Journalist Mukesh Chandrakar: पत्रकार मुकेश चन्द्रकार की हत्या की साजिश 4-5 दिनों पहले ही रची गई, एसआईटी का खुलासा, जाने मिनट टू मिनट कार्रवाई...
Journalist Mukesh Chandrakar: पत्रकार मुकेश चन्द्रकार हत्याकांड में एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है। आरोपियों ने पत्रकार की हत्या की साजिश 4-5 दिनों पहले ही कर ली थी। योजना के तहत ही आरोपियों ने पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया था।
बीजापुर। पत्रकार मुकेश चन्द्रकार हत्याकांड में एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है। एसआईटी की पूछताछ में आरोपी सुरेश चन्द्रकार ने कबूल किया कि मुकेश चन्द्रकार की हत्या की साजिश उसने अपने भाईयों के साथ मिलकर 4-5 दिन पहले ही बना ली थी। घटना को अंजाम देने से पहले आरोपी ने बैंक से एक बड़ी रकम निकाली थी। हत्या के बाद आरोपी रितेश चन्द्रकार, महेन्द्र रामटेके और दिनेश चन्द्रकार ने पत्रकार मुकेश चन्द्रकार के मोबाइल को चकनाचूर कर तुमनार नदी में फेंक दिये थे। फिलहाल, एसआईटी की टीम इन सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। नीचे पढ़ें एसआईटी की मिनट टू मिनट कार्रवाई...
• 2 जनवरी 2025 के शाम 08.10 बजे एनडीटीव्ही. के पत्रकार मुकेश चन्द्रकार के 1.01.25 की शाम 8 से 8.30 बजे से गुमशुदगी की रिपोर्ट उनके बड़े भाई युकेश चन्द्रकार के द्वारा कुछ पत्रकार साथियों के साथ थाना आकर दर्ज कराया गया।
• पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के दौरान संक्षिप्त पूछताछ पर ही मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक बीजापुर व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को पूरी डिटेल बताया गया, उनके द्वारा तत्काल गुमशुदा मुकेश चन्द्राकर की पता साजी हेतु सायबर सेल की टीम व अतिरिक्त अधिकारी व जवानो को लगाया गया।
• पुलिस टीम के द्वारा स्व० मुकेश चन्द्रकार के सभी नंबरो का लोकेशन लेने का प्रयास किया गया पर सभी नंबर बंद आ रहे थे, लास्ट लोकेशन चेक करने पर नंबर अलग अलग जगह जैसे नूकनपाल, जांगला सेक्टर जो कि भैरमगढ़ की ओर है, पुलिस द्वारा तुरंत ही पर्याप्त बल लेकर कुछ पत्रकार साथियों को भी साथ लेकर उन स्थानों पर सर्चिगं जारी की पर कछ नही मिल पाया।
• गुमशुदा के भाई यूकेश के द्वारा G-mail पर अपडेट हुए लास्ट लोकेशन को बताया गया जो चट्टानपारा स्थित बाड़े का था।
• पुलिस द्वारा तत्परतापूर्वक वहां भी बल व कुछ पत्रकार साथियों के साथ जाकर बाड़े का पूरा एरिया सर्च किया।
• बाड़े में कुल 17 लेबर कमरे बने हुए थे, जिन पर ताले लगे थे। ताला खुलवाकर चेक करने हेतु बाड़े के ओनर सुरेश चन्द्राकर को फोन करके बाड़े का चाबी लाने हिदायत दिया गया, जो उस समय भैरमगढ़ में होना बताया। उसके आने के बाद उसके समक्ष बाड़े के सभी कमरों को खुलवाकर चेक किया गया। वहां कुछ नही मिला।
