तीज-त्यौहार के संरक्षण की अनूठी पहल: ’मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि’ योजना से परब मनाने लोगों को मिल रहे पैसे

रायपुर 18 अगस्त 2023। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों के बाद अब गैर अनुसूचित यानी मैदानी क्षेत्रों में तीज त्यौहार, संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करने के उद्देश्य से ’मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि’ योजना शुरू किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 20 अप्रैल को इस योजना का शुभारंभ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की मौजूदगी में बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में 13 अप्रैल को आयोजित भरोसा सम्मेलन में मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। लेकिन अब इसे और विस्तारित कर दिया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों के तीज त्यौहार, संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि‘ योजना शुरू की गई है। इन त्यौहारों, उत्सवों का मूल स्वरूप में आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परंपराओं का अभिलेखन करना है। सामुदायिक क्षेत्रों के गांवों में स्थानीय उत्सवों, त्यौहारों, मेला-मड़ई का विशेष महत्व रहता है। ऐसे सभी उत्सवों, त्यौहारों, सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत को राशि उपलब्ध करायी जाएगी। योजना की ईकाई ग्राम पंचायत होगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत को दो किश्तों में 10 हजार रूपए दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 61 विकासखंड सामुदायिक क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। यह राशि केवल सामुदायिक विकासखण्ड क्षेत्र के 6 हजार 111 ग्राम पंचायतों को दी जाएगी। योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति का गठन किया जाएगा। इसमें सरपंच, पुजारी, बैगा सदस्य, ग्राम के 2 बुजुर्ग सदस्य, ग्राम की दो महिला सदस्य, ग्राम कोटवार, पटेल सदस्य एवं ग्राम सचिव को शामिल किया गया है।
कलेक्टर और सीईओ को निर्देश
अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास ने संबंधित जिलों के कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देशित किया है कि योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति के सदस्यों को मार्गदर्शन जनपद पंचायत स्तर से दिया जाय, जिससे राशि का समुचित उपयोग किया जा सके। गांव के किस-किस तीज त्यौहार के लिए इस राशि का उपयोग किया जायेगा, इसका निर्धारण ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति द्वारा किया जाएगा। इस योजना के क्रियान्वयन की निगरानी, समन्वय संबंधी कार्य जनपद स्तरीय शासी निकाय द्वारा किया जाएगा। जिला कलेक्टरों और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत से कहा गया है कि इस योजना का विस्तृत प्रचार-प्रसार करते हुए सर्व संबंधितों की जानकारी में लाया जाए ताकि योजना का लाभ प्रदेश के समस्त सामुदायिक विकासखण्डों के ग्रामीण समाज को प्राप्त हो सके।
बस्तर की 1840 पंचायतों को 5-5 हजार की अनुदान राशि
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज की संस्कृति और पर्व की परंपरा को संरक्षण प्रदान करने हेतु एक नई योजना को शुरू करने की घोषणा की गई थी। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए बस्तर संभाग के 1840 ग्राम पंचायतों को 5-5 हजार रुपए की अनुदान राशि जारी की गई है। जिसका उपयोग कर आदिवासी त्यौहारों को मनाने में किया जा सकेगा।
बजट में 5 करोड़ रुपए का प्रावधान
राज्य के समस्त अनुसूचित क्षेत्रों में इस योजना को लागू किया गया है। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में 5 करोड़ रुपए की धनराशि का प्रावधान किया गया है। इस योजना के संचालन के लिए ग्राम स्तरीय शासी निकाय एवं अनुभाग स्तरीय शासी निकाय का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के लागू होने से हर वर्ष ग्रामों में जनजातियों के उत्सवों और त्यौहारों को धूमधाम से मनाया जा सकेगा।
ऐसे होगा पैसों का इस्तेमाल
मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के अंतर्गत जनपद स्तरीय शासी निकाय में अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व अध्यक्ष होंगे और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत इसके सदस्य सचिव होंगे। जनपद स्तरीय शासी निकाय में जनपद पंचायत के अध्यक्ष, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, तहसीलदार सदस्य होंगे। जो यह सुनिश्चित करेंगे कि ग्राम में कौन-कौन से त्यौहारों में इस राशि का उपयोग किया जाना है। इसका निर्धारण ग्राम स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के क्रियान्वयन के लिए जनपद स्तर पर निगरानी एवं समन्वय हेतु जनपद स्तरीय शासी निकाय उत्तरदायी होगा।
