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Bilaspur Crime News: पोल्ट्री फॉर्म संचालक के अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी, धमकी से परेशान होकर दोस्तों ने ही की थी हत्या

Bilaspur Crime News: पोल्ट्री फॉर्म संचालक के अंधे कत्ल की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। चोरी के झूठे मामले में फंसाने की धमकी के चलते दोस्तो ने ही प्लानिंग के साथ उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।।

Bilaspur Crime News: पोल्ट्री फॉर्म संचालक के अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी, धमकी से परेशान होकर दोस्तों ने ही की थी हत्या
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur Crime News: बिलासपुर। कोटा पुलिस ने घोरामार में हुए हत्या के मामले को सुलझा लिया है। मामले में दो आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित ने पुलिस को बताया कि युवक उन्हें गांजा तस्करी में फंसाने की धमकियां देता था। इसके अलावा वह आए दिन दोनों से अभद्र व्यवहार करता था। इससे नाराज होकर उसकी हत्या कर दी। दोनों आरोपित को न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा गया है। मामला कोटा थाना क्षेत्र का है।

मामले का खुलासा करते हुए एएसपी अर्चना झा ने बताया कि एक दिसंबर को घोरामार में रहने वाले धीरज साहू(26) गायब होने की सूचना मिली थी। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने गुम इंसान कायम किया था। इसके बाद परिजन और पुलिस उसकी तलाश कर रहे थे। सात दिसंबर की सुबह गांव के बांधा तालाब में उसकी लाश मिली। पुलिस ने जब शव निकलवाया तो उसके पेट में पत्थर बंधे थे। युवक के गले में चोट के निशान थे, उसकी पसलियां भी टूट गई थी। पीएम रिपोर्ट लेकर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि धीरज गांजा तस्करी करने वाले गिरोह से जुड़ा हुआ था।

इसके आधार पर पुलिस ने अपनी जांच आगे बढ़ाई। जांच के लिए एसएसपी रजनेश सिंह ने एडिशनल एसपी ग्रामीण अर्चना झा के नेतृत्व में टीम गठित कर दी। एडिशनल एसपी अर्चना झा ने अपनी निगरानी में विभिन्न बिंदुओं पर इनपुट जुटा जांच शुरू करवाई। जांच का वे लगातार फॉलोअप भी लेती रहीं। जांच में मिले तथ्यों के आधार पर पुलिस ने गांव में रहने वाले जगन्नाथ उर्फ अंगद साहू(18) को हिरासत में लेकर पूछताछ की। कड़ाई से पूछताछ में उसने मुख्य आरोपी अनिल साहू के साथ मिलकर हत्या की बात स्वीकार कर ली। आरोपित ने बताया कि धीरज गांजा तस्करी करने वालों से जुड़ा था। वह अनिल और जगन्नाथ से आए दिन गाली-गलौज करता था। दोनों को गांजा तस्करी के मामले में फंसाने और पूरे परिवार को बरबाद करने की धमकी भी देता था। इससे दोनों तंग आ गए थे। इसी रंजिश पर दोनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। आरोपित को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है।

महाराष्ट्र बार्डर पर पकड़ा गया मुख्य आरोपी

गांव में पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि जिस रात धीरज गायब हुआ उसी रात जगन्नाथ का हाथ टूट गया था। उसने गांव के लोगों को गिर जाने की बात कही थी। संदेह होने पर पुलिस ने उनकी तलाश शुरू की, तब जगन्नाथ तो पुलिस के हाथ आ गया पर उसने बताया कि अनिल महाराष्ट्र भाग रहा है। इस पर पुलिस की टीम ने उसका लोकेशन लेकर महाराष्ट्र बार्डर के पास गोंदिया से गिरफ्तार कर लिया। उसे भी थाने लाकर कड़ाई से पूछताछ की गई। इसमें पूरा मामला सामने आ गया।


