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Durlabh Kashyap History in Hindi: जानिए MP के उस कम उम्र डॉन को जो सोशल मीडिया पर लेता था सुपारी

Durlabh Kashyap History in Hindi: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की बेला है. पॉलिटिक्स के बीच अपराध की बातचीत न हो तो बात अधूरी सी रह जाती है. बदमाशों का जिक्र करें तो Madhya Pradesh में भरमार है. लेकिन, king of bewar के नाम से मशहूर दुर्लभ कश्यप एमपी का सबसे कम उम्र का ऐसा डॉन है जिसके चाहने वाले आज भी बड़ी मात्रा में हैं....

Durlabh Kashyap History in Hindi:  जानिए MP के उस कम उम्र डॉन को जो सोशल मीडिया पर लेता था सुपारी
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दुर्लभ कश्यप (img : social media)

By Manish Dubey

Durlabh Kashyap History in Hindi : दुर्लभ कश्यप, जैसा नाम वैसे ही लक्षण… मतलब नाम दुर्लभ तो काम और वारदात भी दुर्लभ। मध्य प्रदेश के उज्जैन का एक खतरनाक गैंगस्टर जिसका काम सोशल मीडिया के जरिए धमकी और गैंग का प्रचार करना था। 20 साल के उस गैंगस्टर का काम करने का यही तरीका था। कहा जाता है कि वह उज्जैन का सबसे बड़ा डॉन बनना चाहता था।

माथे पर लाल टीका, आंखों में सुरमा और कंधे पर गमछा, दुर्लभ कश्यप और उसके गैंग की यही खास पहचान थी। दुर्लभ कश्यप अक्सर हथियारों के साथ अपना फोटो सोशल मीडिया पर डालता था। जिसे लेकर युवा जल्द ही उसके स्टाइल से प्रभावित होने लगे और दुर्लभ की गैंग में लड़कों की भर्ती होने लगी। दुर्लभ की गैंग में ज्यादातर बदमाश नाबालिग ही होते थे। अपने फेसबुक पर दुर्लभ ने लिख रखा था- 'कुख्यात बदमाश, हत्यारा, पेशेवर अपराधी, किसी भी विवाद के लिए संपर्क करें।'

कौन था दुर्लभ कश्यप? Who Is Durlabh Kashyap

दुर्लभ कश्यप मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले का रहने वाल था। दुर्लभ कश्यप का जन्म 08 नवंबर 2000 को उज्जैन, मध्य प्रदेश में हुआ था। दुर्लभ कश्यप जीवाजीगंज के अब्दालपुरा निवासी मनोज कश्यप का पुत्र था दुर्लभ की माता उज्जैन के क्षीरसागर क्षेत्र में पूर्व स्कूल टीचर रह चुकी है पिता मुंबई में नौकरी के बाद इंदौर शिफ्ट हो गये थे। दुर्लभ एक संभ्रात परिवार का लड़का था जिसे बिल्लियों से बहुत प्यार था और बिल्ली पालने का शौकीन था।

सोशल मीडिया पर लेता था सुपारी

दुर्लभ शोसल मीडिया का पूरा उपयोग करता था। यहाँ तक की वह फेसबुक पर ही रंगदारी और सुपारी लेता था। फेसबुक पर कश्यप का पोस्ट देख कई युवा उससे प्रभावित हो जाया करते थे और उसके गैंग को ज्वाइन कर लेते थे। अपने इस गैंग से दुर्लभ अपराध करवाता था दुर्लभ की गैंग से लगभग 100 से ज्यादा युवा जुड़े थे। जो रंगदारी, हफ्ता वसूली, लूटपाट जैसे अपराध को अंजाम देते थे। जब इसकी जानकारी तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर को लगी तब उन्होंने कश्यप की गैंग का पर्दाफास करते हुए गैंग के दो दर्जन से अधिक लड़कों को गिरफ्तार किया था।

