UP Dharmantaran News: 'प्यार-पैसा और पहचान’ के नाम पर धर्मांतरण: 50 हजार का इनामी छांगुर बाबा गिरफ्तार, जाति के आधार पर तय थी रेट
Chhangur Baba Giraftar: लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) ने बलरामपुर जिले में एक बड़े अवैध धर्मांतरण (Dharmantaran) के नेटवर्क का खुलासा किया है। इस ऑपरेशन के दौरान 50 हजार के इनामी अभियुक्त जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा (Chhangur Baba) और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया है। छांगुर बाबा (Chhangur Baba) का गिरोह 'प्यार-पैसा और पहचान’ के तीन हथियारों का इस्तेमाल कर हिंदू युवतियों को फंसाकर, डराकर और ब्लैकमेल कर जबरन धर्मातरण (Dharmantaran) करवाता था।

Chhangur Baba Giraftar: लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) ने बलरामपुर जिले में एक बड़े अवैध धर्मांतरण (Dharmantaran) के नेटवर्क का खुलासा किया है। इस ऑपरेशन के दौरान 50 हजार के इनामी अभियुक्त जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा (Chhangur Baba) और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया है। छांगुर बाबा (Chhangur Baba) का गिरोह 'प्यार-पैसा और पहचान’ के तीन हथियारों का इस्तेमाल कर हिंदू युवतियों को फंसाकर, डराकर और ब्लैकमेल कर जबरन धर्मातरण (Dharmantaran) करवाता था। छांगुर बाबा (Chhangur Baba) और उसकी सहयोगी नीतू पर लखनऊ के आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) थाने में गंभीर आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है।
बेहद शातिर था गिरोह का तरीका
जांच में यह भी सामने आया कि छांगुर बाबा (Chhangur Baba) न सिर्फ 'प्यार-पैसा और पहचान’ के तीन हथियारों का इस्तेमाल कर हिंदू युवतियों को फंसाकर, डराकर और ब्लैकमेल कर जबरन धर्मातरण करवाता था। बल्कि यह नेटवर्क देश की सामाजिक और सांस्कृतिक जड़ोें को हिलाने का संगठित कोशिश कर रहा था। गिरोह का तरीका बेहद शातिर था। मुस्लिम युवकों को हिंदू नाम देकर ब्राह्मण, क्षत्रिय और OBC वर्ग की लड़कियों से दोस्ती कराई जाती। जैसे ही संबंध बनते, उन्हें झांगुर बाबा की दरगाह पर ले जाकर जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता। इसके बाद पीड़िता का नाम बदलकर मुस्लिम नाम रख दिया जाता और निकाह करवा दिया जाता था। गुंजा गुप्ता का मामला इसका सबसे स्पष्ट उदाहरण है, जिसे ‘अमित’ नाम के युवक ने प्रेमजाल में फंसाया और दरगाह पहुंचाकर ‘अलीना अंसारी’ बना दिया।
धर्म परिवर्तन की 'रेट लिस्ट'
आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि गिरोह ने जाति आधारित दरें तय कर रखी थीं
ब्राह्मण, क्षत्रिय और सिख युवतियों के लिए- 15-16 लाख रुपए
पिछड़ी जाति (OBC) के लिए- 10-12 लाख रुपए
अन्य जातियों के लिए- 8-10 लाख रुपए
बताया जा रहा है कि ये रकम विदेशी फंडिंग से प्राप्त होती थी, जिसका उपयोग धर्मातरण, संपत्ति खरीद और व्यक्तिगत ऐशो आराम में होता था।
‘शिजर-ए-तैय्यबा’ – ब्रेनवॉश की किताब
झींगुर बाबा ने ‘शेर-ए-तैयबा’ नामक एक पुस्तक भी छपवाई थी, जिसका इस्तेमाल युवाओं और महिलाओं का ब्रेनवॉश करने में किया जाता था। इस किताब में इस्लामिक कट्टरता और गजवा-ए-हिंद जैसे उग्र विचारों का प्रचार किया गया था।
100 करोड़ का खेल और 40 बार विदेश यात्रा
आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) के मुताबिक, गिरोह के पास 40 से ज्यादा बैंक अकाउंट थे, जिनमें कई फर्जी संस्थाओं के नाम से खोले गए थे। इन खातों में करीब 100 करोड़ रुपए का लेनदेन सामने आया है। इतना ही नहीं यह फंडिंग इस्लामिक देशों से आया करता था। इस पैसे से बंगले, शोरूम और लगजरी गाड़ियां खरीदी गई। छांगुर बाबा (Chhangur Baba) खुद भी कई बार विदेश यात्रा कर चुका था।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा
इस पूरे मामले से स्पष्ट होता है कि यह गिरोह केवल आपराधिक या व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति, सामाजिक सौहार्द और आंतरिक सुरक्षा पर सीधा हमला करने की कोशिश कर रहा था। ‘गजवा-ए-हिंद’ जैसे खतरनाक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए विदेशी फंडिंग का दुरुपयोग, फर्जी पहचान, और धर्म के नाम पर शोषण—यह सब राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चेतावनी है।