CG Liquor Scam: 29 आरोपियों वाला छत्तीसगढ़ ACB का सबसे बड़ा चालान, आरोपियों में सहायक जिला आबकारी से लेकर उपायुक्त स्तर के अधिकारी, 2174 करोड़ की शराब बेचने का आरोप
CG Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में आबकारी घोटाले में ईओडब्ल्यू, एसीबी की टीम ने 29 अधिकारियों के खिलाफ विशेष न्यायालय में चालान पेश किया गया। आरोपियों में सहायक जिला आबाकारी से लेकर उपायुक्त आबकारी अधिकारी स्तर के शामिल है।

CG Liquor Scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ में शासकीय शराब दुकानों में 2174 करोड़ रूपये का अन-एकाउंटेड बिना ड्यूटी पेड शराब बेचने के आरोप में 29 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ इओडब्ल्यू-एसीबी की टीम ने विशेष न्यायालय में चालान पेश किया। चार्जशीट में जिन अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है, उनमें से कुछ रिटायर हो चुके हैं और कुछ विभाग में पदस्थ है। सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश होने नोटिस जारी किया गया था, किन्तु वे न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए।
आरोपियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ राज्य में आबकारी घोटाला प्रकरण में (अपराध क्रमांक-04/2024, धारा-7,12 भ्र.नि.अधि. 1988 यथा संशोधित अधिनियम 2018 एवं 420, 467, 468, 471, 120 बी भा०द०वि० में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर में चल रही जांच पर पाये गये सबूतों के आधार पर, आज संलिप्त 29 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ विशेष न्यायालय रायपुर में चतुर्थ पूरक अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। आरोपियों में सहायक जिला आबकारी अधिकारी से लेकर जिला आबकारी अधिकारी, सहायक आयुक्त आबकारी एवं उपायुक्त आबकारी अधिकारी शामिल है।
जानिए मामला
वर्ष 2019 से लेकर 2023 के दौरान ये अधिकारी उन 15 बड़े जिलों में जिला प्रभारी अधिकारी या अन्य पदों पर कार्यरत थे, जहां अन-एकाउंटेंड बिना ड्यूटी पेड शराब की ब्रिक्री शासकीय शराब दुकानों में ड्यूटी पेड शराब के समानांतर की गई, तथा कुछ अधिकारी इस अवैध शराब बिक्री के लिए राज्य स्तर पर समन्वय का कार्य करते थे।
जांच पर मिले तथ्यों के आधार पर राज्य स्तर पर बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर, 15 ऐसे बड़े जिलों का चुनाव किया गया था, जिसमें देशी शराब की खपत अधिक थी। उन चिन्हित जिलों में ऐसे देशी शराब दुकान जिसमें शराब की खपत ज्यादा थी, उनमें आबकारी सिंडीकेट के निर्देश के मुताबिक डिस्टलरियों में अतिरिक्त शराब निर्माण कर ट्रकों में भरकर शराब सीधे चुने हुए जिलों के अधिक बिक्री वाले देशी शराब दुकानों में भेजे जाते थे। इस तरह की शराब को बिना किसी प्रकार का शासकीय शुल्क/ड्यूटी पटाये, नियमतः डिस्टलरी से वेयर हाऊस/शासकीय डिपो से मांग के आधार पर दुकानों में लायी गई वैध शराब के समानांतर बेची गई।
इस कार्य में दुकानों के सेल्स मैन, सुपरवाईजर, आबकारी विभाग के निचले स्तर के अधिकारी, दुकान प्रभारी अधिकारी से लेकर जिला प्रभारी आबकारी अधिकारी शामिल थे। इस तरह की शराब को बी-पार्ट की शराब के नाम से जाना जाता था। जिसके बिक्री रकम को अलग से एकत्र कर जिला स्तर पर जिला प्रभारी आबकारी अधिकारी के नियंत्रण में सिंडीकेट के लोगों तक पहुंचाने का काम किया जाता था।
2174 करोड़ की शराब बेचीं गई
लगभग तीन साल की अवधि में बी-पार्ट के शराब की शासकीय शराब दुकानों में अवैध बिक्री की गणना आबकारी के जिला प्रभारी अधिकारी, आबकारी के मंडल प्रभारी अधिकारी, आबकारी के वृत्त प्रभारी, आबकारी के दुकान प्रभारी, आबकारी के वृत्त प्रभारी अधिकारियों के अधीन काम करने वाले आरक्षक/प्रधान आरक्षक, मैन पॉवर सप्लाई एजेंसी के जिला क्वार्डिनेटर, मैन पॉवर सप्लाई एजेंसी के लोकेशन ऑफिसर, मैन पॉवर सप्लाई एजेंसी के दुकानों के सुपरवाईजर, मैन पॉवर सप्लाई एजेंसी के दुकानों के सेल्समैन, टॉप सिक्यूरिटी एजेंसी में जिला प्रभारी के तौर पर कार्य कर रहे कर्मचारीगण, जिलों से बी-पार्ट के पैसों को एकत्र कर सिंडीकेट तक पहुंचाने वाले एजेंटो सहित लगभग 200 लोगों के बयान एवं प्राप्त डिजीटल साक्ष्य के आधार पर शासकीय शराब दुकानों में आरोपित अधिकारियों के शह पर लगभग 60,50,950 पेटी शराब जिसकी कीमत 2174 करोड़ रूपये अनुमानित, बेची गई है। जिसका एक निश्चित हिस्सा जिले में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों के साथ-साथ दुकान के सेल्स मैन और सुपरवाईजरों को भी मिलता था।
