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T20 World Cup 2024: IND vs PAK: T20 वर्ल्ड कप में इस्तेमाल होगा ड्रॉप-इन पिच जिसके बारे में आप जानकर रह जाएंगे दंग, जानिए क्या है ये पिच???

T20 World Cup 2024: IND vs PAK: नासाउ काउंटी क्रिकेट स्टेडियम में भारत-पाकिस्तान मैच ड्रॉप-इन पिच पर खेला जाएगा। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड से ड्रॉप-इन पिच लाया गया है।

T20 World Cup 2024: IND vs PAK: T20 वर्ल्ड कप में इस्तेमाल होगा ड्रॉप-इन पिच जिसके बारे में आप जानकर रह जाएंगे दंग, जानिए क्या है ये पिच???
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By SANTOSH

T20 World Cup 2024: IND vs PAK: New Delhi: नासाउ काउंटी क्रिकेट स्टेडियम में भारत-पाकिस्तान मैच ड्रॉप-इन पिच पर खेला जाएगा। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड से ड्रॉप-इन पिच लाया गया है।

भारत और पाकिस्तान की टीमें टी20 वर्ल्ड कप में 9 जून को आमने-सामने होगी। दोनों टीमें न्यूयॉर्क के नासाउ काउंटी क्रिकेट स्टेडियम में भिड़ेंगी। भारत-पाकिस्तान मुकाबले से पहले कुछ जानकारी सामने आ रही है। नासाउ काउंटी क्रिकेट स्टेडियम में भारत-पाकिस्तान मैच ड्रॉप-इन पिच पर खेला जाएगा। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड से ड्रॉप-इन पिच लाया गया है। सोशल मीडिया पर ड्रॉप-इन पिच लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। आज हम आपको बताएंगे कि क्रिकेट में ड्रॉप-इन पिच क्या होता है?

ड्रॉप-इन पिच का मतलब:

ड्रॉप-इन पिच एक ऐसी पिच है, जिसे मैदान या वेन्यू से दूर कहीं बनाया जाता है और बाद में स्टेडियम में लाकर बिछा दिया जाता है। इससे एक ही मैदान को कई अलग-अलग तरह के खेलों में इस्तेमाल किया जा सकता है। T20वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान का मुकाबला नासाउ काउंटी क्रिकेट स्टेडियम में होगा। दोनों टीमों के बीच पहली बार यह मुकाबला ड्रॉप-इन पिच पर खेला जाएगा। जिसे ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड से मंगाया गया है। क्रिकेट में पहली बार ड्रॉप-इन पिच का इस्तेमाल वर्ल्ड सिरीज़ क्रिकेट के मैचों के लिए पर्थ के क्यूरेटर जॉन मैले ने बनाई थी। यह टूर्नामेंट 1970 के दशक में खेला गया था।

ड्रॉप-इन पिचों का पहला आविष्कार पर्थ के क्यूरेटर जॉन मैले द्वारा किया गया था, जिन्हें साल 1970 के दशक में ऑस्ट्रेलियाई कारोबारी केरी पैकर ने वर्ल्ड सिरीज़ क्रिकेट के मैचों के लिए की गई थी। इन पिचों की खास बात यह है कि वे ऐसे जगहों पर बनाई गई थीं जो क्रिकेट के प्रमुख क्षेत्रों से दूर थे और इस तरह के खेल को प्रोत्साहित किया जा सकता था। इन पिचों का वजन लगभग 30 टन होता है, जबकि उनकी लंबाई करीब 24 मीटर होती है और चौड़ाई तीन मीटर तथा गहराई 20 सेंटीमीटर होती है। ये पिचें स्टील फ्रेम में बंधी होती हैं और सिंगल स्लैब की तरह ट्रांसपोर्ट की जा सकती हैं। इनकी विशेषता यह है कि इन्हें स्ट्रैथएयर ड्रॉप-इन पोर्टेबल क्रिकेट विकेट टेक्नोलॉजी के माध्यम से बनाया जाता है, जो इतनी भारी और व्यापक होती है कि पिच को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है।

ड्रॉप-इन पिच की खासियत

आपको जानकर हैरानी होगी कि ड्रॉप-इन पिचों को मैच शुरू होने से महज़ 24 घंटे पहले फ़िट किया जा सकता है। साथ ही मैच खत्म होने के बाद आसानी से हटाया जा सकता है। खासकर, ऑस्ट्रेलिया में ड्रॉप-इन पिचों का खासा चलन है। अब T20 वर्ल्ड कप के लिए न्यूयॉर्क के नासाउ काउंटी क्रिकेट स्टेडियम में ड्रॉप-इन पिचों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस मैदान पर भारत-पाकिस्तान के अलावा कई अन्य मुकाबले भी खेले जाएंगे।

पिच का मिजाज़ खेल के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। यह खेल की स्थिति, मौसम और अन्य कारकों पर निर्भर करता है। पिच पर पांच दिनों तक क्रिकेट मैच खेला जाता है तो शुरुआती दो दिनों में असामान्य उछाल के कारण गेंदबाज़ और फिरकी को मदद मिलती है, और बाद में बल्लेबाज़ को भी पर्याप्त मौका मिलता है। मैदान में कई ख़ासीयतें होती हैं। इस टेस्ट सिरीज़ के लिए, गाबा एकमात्र मैच करने वाला ग्राउंड है, जिसमें तेज़ और बाउंसी पिच हो सकती है। मैदान को इस तरह से बनाया गया है कि समुद्री हवा गेंदबाजों की मदद ना करे, लेकिन पिच क्यूरेटर का कहना है कि यहां की पिच स्विंग गेंदबाजों के लिए अत्यंत उपयुक्त है। पिच क्यूरेटर की भूमिका से संबंधित जानकारी के अनुसार, वे मैदान में या मैदान के बाहर किसी भी स्थिति में पिच की देखभाल करते हैं। वे मौसम और अन्य परिस्थितियों का भी ध्यान रखते हैं, विशेष रूप से ड्रॉप-इन पिचों के मामले में, जहां मौसम, बादलों का असर और हवा का तत्व भी महत्वपूर्ण होता है।

SANTOSH

कपिल मरकाम बिलासपुर चौकसे इंजिनियरिंग कॉलेज से ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। वर्तमान में NPG.NEWS से जुड़े हुए है। मूलतः मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा के रहने वाले हैं।

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