एक जैसा था गैंग का ड्रेस कोड | King Of Bewar

आप को ये जान कर हैरानी होगी की दुर्लभ कश्यप की गैंग का ड्रेस कोड एक दम अलग था। कश्यप के गैंग मेम्बर के माथे पर भी टीका, आँखो में काजल और गले में काला कपडा होता था। एक वजह यह भी बताई जाती है जिस कारण युवा उसके मुरीद हो जाते थे। दुर्लभ अपने फेसबुक प्रोफाइल स्टेटस में कुख्यात बदमाश, हत्यारा और कोई सा भी विवाद हो कैसा भी विवाद हो तो मुझे संपर्क करें जैसे स्टेटस लगाता था। इसके अलावा प्रोफाइल फोटो में हथियारों के साथ और धमकाने व दहशत फ़ैलाने वाले पोस्ट डाला करता था।

कम उम्र में ही बना अपराधी

15-16 साल की उम्र में जब लड़के अपनी पढ़ाई और भविष्य के बारे में सोचने लगते हैं, तब दुर्लभ कश्यप अपराध की दुनिया में जाने की तैयारी कर रहा होता है। दुर्लभ की मां एक शिक्षिका तो पिता व्यापारी थे। बाहर से अपराध की दुनिया जितनी आकर्षक लगती है वास्तविक में होती नहीं है, लेकिन उस 16 साल के लड़के को तो इस काम से नाम और प्रसिद्धि चाहिए थी, जिसका अंजाम सिर्फ और सिर्फ मौत ही होता है। 16 साल की उम्र में कश्यप अपराध की दुनिया में उतरा और 2 साल होते-होते उज्जैन में इसके नाम का सिक्का चलने लगा।

18 साल की उम्र - 9 मुकदमें

दुर्लभ इसी तरह के पोस्ट डालता, जो युवाओं को आकर्षित करता। फिर ये बदमाश हर तरह के क्राइम को अंजाम देते थे। 18 साल की उम्र तक दुर्लभ पर 9 मामले दर्ज हो चुके थे। पुलिस के लिए दुर्लभ सिरदर्द बन चुका था। अक्टूबर 2018 को दुर्लभ आखिरकार अपने 23 साथियों के साथ पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। तब एक पुलिस अधिकारी ने दुर्लभ से कहा था- 'तुमने बहुत ही कम उम्र में बहुतों से दुश्मनी मोल ले ली है, जेल में रहेगा तभी सुरक्षित रहेगा।'

जेल जाने के बाद भी सक्रिय रहा गैंग

दुर्लभ जेल तो गया लेकिन गैंग चलता ही रहा। कोरोना के दौर में जब जेल से बदमाशों को जमानत पर रिहा किया जाने लगा तो दुर्लभ भी जेल से बाहर आ गया। पुलिस अधिकारी की चेतावनी दुर्लभ भूल चुका था, लेकिन अपराध की दुनिया कभी भी अपने दुश्मन को नहीं भूलती है। 6 सितम्बर 2020 को दुर्लभ रात में घर में खाना खाया और अपने साथियों के साथ सिगरेट पीने एक दुकान पर पहुंचा। यहां पर एक और गैंग, शाहनवाज भी अपने साथियों के साथ मौजूद था।

इस तरह मारा गया अपराध का दुर्लभ

दुर्लभ कश्यप की मौत 06 सितंबर 2020 को हुई थी। 06 सितंबर की रात तक़रीबन 2 बजे हेलावाड़ी क्षेत्र में एक गैंगवार के दौरान हो गई थी। दुर्लभ कश्यप की हत्या उसकी पुरानी रंजिश के कारण हुई थी। बताया जाता है कि, जब दुर्लभ कश्यप हेलावाड़ी में मौजूद एक चाय की दुकान पर चाय पी रहा था तभी गैंगवार में शाहनवाज और शादाब द्वारा कश्यप को चाकू से गोदकर-गोदकर उसकी हत्या कर दी गई थी। दुर्लभ को 36 चाकू मारी गई थीं। दुर्लभ 20 साल की उम्र में अपराध की दुनिया का पोस्टर बॉय बन कर मारा गया। दुर्लभ इस दुनिया से जा चुका है लेकिन इसके नाम पर उज्जैन में आज भी गैंग चल रहे हैं।

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