• बाड़े में नये बने सेप्टीक टैंक के फ्लोरिंग के बारे में पूछने पर सुरेश चन्द्राकर ने बाथरूम के रेनोवेशन का कार्य जारी होना बताया।
• सुरेश चन्द्राकर से रितेश चन्द्रकार के सम्बंध में पूछे जाने पर उससे दो सालो से बात चीत बन्द होना बताया और जानकारी नही होना बताया।
• रात में ही पुलिस टीम द्वारा संदेही रितेश चन्द्रकार व अन्य संदेहियों तथा गुमशुदा मुकेश चन्द्रकार के CDR डिटेल हेतु सायबर सेल के माध्यम से प्रतिवेदन भेज दिया।
• रितेश के पता तलाश हेतु हाईवे के अलग अलग स्थानों में लगे टोल प्लाजा के रात मे ही CCTV फुटेज दिखवाए गए। रितेश दिनांक 02.01.25 के 08.20 बजे सुबह सुबह कोण्डागांव टोल प्लाजा के CCTV फुटेज में थार वाहन सीजी 04 0001 में क्रास होता दिखाई दिया।
• अनुमान के आधार पर एयरपोर्ट रायपुर के फुटेज दिखवाया गया जहां पार्किगं पर उक्त वाहन शाम के समय दिखाई दिया। • एयरपोर्ट से उस समय की फ्लाईट से आने जाने वालो की डिटेल लिया गया।
• जिसमें जांच पर दिनांक 02.01.25 को सुबह ही रितेश द्वारा रायपुर से दिल्ली टिकिट आन लाईन बुक करना पाया गया।
• दिनांक 02.01.25 के सुबह ही टिकट बुक किये जाने से पुलिस का संदेह उस पर गहरा गया।
• उक्त सभी सर्च आपरेशन पुलिस टीम द्वारा दिनांक 02.01.25 से दिनांक 03.01.25 की दरम्यानी रात में ही किया जा रहा था।
• इसके अलावा एक टेक्नीकल टीम गुमशुदा मुकेश के घर के आस पास के CCTV कैमरो को (कुल 04 जगहों पर कैमरे मिले पर घर से काफी दूर थे) खंगाला गया। रात्रि का समय होने से समय निश्चित पता नही होने से तथा किस वाहन से मुकेश घर से गया होगा क्लीयर नही होने से कुछ पुख्ता जानकारी वहां से नही मिल पा रहा था। उक्त कार्यवाहियां भी गुम इंसान रिपोर्ट आने के तुरंत बाद दिनांक 02.01.25 -03.01. 25 की दरम्यानी रात में ही की जा रही थी।
• पुलिस अधीक्षक जो नव निर्मित कैम्प गये थे से वापस आकर गुम इंसान दर्ज कराते समय ही सूचक व अन्य पत्रकार साथियों से स्वयं पूछताछ कर रहे थे जानकारी ले रहे थे, तथा खुद भी पुलिस टीम के साथ सर्चिगं मे लगे हुए थे व पुलिस की सभी कार्यवाहियों को खुद ही मानिटरिंग कर रहे थे व दिशा निर्देश दे रहे थे।
• रात्रि करीब 03-04 के बीच पुलिस को गुमशुदा मुकेश व संदेही रितेश व अन्य कुछ और सीडीआर डिटेल्स मिल पाए जिनका अध्ययन करने पर मुकेश के आखिरी कॉल के उपर के दो कॉल्स रितेश से ही हुए थे। कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य सीडीआर एनालिसिस के दौरान पुलिस को दिये जो विवेचना में है। इसके आधार पर पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंच चुकी थी कि रितेश का श्री मुकेश की गुमशुदगी से प्रत्यक्ष रूप से कोई न कोई सम्बंध अवश्य है।
