Jabalpur News: आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला: मुख्य आरोपी की मौत, पत्नी-बेटे और बहू को सजा, जानिए पूरी खबर
Aay Se Adhik Sampatti: जबलपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की विशेष अदालत ने भ्रष्ट्राचार के मामले में आरोपी कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट विभाग के पूर्व सहायक लेखाधिकारी की मौत के बावजूद उनके परिवार के तीन सदस्यों को दोषी ठहराया है। उन्हें तीन-तीन साल की जेल के साथ ही उनपर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

Aay Se Adhik Sampatti: जबलपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की विशेष अदालत ने भ्रष्ट्राचार के मामले में आरोपी कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट विभाग के पूर्व सहायक लेखाधिकारी की मौत के बावजूद उनके परिवार के तीन सदस्यों को दोषी ठहराया है। उन्हें तीन-तीन साल की जेल के साथ ही उनपर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में केस दर्ज
जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने साल 2011 में कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट विभाग के पूर्व सहायक लेखाधिकारी सूर्यकांत गौर, उनकी पत्नी, बेटे और बहू पर आय से अधिक संपत्ति अर्जीत करने के मामले में केस दर्ज किया था। इस केस में सुनवाई के दौरान सूर्यकांत गौर की मौत हो गई थी। ऐसे में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की विशेष अदालत ने सूर्यकांत गौर की पत्नी, बेटे और बहू को दोषी ठहराया है। उन्हें तीन-तीन साल की जेल और उनपर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
पत्नी, बेटे और बहू के नाम पर खरीदी थी जमीन
यह पूरा मामला साल 2011 का है। बताया जा रहा है कि कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट विभाग के पूर्व सहायक लेखाधिकारी सूर्यकांत गौर ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर ली थी। उन्होंने अपने और अपनी पत्नी विनीता गौर, बेटा शिशिर गौर और बहू सुनीता गौर के नाम अवैध जमीन खरीदी थी। सूर्यकांत गौर ने आय के स्त्रोतों से 90,85,901 रुपए की जमीन खरीद ली थी। इतना ही नहीं सूर्यकांत गौर ने 9,00,666 रुपए खर्च भी किए, जिनका उनके पास कोई दस्तावेज नहीं थे।
जुर्माना नहीं भरने पर मिलेगी 6 महिने की और सजा
ऐसे में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केस दर्ज करते हुए जांच शुरु की थी। तभी केस में सुनवाई के दौरान सूर्यकांत गौर की मौत हो गई थी। ऐसे में अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की विशेष अदालत ने मामले में बचे तीन आरोपियों को दोषी ठहराया है। उन्हें तीन-तीन साल की जेल के साथ ही उनपर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अगर वह जुर्माना नहीं भरते तो उन्हें 6-6 महीने की और सजा भुगतनी होगी।
