Ambikapur News: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सेप्टिक टैंक में मिली लाश: मौत की गुत्थी सुलझती से सामने आया यह कड़वा सच
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Ambikapur News: अंबिकापुर। पहले मां, फिर पत्नी और भतीजे की मौत वह भी दो साल के भीतर। तीन मौतों ने दो भाइयों के शक की आग को ऐसा भड़काया कि दोस्त के साथ मिलकर चाची का गला घोंट दिया और लाश को सेप्टिक टैंक में फेंक दिया।
मामला सीतापुर के ग्राम रतनपुर पाटीपारा का है। यहां रहने वाले अरविंद पैकरा (29) को जादू टोना का संदेह हो गया। विधवा चाची आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सामलिया पैकरा (49) पर शक की सुई अटक जा रही थी। चाची जिंदा रही तो एक-एक कर परिवार के सदस्य मारे जाएंगे। उसने चाची को रास्ते से हटाने चचेरे भाई समित पैकरा (24) ,परिचित अंकित उर्फ संतोष यादव (22) के साथ मिलकर हत्या की योजना बना डाली।
योजना के तहत आरोपी अंकित उर्फ संतोष यादव ने खुद को महिला बाल विकास विभाग का क्लर्क बता कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सामलिया पैकरा को परियोजना अधिकारी से मुलाकात कराने का झांसा देकर बुला लिया। मौका मिलते ही इन तीनों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की हत्या कर दी। शव को स्कूल के सैप्टिक टैंक के गड्ढे में फेंक दिया। शव मिलने के बाद मृतका की पहचान हुई। टोनही के शक पर रिश्तों का कत्ल करने वाले चारों को हत्या और साक्ष्य छिपाने के आरोप पर पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लों ने बताया कि आरोपी अरविंद पैकरा की पत्नी ने दो वर्ष पहले आत्महत्या कर ली थी। उसकी मां की तीन वर्ष पहले मौत हुई थी। दो वर्ष के भतीजे ने एक साल पहले दम तोड़ दिया था। वर्तमान में उसकी चाची भी गंभीर रूप से बीमार है। आरोपी अरविंद को इन मौतों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चाची समलिया पैकरा द्वारा जादू टोना करने का संदेह गहरा गया था। उसे शक था कि एक-एक कर परिवार के सभी लोग मारे जाएंगे इसी कारण उसने चाची को ही रास्ते से हटाने का निर्णय ले लिया।
क्या था मामला
सरगुजा जिले के लुंड्रा थाना क्षेत्र के ग्राम सेमरडांड के प्राइमरी स्कूल के पीछे सैप्टिक टैंक में महिला की लाश मिली थी।महिला के हाथ में टैटू,कान में सोने का टाप्स, हाथ में कंगन था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटकर हत्या की पुष्टि हुई थी। जांच में मृतका की पहचान सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम बालमपुर रतनपुर पाटीपारा निवासी सामलिया पैकरा (49) के रूप में हुई थी। वह गांव में ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में पदस्थ थी।22 जुलाई से वह रहस्यमय ढंग से लापता थी। घरवालों द्वारा सीतापुर थाने में उसके लापता होने की जानकारी दी गई थी। इधर लुंड्रा क्षेत्र में मिली लाश के जेवरातों तथा हाथ के टैटू व कपड़ो से घरवालों ने उसकी पहचान की थी।
मोबाइल टावर से मिला लोकेशन
मृतका के मोबाइल नंबर का सीडीआर, बातचीत का आखिरी काल व काल डिटेल के साथ ही टावर लोकेशन से संदेही के रूप में लुंड्रा के ग्राम चलगली डांडपारा निवासी अंकित उर्फ संतोष यादव का नाम सामने आया। जब उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने गांव के ही एक अपचारी बालक तथा पूर्व परिचित आरोपित अरविंद पैकरा व समित पैकरा के साथ मिलकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की हत्या करने की स्वीकारोक्ति कर ली। इसके बाद पुलिस ने अपचारी बालक तथा दोनों चचेरे भाई आरोपित अरविंद व समित पैकरा को भी गिरफ्तार कर लिया। चारों से पूछताछ में जादू-टोना के संदेह पर हत्या का मामला निकला।