• पुलिस इन बातों का भी पता लगा रही थी कि मुकेश के गुमशुदगी में रितेश के अलावा और किनकी संलिप्तता है। पुलिस को तकनीकी व व्यक्तियो से मिली सूचनाओं के आधार पर दिनांक 01.01.25 से 02.01.25 की दरम्यानी रात रितेश चन्द्राकर का भाई दिनेश चन्द्राकर भी रहने की सूचना मिलने पर उसके पता तलाश में भी पुलिस लग गयी थी। उसका मोबाईल भी बंद आ रहा था।
• दिनांक 03.01.25 को सुबह दिनेश चन्द्राकर का पता चला कि वह जिला अस्पताल बीजापुर में है। फिर उसे ढूंढना शुरू किया गया। इसी दौरान रितेश की पता तलाश हेतु रायपुर की ओर टीमे निकल चुकी थी।
• करीब 12.00 बजे के आस पास (दिनांक 03.01.25) सुबह दिनेश चन्द्राकर जिला अस्पताल में एडमिट हुआ मिला। जिसका ईलाज चल रहा था। उसके तत्काल हिरासत में लिया जाकर विधिवत् डॉक्टर साहब से अनुमति लेकर पूछताछ शुरू किया गया।
• दिनेश ने पहले तो कुछ भी जानकारी नही होना बता रहा था, पर उसे सख्ती से क्रास करने व सीडीआर. के आधार पर व लोकेशन के आधार पर पूछताछ करने पर करीब 03 घण्टे की विकृतत पूछताछ के उपरांत उसने घटना के बारे में बताया। उसने बताया कि उसका भाई रितेश और महेन्द्र रामटेके गुमशुदा मुकेश की राड मारकर हत्या कर दिये है। उसके बाद दिनेश ने घटना में प्रयुक्त राड और कपड़े मोबाइल वगैरह ठिकाने लगाने मे वह घटनास्थल को साफ करने तथा टंकी में शव डालकर फ्लोरिंग करने में मद्द करने तक की बात करते हुए परन्तु पूरी बात न बताते हुए बहुत कुछ छिपाते हुए घटना के संबंध में उक्त जानकारी दिया।
• पुलिस ने महेन्द्र रामटेके जिसकी जानकारी अभी ही मिली थी, उसे हिरासत में लेने के लिये लग गयी। इस दौरान उसे नये बस स्टैण्ड के पास से हिरासत में ले लिया गया। पूछताछ में उसने भी अपना जुर्म कबूल कर लिया।
• सम्पूर्ण हालत से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए टीम द्वारा चुंकि शव उत्खनन की कार्यवाही की जानी थी इस हेतु विधिवत् कार्यपालिक मजिस्ट्रेट को प्रतिवेदन देकर उपस्थित रहने हेतु व नगरपालिका के कर्मियो व एफएसएल टीम की उपस्थिति तय कर चट्टान पारा स्थित बाड़ा के सेप्टीक टैंक की खुदाई की गई।
• करीब 05.00 बजे के आस पास दिनांक 03.01.25 को सेप्टीक टैंक का ढक्कन हटाकर वहां पर टार्च मारकर देखने पर एक शव उफला हुआ (पुरूष का) दिखाई दिया। घटनास्थल पर काफी भीड़ हो चुकी थी। जिसे संरक्षित करने के लिए पर्याप्त बल लगाकर एरिया सील कर दिया गया।
• पहचान कराये जाने पर शव की पहचान गुमशुदा मुकेश चन्द्राकर के रूप में की गई। शव का विधिवत् पंचनामा, घटनास्थल का फोरेंसिक निरीक्षण करने उपरांत शव को मरचुरी रवाना किया गया। शव बरामद होने के पूर्व ही घटना में शामिल दो आरोपियों दिनेश व महेन्द्र रामटेके को पुलिस ने धर दबोचा ।
