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Balrampur News: 23 करोड़ का घोटाला, बैंक में पदस्थ 11 अधिकारी-कर्मचारी गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला...

Balrampur News: उत्तर छत्तीसगढ़ में एक बड़ा बैंंकिंग घाेटाला फूटा है। सहकारी बैंक के अधिकारी व कर्मचारियों ने मिलकर किसानों की गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा हजम कर लिया है। उत्तर छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के दो ब्रांच में 23 करोड़ 74 लाख से अधिक का घोटाला सामने आया है। घोटाले में संलिप्त 11 अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर कर जेल भेज दिया है।

Balrampur News: 23 करोड़ का घोटाला, बैंक में पदस्थ 11 अधिकारी-कर्मचारी गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला...
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By Radhakishan Sharma

Balrampur News: बलरामपुर। उत्तर छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के कुसमी और शंकरगढ़ ब्रांच में साढ़े 23 करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आया है। पूरा घोटाला 2012 से 2022 के बीच ब्रांच के अधिकारी व कर्मचारियों ने मिलकर किया है। आडिट रिपोर्ट में 23 करोड़ 74 लाख 5 हजार 608 रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार इसमें 11 अधिकार व कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई है। घोटालेबाज अधिकारी व कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

कुसमी और शंकरगढ़ ब्रांच में यह गोरखधंधा लंबे समय से चले आ रहा था। किसानो काे कानो-कान भनक तक नहीं लग पाती थी और उनके नाम से बैंक खाता खोलकर सरकारी अनुदान के अलावा किसानों के नाम से मिलने वाले ऋण की राशि ले लेते थे। आडिट रिपोर्ट के अनुसार इस संगठित अपराध में बैंक के अधिकारी के लेकर कर्मचारी और सहकारी संस्थाओं के प्रबंधक की भी मिलीभगत सामने आई है। इन सभी ने मिलकर साढ़े 23 करोड़ का वारा-न्यारा कर दिया है। आडिट रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि बैंक के अफसरों की मिलीभगत से कर्मचारी किसानों के नाम से फर्जी बैंक अकाउंट अपने ब्रांच में खाेल लिए थे। किसानों के नाम से उनके खाते में आने वाले अनुदान व अन्य राशि को निकाल लेते थे। किसानों को इस तरह के फर्जी लेन-देन की जानकारी तक नहीं थी।

जांच के बाद बैंक प्रबंधन में घोटाले की शिकायत करते हुए घोटालेबाज अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

0 जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर में आया था ऐसे ही मामला

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर में भी कुछ इसी तरह का मामला सामने आया था। जांच में इसी तरह की चौंकाने वाली बातें सामने आई थी। किसानों के नाम से एटीएम जारी कर दिया गया था। एटीएम खातेधारक किसानों के हाथ में पहुंचा ही नहीं था और बैंक अकाउंट से पैसा निकल रहा था। जांच में यह बात सामने आई कि एटीएम संंबंधित ब्रांच के अधिकारी ही रखे हुए थे और किसानों की गाढ़ी कमाई गुपचुप तरीके से निकाल रहे थे।

ये हैं घोटालेबाज अधिकारी व कर्मचारी, अब जेल में

पर्यवेक्षक विकास चंद पांडवी

तत्कालीन शाखा प्रबंधक अशोक कुमार सोनी

सहायक मुख्य पर्यवेक्षक एतबल सिंह

सेवानिवृत्त शाखा प्रबंधक समल साय

सहायक लेखापाल जगदीश प्रसाद

लिपिक ताबरक अली

संस्था प्रबंधक लक्ष्मण देवांगन

मुख्य पर्यवेक्षक राजेंद्र प्रसाद पांडेय

समिति प्रबंधक सुदेश यादव

कंप्यूटर ऑपरेटर प्रकाश कुमार सिंह

प्रभारी अतिरिक्त प्रबंधक राजेंद्र गुप्ता


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