CG Cyber Crime News: डिजिटल गिरफ्तारी का जाल, CRPF एसआई से 22 लाख की ठगी, पत्नी के जेवर गिरवी रख फ्रॉड को भेजे पैसे
खाते में गैरकानूनी काम होने और मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखा केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स के एसआई को डिजीटल अरेस्ट कर और परिवार वालों को नुकसान होने का हवाला दे सायबर ठगों ने 22 लाख रुपए विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा ठग लिए। जवान ने पत्नी के जेवर गिरवी रख, सैलरी एकाउंट के पैसे,एफडी तोड़ ठगों को पैसे दिए। ठगी का एहसास होने पर सब इंस्पेक्टर ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

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अंबिकापुर। खाते से गैर कानूनी काम होने का डर दिखा कर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल अंबिकापुर में पदस्थ एक एसआई से 22 लाख रुपए ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। सीआरपीएफ एसआई फ्रॉड कॉल के झांसे में इस तरह आ गया कि उसने गिरफ्तारी के डर से पत्नी के जेवर गिरवी रखकर व बेटे के नाम का एफडी तोड़कर फ्रॉड करने वालों द्वारा बताए गए विभिन्न खातों में 22 लाख रुपए डाल दिए। एसआई ने मामले की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई है। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। मामला गांधीनगर थाना क्षेत्र का है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल अंबिकापुर में एसआई के पद पर पदस्थ आर. महेन्द्रन पिता के. रामास्वामी 55 वर्ष 5 जून की सुबह करीब साढ़े 9 बजे सीआरपीएफ कैंप अंबिकापुर में थे। इसी बीच एक व्यक्ति ने मोबाइल पर कॉल कर कहा कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट गवर्मेंट ऑफ इंडिया दिल्ली से रविशंकर बोल रहा हूं। आपके आधार से सिम कार्ड लिया गया है और उक्त सिम से गैर कानूनी काम हो रहे हैं। सिम को 2 घंटे में बंद कर दिया जाएगा और इसकी रिपोर्ट दिल्ली पुलिस में की जा रही है। कुछ देर बाद पुन: दिल्ली पुलिस के नाम पर एक व्यक्ति ने फोन कर सीआरपीएफ एसआई का नाम पूछा। इसके बाद उसके मोबाइल पर वीडियो कॉल किया। सामने वाला व्यक्ति पुलिस यूनिफॉर्म में था। उसने अपना आईडी दिखाते हुए कहा कि आपके आधार से बैंक ऑफ बड़ौदा नेहरू पैलेस दिल्ली में 23 जनवरी 2025 को खाता खोला गया है। इसमें गैर-कानूनी रुपयों का लेन-देन हो रहा है। सीआरपीएफ जवान ने बताया कि वह मेरा खाता नहीं है। इसके बाद उसने कहा कि इस खाते में लगभग 2 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ है। मामले में पकडे़ गए आरोपी ने बताया है कि उसने खाताधारक को 10 प्रतिशत कमीशन दिया है। फ्रॉड ने कहा कि आपके खाते का वेरिफिकेशन होगा। ठग ने आरबीआई का अलग-अलग खाता नंबर देकर वेरिफकेशन के नाम पर रुपए ट्रांजेक्शन करने को कहा। वेरिफिकेशन के बाद 72 घंटे के अंदर रुपए वापस खाते में भेजने की बात कही।
सैलरी एकाउंट से दिए पैसे-
इसी बीच वीडियो कॉल पर डीसीपी सीबीआई के नाम पर दूसरा व्यक्ति बात करने लगा। उसने सीआरपीएफ जवान को एक खाता नंबर दिया। उसमें 6 जून को 49 हजार 999 रुपए डालने के लिए कहा। सीआरपीएफ एसआई ने दिए गए खाते में सैलरी अकाउंट से रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद उसने सीआरपीएफ जवान को कहा कि तुम्हारे खाते में जितना पैसा है उसका वेरिफिकेशन किया जाएगा। सीआरपीएफ जवान ने डर से अपने खाते का 2 लाख 54 हजार 648 रुपए दिए गए अलग-अलग खाते में ट्रांसफर कर दिया।
परिवार के सदस्यों को खतरा बता दिखाया डर-
फ्रॉड द्वारा 8 जून को पुन: फोन कर सीआरपीएफ एसआई को बताया गया कि वेरिफिकेशन में 17 हजार रुपए अपराधी के खाते से मैच करता है। इसमें आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनता है और आज शाम तक गिरफ्तारी की जाएगी। फिर भी आपको बचाने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में बात करूंगा। इसके बाद फोन कट कर दिया और थोड़ी देर बाद पुन: कॉल कर बताया गया कि तुम कल तक दस लाख रुपए का इंतजाम करो। तुम्हारे परिवार को खतरा हो सकता है, इसलिए ये बात किसी को मत बताना। एसआई ने डर से किसी को नहीं बताया और हर घंटे व्हाट्सअप पर उसे अपना रिपोर्ट देता रहा।
पत्नी के जेवर भी रखे गिरवी-
एसआई के पास नौ जून को पुन: फोन आया और कहा गया कि रुपए की व्यवस्था हुई की नहीं। एसआई के मना करने पर कहा गया कि दस लाख नहीं दोगे तो बेल नहीं हो पाएगा और शाम तक गिरफ्तारी कर ली जाएगी। डर से सीआरपीएफ जवान ने पत्नी के जेवर बैंक में गिरवी रखकर 10 लाख रुपए दिए गए खाते नंबर में ट्रांसफर करा दिए।
बेटे का एफडी तोड़ दिए पैसे-
फ्रॉड द्वारा दस जून को फिर कॉल कर कहा गया कि उसे बेल मिल गई है। इसके बाद उसने बेल संबंधी फर्जी कागजात एसआई के व्हाट्सएप पर भेजा। फिर 11 जून को पुन: फ्रॉड ने सीआरपीएफ जवान को फोन कर बताया कि तुम्हारा व तुम्हारे परिवार के सदस्यों का एफडी व इंश्योरेंस का भी वेरिफिकेशन किया जाएगा। इसके लिए सात लाख रुपए व्यवस्था करने को कहा गया, इसके बाद ही छुटकारा मिलने की बात कही गई। सीआरपीएफ एसआई ने डर कर अपने बेटे की एफडी तोड़कर पांच लाख 1140 रुपए दिए गए खाते में ट्रांसफर करा दिया। इसके बाद फ्रॉड करने वालों ने कहा कि वेरिफिकेशन के बाद आपके सारे रुपए वापस कर दिया जाएंगे, जिस-जिस खाते से रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ 18 हजार रुपए वापस नहीं किए जाएंगे। क्योंकि ये रुपए अपराधी की बातों से मैच कर रहे हैं। इसके बाद फ्रॉड का मोबाइल बंद हो गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।
17 दिनों तक भय व ठगी का सिलसिला-
17 दिनों तक ठगी व दहशत का सिलसिला चलने के बाद जब २३ जून को ठगों का मोबाइल बंद बताने लगा तो एसआई को ठगी का एहसास हुआ। फिर उसने गांधीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने धारा आईटी एक्ट कि धरा 66(डी) व 118 (4) के तहत अपराध दर्ज किया है।
