Bilaspur High Court News: जेल में कैदियों से ऑनलाइन वसूली और मारपीट: दो अफसर दोषी, एक पर कार्रवाई, दूसरे के लिए पीएससी से मांगी अनुमति
Bilaspur High Court News: सारंगढ़ उप जेल में अजीबो-गरीब शिकायत मिली थी। जेल कर्मियों ने कैदियों से आनलाइन वसूली की थी। याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में आनलाइन ट्रांजेक्शन का दस्तावेज दिखाते हुए गंभीर शिकायत दर्ज कराई थी। याचिकाकर्ता और हस्तक्षेपकर्ता का कहना था कि कैदियों से जेल के कर्मचारी वसूली करते हैं। कैश के अलावा आनलाइन भी रूपये वसूल रहे हैं। उनकी मांगें पूरी ना करने पर मारपीट की जाती है। इसे हाई कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए जांच का निर्देश दिया था। राज्य सरकार ने बताया कि दो अफसर दोषी पाए गए हैं। सहायक जेल अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई के लिए पीएससी को पत्र लिखकर अनुमति की जानकारी भी दी है।

बिलासपुर। सारंगढ़ जेल में कैदियों से ऑनलाइन उगाही और मारपीट के मामले में हाई कोर्ट ने जांच का निर्देश दिया था। जेल प्रशासन की ओर से बताया गया कि दोनों अधिकारियों पर लगे आरोप साबित हो चुके हैं। इनमें से एक को सजा भी दे दी गई है, जबकि दूसरे मामले में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की अनुमति का इंतजार है।
हाई कोर्ट ने 3 अप्रैल को हुई पिछली सुनवाई में राज्य सरकार से दो दोषी कर्मचारियों वार्डन महेश्वर हिचामी और सहायक जेल अधीक्षक संदीप कुमार कश्यप के खिलाफ हुई जांच की अपडेट रिपोर्ट और कार्रवाई की जानकारी मांगी थी। इस आदेश के पालन में जेल के विधि अधिकारी ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। बताया कि महेश्वर हिचामी पर लगे आरोप सही पाए गए हैं और उसे दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने की सजा दी गई है। संबंधित आदेश की कॉपी भी प्रस्तुत की गई। सहायक जेल अधीक्षक संदीप कुमार कश्यप के खिलाफ भी आरोप साबित हुए हैं, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए पीएससी की मंजूरी अभी तक नहीं मिली है। विभाग ने पीएससी को रिमाइंडर भेजा है। इस मामले पर अब अगस्त में सुनवाई होगी।
सहायक जेल अधीक्षक सस्पेंड:–
बिलासपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक खोमेश मण्डावी ने 28 फरवरी को उप जेल सारंगढ़ पहुंचकर घटना की जांच की थी। जांच में आए तथ्यों के आधार पर सहायक जेल अधीक्षक, उप जेल सारंगढ़ संदीप कश्यप और दो प्रहरियों को भी निलंबित किया गया। सारंगढ़ के दो प्रहरियों को भी निलंबित किया गया था। इसके बाद मामले की जांच की जा रही है।
