृतक के परिवारों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। वहीं घटना पर मृतक के परिजनों की शिकायत मिलने पर एसपी भोजराम पटेल के निर्देश पर तत्काल सरगांव थाने में प्लांट के जिम्मेदारों के ऊपर एफआईआर करवाई गई।


उप मुख्यमंत्री एवं विधायक पहुंचे घटना स्थल

सरगांव के रामबोड़ स्मेल्टर प्लांट घटना की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की और वस्तुस्थिति जानने उप मुख्यमंत्री अरुण साव एवं स्थानीय विधायकों को भेजा। उप मुख्यमंत्री साव, बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक एवं मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले ने मौके पर पहुंचकर घटना के संबंध में जानकारी ली और मृतकों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हुए मृतक के परिवारों को सभी आवश्यक सहयोग प्रदान करने निर्देशित किया।

हादसे में हुई मौत का है गहरा दुख, परिवारों को देंगे मुआवजा, दोषियों पर होगी करवाई : कलेक्टर

कलेक्टर राहुल देव ने एनपीजी से बातचीत के दौरान बताया कि 40 घंटे की मशक्कत के बाद सर्च ऑपरेशन निश्चित रूप से सफल रहा। पर इस हादसे में जिन परिवारों ने अपनें सदस्यों को खोया है उसका मुझे गहरा दुख है। जिस संवेदनशीलता और तत्परता से हमारे द्वारा इस सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है। उसी संवेदनशीलता के साथ उनके परिवारों के साथ खड़ा रहूंगा और नियमानुसार प्रशासन द्वारा मुआवजे सहित सभी आवश्यक सहयोग प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम एवं लापरवाही के लिए जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एसपी ने मृतक परिवारों के प्रति प्रकट की संवेदना, दोषियों पर होगी कार्रवाई

पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने मृतकों के प्रति गहरा दुख प्रकट करते हुए उनके परिवारों का प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में जिला और पुलिस प्रशासन उनके साथ है। मृतक परिवारों को सभी आवश्यक सहयोग प्रदान किए जाएंगे और इस घटना के दोषियों पर जांच के उपरांत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एनडीआरएफ ,एसडीआरएफ सहित आपदा राहत एवं बचाव से जुड़ा पूरा अमला मौजूद रहा।



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