Begin typing your search above and press return to search.

Bilaspur News: गजब का फर्जीवाड़ा, OBC और ST के फर्जी जाति प्रमाण पत्र से बनी शिक्षिका, हुई बर्खास्त

फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रही शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया गया है। शिक्षिका ओबीसी वर्ग की होने के बावजूद एसटी अनुसूचित जनजाति वर्ग बैगा जाति का फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षक की नौकरी पाई थी। जांच में फर्जीवाड़ा प्रमाणित पाए जाने पर शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया है।

फाइल फोटो
X

Janjgir News: पुलिस की वर्दी में चोर! आरक्षक निकला गिरोह का मास्टरमाइंड, एसपी ने किया बर्खास्त

By Radhakishan Sharma

बिलासपुर। फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रही शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया गया है। शिक्षिका ओबीसी वर्ग की होने के बावजूद एसटी अनुसूचित जनजाति वर्ग बैगा जाति का फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षक की नौकरी पाई थी। जांच में फर्जीवाड़ा प्रमाणित पाए जाने पर शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया है।

बिल्हा विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला चांटीडीह में शिक्षिका के पद पर उर्मिला बैगा पदस्थ थीं। उनके खिलाफ अनुसूचित जनजाति वर्ग का फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने की शिकायत मिली थी। शिकायत की जांच उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति कार्यालय आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के अलावा पंडित रविशंकर शुक्ल विश्विद्यालय रायपुर से कराई गई। जांच में यह पाया गया कि उर्मिला बैगा के पिता रतनलाल के दादा दुखिया वल्द हरिराम मिशल अभिलेख वर्ष 1928–29 में ढीमर जाति अंकित थीं। रतन लाल की सेवा पुस्तिका में ढीमर जाति अंकित थीं एवं उर्मिला का शासकीय प्राथमिक शाला कुदुदंड में दाखिल/ ख़ारिज क्रमांक 499 में जाति ढीमर लिखा हुआ है। ढीमर जाति केंद्र तथा राज्य सरकार की अन्य पिछड़ा वर्ग OBC सूची में शामिल है।

छानबीन समिति ने जारी किया आदेश-

अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने 11 दिसंबर 2006 को आदेश मे उर्मिला को जारी अनुसूचित जनजाति वर्ग के प्रमाण पत्र को निरस्त करने ओर सेवा से तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी किया है। उक्त आदेश के परिपालन में जिला शिक्षा अधिकारी ने 7 फरवरी 2007 को आदेश जारी कर उर्मिला बैगा की सेवा समाप्त किए जाने का आदेश जारी किया।

DEO के आदेश को हाई कोर्ट में दी थी चुनौती-

डीईओ के आदेश को चुनौती देते हुए उर्मिला ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट के फैसले और उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति के आदेश के बाद शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय चांटीडीह विकासखंड बिल्हा में पदस्थ शिक्षिका उर्मिला बाई को सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

Next Story