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सदाबहार के चमत्कारी लाभ: डायबिटीज समेत कई रोगों के लिए रामबाण है इसकी पत्तियां, जानिए कैसे?

सदाबहार के चमत्कारी लाभ: डायबिटीज समेत कई रोगों के लिए रामबाण है इसकी पत्तियां, जानिए कैसे?
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By NPG News

NPG DESK I सदाबहार के फायदे: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिससे पूरी दुनिया प्रभावित है। भारत में भी डायबिटीज से लाखों लोग प्रभावित हैं, जो ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव की स्थितियों से गुजरते रहते हैं। जब हमारे ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है या घटता है तो शरीर में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। यह कई गंभीर रोगों का कारण भी बन सकता है। हालांकि कुछ आयुर्वेदिक औषधियां हैं, जिसकी मदद से ब्लड शुगर लेवल को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित किया जा सकता है, इसमें सदाबहार की पत्तियों की अहम भूमिका है। यूं तो सदाबहार का फूल देखने में अच्छा लगता है और ये आसानी से कहीं भी उग आते हैं, लेकिन क्या आपको पता है यही मामूली-सा फूल आपको डायबिटीज समेत कई बीमारियों से छुटकारा दिला सकता है। जानते हैं।

सदाबहार की पत्तियां के फायदे

सदाबहार के पौधे को आमतौर पर इंसुलिन का पौधा जाना जाता है। इसका आयुर्वेद में भी काफी महत्व है। इंसुलिन पौधे का वैज्ञानिक नाम कोकटस पिक्टस है। इस औषधीय पौधे को सदाबहार के अलावा और भी कई नामों से जाना जाता है। इस पत्ती का टेस्ट खट्टा होता है। सदाबहार की पत्तियों को चबाकर ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। हालांकि अगर आप इसका सेवन कर रहे हैं तो किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

सदाबहार यानी इंसुलिन का पौधा कई अन्य लोगों में भी फायदेमंद है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के साथ ही सर्दी-जुकाम, त्वचा का संक्रमण, आंखों से जुड़ी समस्याएं और फेफड़ों की बीमारियों में भी बहुत फायदेमंद है।

यह डायरिया और कब्ज जैसी बीमारियों को भी ठीक करता है। सदाबहार की पत्तियों का सेवन करना बहुत आसान है। पौधे की दो पत्तियों को पीसकर एक गिलास पानी में घोल कर सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करने पर ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।

सदाबहार के फूल में एलकालॉइड्स, एजमेलीसीन, सरपेन्टीन नामक तत्व होते हैं। ये शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। अगर सदाबहार की 7-8 पत्तियों को धोकर हल्के पानी से पीस लें। अब इसे निचोड़कर पी लें। ऐसा रोजाना करने से डायबिटीज की शिकायत दूर हो जाएगी।

सदाबहार का पौधा अपोनसाईनसियाई परिवार का है। कनेर, प्लूमेरिया फ्रैंगीपानी, सप्तपर्णीय करौंदा, ट्रेक्लोस्पमर्म, ब्यूमेन्शया ग्रैन्डीफ्लोरा, एलामंडाकथार्टिका जैसे पौधे भी इसी प्रजाती का हिस्सा हैं।

सदाबहार की पत्तियों का रस महिलाओं के पीरियड्स की अनियमितता को दूर करने एवं अधिक रक्त स्त्राव की दिक्कत को दूर करने का भी काम करता है। इसके सेवन से कमजोरी से भी छुटकरा मिलता है।

सदाबहार की पत्तियों का रस सांप एवं बिच्छू के काटने पर जहर को फैलने से रोकने एवं घाव भरने में भी कारगर है। इसके एक चम्मच रस को पीने एवं इसे प्रभावित स्थान पर लगाने से जहर पूरे शरीर तक नहीं फैल पाता है।

सदाबहार की पत्तियों का रस दिमागी बीमारियों को ठीक करने में भी बहुत कारगर है। इसमें मौजूद पोषक तत्व अनिद्रा, अवसाद, पागलपन और एनजाइटी जैसी बीमारियों से बचाता है। यदि किसी व्यक्ति को नींद न आने व टेंशन से सिर भारी होने की शिकायत है तो इसके एक चम्मच रस को शहद के साथ मिलाकर पीने से बीमारी ठीक हो जाएगी।

सदाबहार का रस मांसपेशियों के खिंचाव को कम करता है। साथ ही इसके जड़ की छाल हैजा रोग फैलाने वाले वाइब्रो कोलोरी नामक रसायन को उत्पन्न होने से रोकता है। इसका रस एक दर्दनाशक के तौर पर भी काम करता है।

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