पूर्व गणना के आधार पर यह शराब घोटाला सभी तरह के कमीशन, दुकानों में बिना ड्यूटी पेड अतिरिक्त शराब की बिक्री को जोड़कर लगभग 2161 करोड़ रूपये का माना जा रहा था। किन्तु इस नई जांच के आधार पर घोटाले की संपूर्ण राशि 3200 करोड़ रूपये से भी अधिक संभावित है। विदेशी शराब पर सिंडीकेट द्वारा लिये गये कमीशन का गहन विश्लेषण ईओडब्ल्यू/एसीबी के द्वारा किया जा रहा है।
ईओडब्ल्यू/एसीबी के द्वारा 5.07.2025 को अभियोग पत्र प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया था, किन्तु विशेष न्यायाधीश के अवकाश पर रहने की वजह से आज संबंधित अपराध में चतुर्थ पूरक चालान प्रस्तुत किया है। इस हेतु आरोपियों को नोटिस जारी किया गया था, किन्तु वे न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए।
13 लोग हो चुके गिरफ्तार
इस आबकारी घोटाले के जांच के दौरान पूर्व में अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरूणपति त्रिपाठी, कवासी लखमा, विजय भाटिया सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रथम सूचना पत्र के मुताबिक इस अपराध में नामजद 70 आरोपी है। प्रकरण में विवेचना जारी है।
अधिकारी जिनके विरूद्ध अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया
जनार्दन कौरव, पिता पंचम सिंह, उम्र 50 वर्ष, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
अनिमेष नेताम, पिता स्व. आनंद नेताम, उम्र 49 वर्ष, उपायुक्त आबकारी,
विजय सेन शर्मा, पिता पीसी सेन शर्मा, उम्र 48 वर्ष, उपायुक्त आबकारी
अरविंद कुमार पाटले, पिता स्व. नेवल सिंह पाटले, उम्र 49 वर्ष, उपायुक्त आबकारी
प्रमोद कुमार नेताम, पिता स्व. श्याम लाल नेताम उम्र 60 वर्ष, सहायक आयुक्त आबकारी
रामकृष्ण मिश्रा, पिता शैलेन्द्र मिश्रा, उम्र 36 वर्ष, सहायक आयुक्त, आबकारी
विकास कुमार गोस्वामी, पिता विनोद गोस्वाम, उम्र 44 वर्ष, सहायक आयुक्त आबकारी
इकबाल खान, पिता महूम मोहम्मद स्माईल खान, उम्र 56 वर्ष, जिला आबकारी अधिकारी
नितिन खंडुजा, पिता रवीन्द्र खंडुजा, उम्र 53 वर्ष, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
नवीन प्रताप सिंग तोमर, पिता भगवान सिंह तोमर, उम्र 43 वर्ष, सहायक आयुक्त आबकारी
मंजुश्री कसेर, पति रामचन्द्र सारस, उम्र 47 वर्ष, सहायक आबकारी अधिकारी
सौरभ बख्शी, पिता राजीव बख्शी, उम्र 41 वर्ष, सहायक आयुक्त आबकारी,
दिनकर वासनिक, पिता डॉ पीएल वासनिक, उम्र 42 वर्ष, सहायक आयुक्त आबकारी,
मोहित कुमार जायसवाल, पिता रामलाल जायसवाल, उम्र 46 वर्ष, अधिकारी जिला आबकारी
नीतू नोतानी ठाकुर, पति मोहन दास नोतानी, उम्र 45 वर्ष, उपायुक्त आबकारी
गरीबपाल सिंह दर्दी, पिता स्व. दिलबाग सिंह दर्दी, उम्र 59 वर्ष, जिला आबकारी अधिकारी,
नोहर सिंह ठाकुर, पिता स्व. गौतम सिंह ठाकुर, उम्र 45 वर्ष, उपायुक्त आबकारी
सोनल नेताम, पिता एम. एस. नेताम, उम्र 36 वर्ष, सहायक आयुक्त, आबकारी
प्रकाश पाल, पिता सपन कुमार पाल, उम्र 44 वर्ष, सहायक आयुक्त आबकारी,
अलेख राम सिदार, पिता मुरलीधर सिदार, उम्र 34 वर्ष, सहायक आयुक्त आबकारी
आशीष कोसम, पिता बृजलाल कोसम, उम्र 50 वर्ष, सहायक आयुक्त आबकारी
ए.के. सिंग, पिता अखिलेश्वर सिंह उम्र 62 वर्ष, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
राजेश जायसवाल, पिता हरीप्रसाद जायसवाल, उम्र 42 वर्ष, सहायक आयुक्त आबकारी
जे.आर. मंडावी, पिता नंदलाल मंडावी, उम्र 64 वर्ष, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
जी.एस. नुरूटी, पिता दयाराम नुरूटी, उम्र 63 वर्ष, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)
देवलाल वैष, पिता स्व गोवर्धन सिंह वैध, उम्र 63 वर्ष, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
ए.के. अनंत, पिता आशाराम अंनत, उम्र 65 वर्ष, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
वेदराम लहरे, पिता जगत राम लहरे, उम्र 66 वर्ष, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)
एल.एल. ध्रुव, पिता स्व मोतीसिंह ध्रुव, उम्र 66 वर्ष, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)