• विस्तृत पूछताछ में यह तथ्य सामने आए कि मुकेश चन्द्राकर इनका रिश्तेदार था। एनडीटीव्ही का पत्रकार था और इनके ठेका कार्य के विरूद्ध ही न्यूज लगा रहा था, जिससे इनके ठेका कार्य की जांच शुरू हो गई थी। इस बात से नाराज होकर सुरेश चन्द्राकर के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश रची जिसे दिनांक 01.01.25 को रितेश चन्द्राकर व महेन्द्र रामटेके जो इनका सुपरवाइजर था, ने मिलकर बाड़े के कमरा नंबर 11 में अंजाम दिया। दिनेश चन्द्राकर ने घटना के बाद रात में ही आकर साक्ष्य छुपाने व इनको फरार करने में सुरेश चन्द्राकर की पूर्व सुनियोजित योजना के मुताबिक मद्द किया । सुरेश चन्द्राकर स्वयं को घटना के समय बाहर रखने की योजना बना रखा था ताकि उस पर संदेह न हो।
• पुलिस ने मामले में बिना देर किये मर्ग और अपराध पंजीबद्ध कर लिया। जिसकी विवेचना के दौरान पुलिस ने तीन आरोपियो दिनेश चन्द्राकर व महेन्द्र रामटेके को बीजापुर से, रितेश चन्द्राकर को रायपुर एयरपोर्ट से हिरासत में लेकर विस्तृत पूछताछ करने उपरांत घटना में प्रयुक्त वाहन, मिक्सर मशीन, भागने में उपयोग में लाये वाहन, घटना में प्रयुक्त आला जरब लोहे एवं अन्य भौतिक साक्ष्यो को बरामद कर लिया गया। घटना में प्रयुक्त लोहे की राड व घटना से संबंधित अन्य भौतिक साक्ष्यो को इन्होने नेलसनार नदी के किनारे जंगल झाड़ी में छुपा रखा था।
• आरोपी रितेश चन्द्राकर, महेन्द्र रामटेके तथा दिनेश चन्द्राकर द्वारा साजिश के तहत् स्व० मुकेश चन्द्राकर के 02 नग मोबाइल को तुमनार नदी तक चालू हालत में रखकर, ताकि पुलिस की जांच पड़ताल में पुलिस को आखरी लोकेशन तुमनार नदी की ओर दिखायी दे। वहां जाकर पत्थरों से मोबाईल फोनो को चकनाचूर कर नदी में फेंक दिये जिसे गोताखोरो एवं अन्य साधनों से तलाश की गई, अब भी तलाश की जा रही है।
• तीनो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय से 03 दिन का पुलिस रिमाण्ड दिनांक 8.01.25 तक लिया गया।
• दिनांक 03.01.25 को सुबह सुरेश चन्द्राकर का पता करने पर पता चला कि वह बीजापुर से इनोवा वाहन से कहीं बाहर चला गया है जिसकी पृथक से गिरफ्तारी करने हेतु चार टीमे रवाना की गई। • चारो टीमों ने 48 घंटो तक लगातार बाहर रहकर सर्च आपरेशन करके दिनांक 05.01. 25 की देर रात सुरेश चन्द्राकर को हैदराबाद से हिरासत में लेने में सफलता पा ली। जिसे भी दिनांक 06.01.25 को पुलिस गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय से पुलिस रिमाण्ड प्राप्त किया।
• सुरेश चन्द्राकर से पूछताछ पर उसने बताया कि मुकेश चन्द्राकर इसका रिश्तेदार लगता है उसके बाद भी अपने चैनल में इनके खिलाफ न्यूज लगा रहा था उससे इनकी जांच शुरू हो जाने को कारण बताया है।
• एसआईटी. टीम द्वारा सभी गिरफ्तार चारो आरोपियों को अलग अलग रखकर लगातार दो दिन, दो रात तक उनके मोबाइल खंगालकर व सीडीआर के आधार पर इंट्रोगेशन किया। जिससे बहुत से महत्वपूर्ण तथ्य घटना से संबंधित साक्ष्य मिले है जिन्हे विवेचना में लिया गया है एवं पृथक से जांच की जा रही है।
