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Bilaspur Crime News: पोर्न वीडियो देखकर मासूम से दुष्कर्म की कोशिश, नाकाम रहने पर 12 वर्षीय बालक ने दिया घटना को अंजाम...

Bilaspur Crime News: पांच वर्षीय नाबालिग के हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। कॉलोनी में ही रहने वाले 12 वर्षीय नाबालिक ने बच्ची से दुष्कर्म का प्रयास किया। जिसमें असफल रहने पर लकड़ी के बत्ते से बच्ची के सर में वार कर हत्या कर दी। अपचारी बालक के मोबाइल सर्फिंग का अवलोकन करने से पता चला कि बच्चा अश्लील वीडियो देखने का आदी है।

Bilaspur Crime News: पोर्न वीडियो देखकर मासूम से दुष्कर्म की कोशिश, नाकाम रहने पर 12 वर्षीय बालक ने दिया घटना को अंजाम...
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By NPG News

Bilaspur Crime News: बिलासपुर l शहर के निर्माणाधीन पॉश कॉलोनी पांच वर्षीया बच्ची के हत्या के मामले में पुलिस ने गुत्थी सुलझा ली है। पुलिस ने मामले में कॉलोनी में ही रहने वाले 12 वर्षीय बच्चे को अभिरक्षा में लिया है। अपचारी बालक ने पांच वर्षीया नाबालिक से दुष्कर्म की कोशिश की थी। नाकाम रहने पर लकड़ी के बत्ते से सर में मारकर नाबालिग को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने जब हिस्ट्री चेक की तो पता चला की मोबाइल में पोर्न देखने का आदी है। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।

सरकंडा थाना क्षेत्र के सरकंडा थाना के पीछे बन रही पॉश स्वर्णिम ईरा कॉलोनी में मजदूरी करने के लिए कोनी थाना क्षेत्र के सेमरताल से एक मजदूर परिवार आकर रह रहा है। परिवार में पति-पत्नी दोनों मजदूरी करते हैं। उनकी तीन बेटियां है। कल शाम 6 बजे जब दोनों पति-पत्नी मजदूरी करके घर लौटे तब उनकी सबसे छोटी पांच साल की बेटी खेल रही थी। मजदूर दंपत्ति हाथ-मुंह धोने लगे। उनकी बेटी उनसे पैसे लेकर चॉकलेट खाने गई। पर काफी देर तक वापस नहीं आई। इसके बाद उसके माता-पिता ने सरकंडा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस और परिजन बच्ची के तलाश में जुटे ही थे कि स्वर्णिम ईरा कॉलोनी में निर्माणाधीन मकान क्रमांक–80 में छत पर बच्ची का शव मिला। बच्ची के सर में चोट के निशान थे। सूचना मिलने पर एसपी रजनेश सिंह, एडिशनल एसपी एसीसीयू अनुज कुमार,डीएसपी सिद्धार्थ बघेल, मौके पर पहुंचे। इसके साथ ही एसएफएल यूनिट,फिंगरप्रिंट और डॉग स्क्वाड को भी बुलाया गया।

मामले में अज्ञात आरोपी के विरुद्ध अपराध धारा 103(1) भारतीय न्याय संहिता एवं धारा 194 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अंतर्गत मर्ग पंजीबद्ध कर विवेचना आरंभ किया गया। घटना स्थल के निरीक्षण पर पाया गया कि स्वर्णिम ईरा कॉलोनी बिलासपुर में जिस स्थान पर घटना घटित हुई है वहां पर एक हजार से अधिक महिला एवं पुरुष मजदूर अपने बच्चों के साथ रहकर काम करते हैं। कॉलोनी में ही बने मजदूरों के क्वार्टर में रहते हैं। घटनास्थल के निरीक्षण और घटना के तरीका के अवलोकन से यह स्पष्ट हो गया था की घटना कॉलोनी में रहने वाले किसी ने घटित की है। इस आधार पर एसपी रजनेश सिंह ने घटना के कुलसी के लिए पांच टीमों का गठन किया। इनमें तीन टीमों को कॉलोनी में रहने वाले मजदूरों एवं उनके बच्चों से पूछताछ करने हेतु,एक टीम को कॉलोनी में लगे सीसीटीवी के अवलोकन हेतु, एवं एक टीम को कॉलोनी में पूछताछ कर सूचना संकलन की जिम्मेदारी दी गई।

