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Janjgir Champa News: CG अंध विश्वास की पराकाष्ठा: 16 साल की लड़की ने जीभ काट कर चढ़ाया, तमाशबीन बने परिजन ने प्रशासन को भी मद्द करने से रोका

Janjgir Champa News: अंधविश्वास और ग्रामीणों की जिद ने 16 साल की एक लड़की की जान ले ली है. इसे अंध विश्वास की पराकाष्ठा ही कहेंगे कि बेटी मंदिर के भीतर तड़पती रही और बाहर माता पिता सहित ग्रामीण भक्तिभाव में दुबे रहे. आलम ये कि ना डाक्टरों को भीतर जाने दिया और ना ही पुलिस अफ़सरों को.

Janjgir Champa News: CG अंध विश्वास की पराकाष्ठा: 16 साल की लड़की ने जीभ काट कर चढ़ाया, तमाशबीन बने परिजन ने प्रशासन को भी मद्द करने से रोका
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By Radhakishan Sharma

Janjgir Champa News: जांजगीर चांपा। सक्ति जिले के ग्राम देवरघटा के अचरीपाली में अंधविश्वास का मामला सामने आया है। जिसमें एक 16 वर्ष की 11 वी की छात्रा आरुषि चौहान ने अपनी जीभ को काट कर भोले बाबा को समर्पित किया है। खुद को मंदिर के अंदर बंद कर साधना में बैठ गई है। वही पुलिस वालों को ग्रामीणों ने मंदिर के अंदर जाने नहीं दिया है। मामला डभरा थाना क्षेत्र का है ।

जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह सात बजे छात्रा घर के पास तलाब के किनारे बने भोले बाबा के मंदिर में अपनी जीभ को काट कर समर्पित कर दी। इससे पहले छात्रा ने कापी के एकपन्ने में छत्तीसगढ़ी में नोट भी लिखा है कि ""काकरों आवाज नहीं आना चाहिए, गाड़ी या आदमी काकरो नहीं"" और दूसरे पन्ने में लिखा कि ""अगर मैं उठ जहा तो सब के मर्डर हो जाही , चाहे मोर पापा या मम्मी या कोई अधिकारी समझ में नहीं आ रहा है आप सभी का"" वही मंदिर के अंदर ही दरवाजे को बंद कर भक्ति साधना में लीन हो गई है। घटना की जानकारी पुलिस अधिकारियों को मिलने पर टीम के साथ प्रशानिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हुए थे। मगर परिजन और ग्रामीणों ने उन्हें मंदिर के अंदर जाने नहीं दिया। गांव के लोगो ने मंदिर को चारों तरफ को घेर लिया। छात्रा के माता पिता को पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा समझाया गया अस्पताल लेजाने की बात पर माता पिता ने साफ इनकार कर दिया है।108 एम्बुलेंस के साथ डॉक्टरों की टीम मौके पर मौजूद है।

माता पिता की जिद के आगे नहीं चली

डभरा एसडीओपी सुमित गुप्ता ने बताया कि सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम और एसडीएम, तहसीलदार भी मौके पर पहुंच गए। सभी ने समझाने की कोशिश की है मगर माता पिता का कहना है कि मान्यता है और बच्ची स्वस्थ है, कुछ नहीं हुआ है उसे कही ले जाने भी नहीं दिया.


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