• विवेचना के दौरान एसआईटी. टीम ने घटनास्थल का 02 बार रीक्रियेशन आरोपियो से करवाया गया। एफएसएल टीम जगदलपुर से भी पृथक से रूम नंबर 11 एवं अन्य संबंधित स्थानों का सूक्ष्म निरीक्षण करवाया गया जिसमें कुछ महत्वपूर्ण भौतिक साक्ष्य पुलिस को मिले है।
• घटनास्थल अब भी सील रखा गया है हर पहुलुओं की बारीकी से विवेचना की जा रही है।
• एसआईटी. टीम ने सभी पूछताछ, तलाशी, जप्ती कार्यवाहियों की वीडियोग्राफी करवायी गयी है तथा उन्हे विधिवत् साक्ष्य में लिया है।
• विवेचना के दौरान पुलिस ने 50 से अधिक संबंधित लोगो से पूछताछ किया है। जिससे भी पुलिस को कुछ अति महत्वपुर्ण साक्ष्य मिले है। उनका भी विधिवत् संग्रहण केस डायरी में एसआईटी टीम द्वारा किया गया है।
• सभी आरोपीगण के मोबाइल नंबर में बहुत से डॉटा डिलिट मिले है। जिनका लैब से परीक्षण कराया जा रहा है।
• घटनास्थल से जप्त साक्ष्य व आरोपियो द्वारा बरामद कराए गये आला जरब, कपड़े व अन्य साक्ष्यों का भी फोरेंसिक जांच कराने हेतु कार्यवाही की जा रही है।
• सुरेश चन्द्राकर व उससे जुड़े उसके संबंधियों के सम्पत्ति की विस्तृत जानकारी ली जा रही है।
• बैंको से प्राप्त जानकारी के अनुसार सुरेश चन्द्राकर ने अपने बैंक खाते से दिनांक 27. 12.2024 अर्थात घटना दिनांक से 04 दिन पूर्व ही एक बड़ी रकम निकाला है जिसके संदर्भ में एसआईटी. द्वारा विस्तृत जांच किया जा रहा है।
• पुलिस की अब तक विवेचना के मुताबिक मुकेश चन्द्राकर की हत्या की साजिश सुरेश चन्द्राकर ने अपने भाईयो के साथ मिलकर घटना से 4-5 दिन पूर्व ही बना ली थी।
• एसआईटी. टीम द्वारा हर सूक्ष्म से सूक्ष्म पहलुओ की भी विस्तृत जांच की जा रही है।
• विवेचना के दौरान पुलिस के मुताबिक मुकेश चन्द्राकर की हत्या रितेश और महेन्द्र रामटेके के रात्रि 08.30 से 10.00 दिनांक 01.01.25 को की होगी।
• सभी चार आरोपियों को जिला जेल दाखिल करवाया गया है। अभी उनका न्यायिक रिमाण्ड 15 दिन का लिया गया है।
• पुलिस टीम ने इस प्रकरण में आरोपियों की घर पकड़ और विवेचना के आधुनिक तकनीक A.I. व OSINT Tools का भी उपयोग किया है।
• विवेचना के दौरान पुलिस ने आरोपियो से करीब 04 फोर व्हीलर, मिक्सर मशीन, जप्त किया है। साथ ही 100 से अधिक सीडीआर लेकर उनका एनालिसिस किया है।
• एसआईटी टीम के द्वारा प्रकरण में विधि अनुसार साक्ष्य साक्ष्य संकलित व संग्रहित कर हर सूक्ष्म से सूक्ष्म बिन्दुओं पर जांच की जा रही है।
• उक्त मामले में महाराष्ट्र, तेंलगाना व उड़ीसा पुलिस की भी आरोपियों को पकड़ने में मद्द ली गयी ।
• राज्य एवं संभाग स्तरीय सभी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस सम्पूर्ण मामले की जांच विवेचना में दिशा निर्देश दिया जा रहा है।