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स्वदेषी की भावना का प्रेरक है स्वदेषी मेला: डाॅ.रमन सिंह...

23 से 29 दिसंबर तक 7 दिवसीय मेला का आयोजन साइंस काॅलेज में

स्वदेषी की भावना का प्रेरक है स्वदेषी मेला: डाॅ.रमन सिंह...
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By NPG News

रायपुर । आत्मनिर्भरता का पर्याय बन चुके 7 दिवसीय मेले का षुक्रवार को प्रारंभ साइंस काॅलेज मैदान में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने कहा कि लगातार 19 वर्षों से मेले के लगातार होने से लोगों को इसके प्रति खासा आकर्षण रहता है। यह सिर्फ लाखों लोगों को रोजगार के अवसर ही नहीं उपलब्ध कराता बल्कि नये उद्योगों को स्टार्ट -अप प्रदान करने के लिए मंच भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि इसकी पहचान हर जिले में बने, इसका विस्तार हो इसके प्रयास करते रहना चाहिए, स्वदेषी की भावना का प्रेरक है यह मेला।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अस्थि रोग विषेषज्ञ डाॅ.पूर्णेन्दु सक्सेना ने कहा कि गांधी जी ने जिस चरखे को आंदोलन के रूप में रखा वह स्व की अभिव्यक्ति का प्रतीक था जिसके पीछे देष की जनता चल पड़ी और आज़ादी पाई। स्वदेषी किसी का विरोधी नहीं है वह खुले मन से सीखने, अपनो का उपर उठाने और सकारात्मक भाव का प्रतीक है। कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि विधायक रायपुर ग्रामीण सत्यनारायण षर्मा ने इस अवसर पर कहा कि स्वदेषी मेला अपनेपन की भावना को बढ़ाता है और इससे स्वावलंबन की भावना उत्पन्न होती है। कार्यक्रम में आधार प्रदर्षन मेला के सह संयोजक नवीन षर्मा ने किया। इस मौके पर मंच पर मेला संयोजक अमर बंसल,मेला संरक्षक गोपाल कृष्ण अग्रवाल, स्वदेषी जागरण मंच के प्रांत प्रमुख मोहन पवार, अखिल भारतीय सह महिला प्रमुख षीला षर्मा, कार्यक्रम संयोजक अमरजीत सिंह छाबड़ा, मेला महिला प्रमुख शताब्दी पांडेय, प्रबंधक सीबीएमडी सुब्रत चाकी, जगदीष पटेल, उमेष अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और लोग उपस्थित थे।


कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की पहली छत्तीसगढ़ रूकमणी महिला धमाल पार्टी की महिलाओं ने पगड़ी पहन कर हाथों में रखे ढोल बजाते हुए षानदार प्रस्तुति मंच पर दी। मेले में देष के विभिन्न राज्यों के खानपान, कलाकृतियों और उत्पादों के 300 से ज्यादा स्टाल लगाये गए हैं जो लोगों के आकर्षक का केंद्र बने हुए हैं। मेले में खासतौर पर उड़ीसा के कलाकारों द्वारा श्री जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क का सूर्य मंदिर की कलाकृतियां लोगों को लुभा रही है। छत्तीसगढ़ी की लोककला संस्कृति सुआ, करमा, ददरिया जैसे लोकनृत्यों और लोकगीतों की मनोहारी प्रस्तुतियां किरण षर्मा और गु्रप द्वारा दी गई। आज षनिवार को व्यंजन प्रतियोगिता दोपहर 2 बजे से होगी और 25 दिसंबर को होने वाले एकल नृत्य का आॅडिषन भी षनिवार को दोपहर 3 बजे से होगा।

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