Begin typing your search above and press return to search.

CG News: जिला मलेरिया अधिकारी बर्खास्त, रिश्वत लेते रंगे हाथ हुए थे गिरफ्तार....

CG News: वर्ष 2014 में रिश्वत लेते हुए पकड़ाए जिला मलेरिया अधिकारी को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है। इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अदालत ने 2018 में दोषसिद्धि कर उक्त चिकित्साधिकारी को एक वर्ष कारावास और 15 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। लंबे समय तक बर्खास्तगी पेंडिंग रही थी। अब जीरो टारलेंस की नीति के तहत राज्य सरकार ने कार्यवाही की है।

CG News: जिला मलेरिया अधिकारी बर्खास्त, रिश्वत लेते रंगे हाथ हुए थे गिरफ्तार....
X

CG Teacher News

By Radhakishan Sharma

CG News: रायपुर। राज्य सरकार ने जीरो टारलेंस की अपनी नीति के तहत रिश्वत लेते हुए पकड़े गए प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी जिला धमतरी को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। वर्ष 2014 में डॉक्टर एम ए नसीम को धमतरी जिला कार्यालय में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। मामले में प्रकरण चलने पर 2018 में उन्हें एक वर्ष कारावास और 15 हजार रुपए की सजा भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत में सुनाई थी। इसके बाद सजा के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट से स्टे लिया हुआ था। अब राज्य सरकार ने उन्हें समीक्षा अब समीक्षा उपरांत सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

डॉक्टर एमए नसीम प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी के पद पर जिला धमतरी में पदस्थ थे। उन्हें एंटी करप्शन ब्यूरो ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। मामले में चालान अदालत में प्रस्तुत किया गया था। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रायपुर द्वारा 8 मार्च 2018 को धारा 7 पीसी एक्ट 1988 के अपराध में 1 वर्ष का सश्रम कारावास और 15 हजार रुपए जुर्माना की सजा से दंडित किया गया था। धारा 13 (1) डी सहपठित धारा 13(2) पीसी एक्ट 1988 के तहत एक वर्ष का सश्रम कारावास तथा 15 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई थी।

जिसके खिलाफ डॉक्टर एमए नसीम द्वारा विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रायपुर के न्यायालय के फैसले के विरुद्ध उच्च न्यायालय बिलासपुर से 19 मार्च को पारित दंडादेश को अपील प्रकरण के निराकरण कर निलंबित रखे जाने का आदेश लेकर सजा पे स्टे ले लिया। उच्च न्यायालय ने डॉक्टर नसीम को दोष मुक्त नहीं किया बल्कि उनकी सजा को अपील के निराकरण तक स्थगित रखा।

सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार यदि किसी शासकीय सेवक जिसे न्यायालय द्वारा अपराध प्रकरण में दोषी पाए जाने के कारण दंडित किया गया हो एवं उसे उस शासकीय सेवक के नैतिक पतन होने का आभास होता हो तो उन शासकीय सेवक को सेवा से पदच्युत करने की शास्ति अधिरोपित किए जाने के निर्देश है।

सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रकरण में डॉक्टर नसीम के विरुद्ध दंडादेश पारित करने के पूर्व छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की सहमति हेतु प्रार्थना को प्रेषित किया। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने प्रशासकीय निर्णय पर अपनी सहमति जताई। अंतिम दंडादेश पारित करने के पूर्व समन्वय में मुख्यमंत्री का आदेश प्राप्त किया गया। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 8 फरवरी 1999 की कंडिका क्रमांक 2 (क) (5) में अंकित है कि यदि संबंधित शासकीय सेवक ने अपनी दोषसिद्धि के विरुद्ध अपीलीपीय न्यायालय में अपील की है और अपीलीय न्यायालय में दोषसिद्धि को स्थगन न देकर मात्र सजा को स्थगित किया गया है तो भी बर्खास्तगी की शास्ति अधिरोपित की जा सकती है। इस नियम के तहत डॉक्टर एमए नसीम चिकित्सा अधिकारी जिला धमतरी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

Next Story