पुलिस टीम घटना के संबंध में पूछताछ एवं तस्वीर के दौरान कॉलोनी में कार्यरत मजदूर एवं अन्य व्यक्तियों के गोपनीय तरीके से शारीरिक जांच एवं गतिविधियों पर निगाह रख रही थी। जांच टीम के द्वारा ऐसे 9 संदिग्ध प्रतीत हो रहे व्यक्तियों की शिनाख्त की। शरीर में चोट-खरोंच के निशान थे। संदिग्धों से कड़ाई एवं बारीकी से पूछताछ किया गया। इसी दौरान कॉलोनी के सीसीटीवी के अवलोकन में एक नाबालिक बालक मृतिका को हाथ पकड़ कर घटना स्थल की ओर ले जाता हुआ दिखाई दिया। उक्त नाबालिक पूर्व से ही पहचान किए गए 9 संदिग्धों में से एक था। इस आधार पर नाबालिक से पूछताछ किया गया। जिसने घटना कारित करना स्वीकार कर लिया।

प्रकरण में नाबालिग और बच्ची दोनों के नाबालिग होने के चलते बाल कल्याण अधिनियम के निर्धारित प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करते हुए नाबालिक को हिरासत में लेकर किशोर न्याय बोर्ड में पेश किया गया है।

पोर्न देखने का आदी

पुलिस ने जब आरोपी बालक के बैकग्राउंड और हिस्ट्री को चेक किया तो पता चला कि पोर्न देखने का आदि है। उसके माता-पिता भी कॉलोनी में बने मजदूरों के क्वार्टर में रहकर निर्माणाधीन कॉलोनी में काम करते हैं। आरोपी मोबाइल में पोर्न देखने का आदी है। उसने बालिका से दुष्कर्म की कोशिश की। नाकाम रहने पर निर्माणाधीन मकान में पड़े लकड़ी के बत्ते से सर में वारकर हत्या कर दी।

एसपी रजनेश सिंह ने घटना के खुलासे के दौरान कहा कि हमें अपने सामाजिक परिवेश में आस-पड़ोस और बच्चों का ध्यान रखना चाहिए। माता-पिता अपनी व्यस्तता के चलते बच्चों को मोबाइल देकर उन्हें इंगेज करना चाहते हैं। जबकि उल्टा यदि बच्चे ज्यादा समय तक मोबाइल चलाएं तो अभिभावकों को ध्यान देना चाहिए कि उनके बच्चे मोबाइल में क्या देख रहे हैं, क्या कर रहे हैं। उन्हें उचित मार्गदर्शन व नैतिक शिक्षा देनी चाहिए।

कॉलोनी में सुरक्षा के नहीं प्रबंध

स्वर्णिम ईरा नाम से बनाई जा रही पॉश कॉलोनी में सुरक्षा के समुचित इंतजाम नहीं है। यहां 1 हजार मजदूर परिवार रहते हैं। इसके अलावा मकान बनने के बाद लोगों को हैंडओवर भी किए गए हैं। पर सुरक्षा के लिहाज से कॉलोनी के मुख्य इंट्रेंस गेट में ही गार्ड रहते हैं। कॉलोनी के अंदर और अलग-अलग जगह से कोई घुसकर कुछ वारदात कर दे तो इसे रोकने के लिए कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। एसपी रजनेश सिंह ने बताया कि कॉलोनी के लोगों ने बिल्डर के खिलाफ शिकायत करते हुए बताया कि कॉलोनी में समुचित सीसीटीवी, सुरक्षा गार्ड आदि सुरक्षा की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। कॉलोनी में 75% घर पूर्ण हो चुके हैं और केवल 25% घर बाकी है। फिर भी कॉलोनी चारों तरफ से खुली हुई है, बाउंड्री नहीं है कोई कहीं से भी आ–जा सकता है। ऐसे में कोई भी वारदात हो सकती है। एसपी ने बताया कि कॉलोनी के निर्माण में 1 हजार से अधिक लोग काम कर रहे हैं,इनमें कई बाहर से आकर काम कर रहे हैं पर इनकी कोई सूची पुलिस के पास बिल्डर ने उपलब्ध नहीं करवाई है। इसलिए सरकंडा थाने को निर्देशित किया गया है कि बिल्डर को भी थाना तलब किया जाए। इसके अलावा अन्य बिल्डरों और कॉलोनाइजरों को भी सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने हेतु निर्देशित किया जाएगा। उन्हें हिदायत दी जाएगी कि केवल कॉलोनी बनाकर हैंडओवर कर देने से काम नहीं चलेगा बल्कि सुरक्षा हेतु समुचित प्रबंध करने होंगे।

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