बेहरमी से किया वार, हत्यारे का ही टूट गया हाथ

टीआइ तोपसिंह नवरंग ने बताया कि आरोपित युवक धीरज का अपहरण करने के फिराक में थे। दोनों उसका अपहरण कर फिरौती में मोटी रकम मांग करने की योजना बना लिए थे। इसे अंजाम देने दोनों रात में उसके फार्म हाउस पहुंचे। कुछ दिन पहले ही धीरज ने अपने फार्म के लिए पानी का मोटर चोरी करने के लिए कहा था। उसने कुछ रुपये भी देने की बात कही थी। युवकों ने धीरज को पास के फार्म हाउस से मोटर चोरी करने के बहाने फार्म से बाहर बुलाया। उसके बाहर आते ही जगन्नाथ ने धीरज के गले में चाकू से वार कर दिया। इसके बाद उसके सीने पर भी ताबड़तोड़ वार किया। इसी कारण अंधेरे में उसका हाथ किसी चीज टकरा गया। जिसके कारण जगन्नाथ का हाथ टूट गया था। उसने गांव के लोगों को गिरने के कारण हाथ टूटने की बात कही थी।

अपहरण कर फिरौती मांगने की बनाई थी योजना

अनिल ने आर्थिक तंगी से उबरने के लिए धीरज का अपहरण कर परिजन से फिरौती मांगने की योजना बनाई थी, लेकिन मामला उल्टा पड़ गया। आरोपी अनिल मिक्सचर मशीन का काम करता है। उसका साथी अंगद सीवी रमन यूनिवर्सिटी में बीए फर्स्ट ईयर का छात्र था। अंगद को अनिल से ड्राइविंग सीखना था, इसलिए उसने अनिल की योजना में उसका साथ दिया।

सरगांव में चालू हुआ मृतक का मोबाइल

घटना के दौरान आरोपियों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए थे, जिससे शुरुआत में पुलिस को ज्यादा मदद नहीं मिली। लेकिन तीन दिन बाद मृतक का मोबाइल सरगांव में चालू हुआ। आरोपी ने उसे चालू कर फेंक दिया था और खुद महाराष्ट्र की ओर भागने लगा। पुलिस ने लोकेशन ट्रैक कर उसे गोंदिया के पास पकड़ा। वहीं उसका साथी गांव में ही गिरफ्तार हो गया।

हत्या के बाद एक गमछे के दो टुकड़े कर शव को बांधा

हत्या के बाद आरोपियों के पास एक ही गमछा था। ऐसे में उन्होंने गमछे के दो टुकड़े किए। फिर शव को गमछे में बांधकर दोनों ने बाइक के बीच में बैठाकर उसे डेम तक ले जाया। तालाब के पास पत्थर से बांधकर शव को पानी में फेंक दिया और वहां से भाग निकले।

टीम में ये रहे शामिल

एएसपी अर्चना झा, राजेंद्र जायसवाल, अनुज कुमार, डीएसपी लालचंद मोहले के नेतृत्व में कोटा पुलिस और एसीसीयू की टीम मामले की जांच कर रही थी। इसमें टीआइ तोपसिंह नवरंग, निरीक्षक अजहरुद्दीन, एसआइ हेमंत आदित्य, हेमंत सिंह, प्रधान आरक्षक सत्यप्रकाश यादव, राहुल सिंह, आतिश पारिख, महादेव कुजूर, प्रशांत सिंह, जलेश्वर साहू, सोमेश्वर साहू, चंदन मानिकपुरी अखिलेश पारकर, दीप कंवर, प्रफुल्ल यादव, संजय श्याम शामिल रहे।

एसएसपी ने की नगद इनाम की घोषणा

एसएसपी रजनेश सिंह ने कहा कि कोटा पुलिस और एसीसीयू की टीम ने सतर्कता और समन्वय बनाकर काम किया। इससे इस पूरे मामले का पर्दाफाश हो सका। टीम भाग रहे आरोपित को महाराष्ट्र बार्डर से पकड़कर लाई। इसके बाद पूरे मामले का पर्दाफाश हो सका। उन्होंने टीम में शामिल पुलिसकर्मियों को नगद इनाम देने की घोषणा की है।d

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