Pt. Harishankar Shukla Memorial College: पं. हरिशंकर शुक्ल स्मृति महाविद्यालय में "दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन"...
Pt. Harishankar Shukla Memorial College: पं. हरिशंकर शुक्ल स्मृति महाविद्यालय में "दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन"...
Pt. Harishankar Shukla Memorial College: पं. हरिशंकर शुक्ल स्मृति महाविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन प्रातः 11:00 बजे से ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यशाला में अध्यक्ष हिमांशु द्विवेदी (मुख्य संपादक, हरिभूमि समूह), विशिष्ट अतिथि विजय शंकर पाण्डे (सेवानिवृत्त IAS, पूर्व सचिव, भारत सरकार) और स्मृति पाण्डे (डायरेक्टर, पं. हरिशंकर शुक्ल महाविद्यालय प्रबंधन) एवं मुख्य अतिथि प्रो. शिशिर के दुबे (पूर्व निदेशक, III खड़गपुर) विशेष रूप से उपस्थित रहे।
स्वागत दौर में दीप प्रज्जवलन, सरस्वती वंदना एवं राजगीत के पश्चात् महाविद्यालय की प्राचार्य डी. ममता शर्मा ने अपने स्वागत उद्योधन में सभी आमंत्रित अतिथियों को अपना कीमती वक्त इस कार्यशाला हेतु देने के लिए धन्यवाद दिया। डॉ. ममता शर्मा ने कार्यशाला के विषय "इम्पैक्ट ऑफ इंडियन नॉलेज सिस्टम इन NEP 2020 & ITEP पर प्रकाश डालते हुए कहा कि NEP 2020 बहुविकल्पित, बहुप्रतिक्षित एवं बहुविषयक शिक्षा प्रणाली एक नये पैटर्न पर आधारित है जिसमें इंडियन नौलेज का समावेश विद्यार्थियों को अपनी रुचि, कुशलता एवं प्रतिमा को विकसित करने का अवसर प्रदान करती है।
नीति के साथ नियत साफ रखने से हम इस राष्ट्रीय नीति के बल पर अपने राष्ट्र को जगत गुरु के पद पर आसीन कर सकते हैं। अध्यक्ष डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली की सबसे खास बात है कि यह विद्यार्थियों को रटंत परिपाटी से बाहर निकाल कर शोध आधारित शिक्षा हासिल करने पर जोर देती है। NEP 2020 की जड़े भारत में स्थापित हैं एवं यह विद्यार्थियों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सोच संचालित करती है।
जसे द्विवेदी जी में भी माना कि नियत नहफ रख कर इस पद्धति पर काम करने से सफलता प्राप्त हो सकती है। विशिष्ट अतिथि विजय शंकन पाण्डे जी ने बताया की राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली तीन सांभों पर निर्भर करती है द्वान् समझ और सत्य। साथ ही यह नीति छात्रओं को केन्द्र बिन्दु में रखकर उनके सर्वांगीण विकास पर जोर देती है। मुख्य अतिथि प्रो. शिशिर कुमार दुबे ने ऑनलाइन मोड से जुड़ कर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि NEP 2020 में भारतीय ज्ञान प्रणाली आधार रेखा का काम करते हुए संस्कृत भाषा के विद्वानों की अनिवार्यता पर निर्भर करती है। भारतीय ज्ञान प्रणाली NEP 2020 से जुड़ कर भारत को सम्ये विश्व मुरु के रूप में स्थापित करने का दम रखती है।
बी-नोट स्पीकर डॉ. भूपेन्द्र करके ने कहा कि पुरातन भारतीय गुरुकुल शिक्षा प्रणाली इसलिए सफल थी क्योंकि जाने शासन का हस्तक्षेप नहीं था। NEP 2020 शिक्षक एवं शिष्य में सायरेक्ट कनेक्शन व्यापित करने पर जोर देती है। संकाय पद्धति से मुक्ति एवं भारतीय ज्ञान प्रणाली के रामरतीय मूल्यों एवं संस्कृति से पहचान करा कर NEP 2020 निश्चित रूप से आने वाले समय में सफल होकर भारत को विश्व पटल पर विश्व गुक के रूप में स्थापित करेगी। कार्यशाला के प्रथम पीशन में डॉ. रविन्द्र त्रयों ने NEP 2020 में सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास पर जोर देते हुए कहा कि इस शिक्षा प्रणाली को बहुविकल्पीय विशेषता राष्ट्र को आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगी।
द्वितीय सेशन में कॉ. सावित्री विपाती ने भी भारतीय ज्ञान प्रणाली का NEP 2020 में समावेश को एक विशेष दर्जा देते हुए बायका की कि नई शिक्षा प्रणाली में इंडियन चीलेन सिस्टम विद्याथियों में भारतीय मूल्यों एवं संस्कृति को पुनः स्थापित करते हुए राष्ट्र को एक विशेष पहचान दिलाने में सक्षम होगा। बेवरमेन श्री सुशील शुक्ला जी के सर्गदर्शन एवं सान्निध्य में कार्यशाला का आयोजन सफलतापूर्वक किया जा सका। उन्होंने सभी अतिथियों एवं ताओं को सानुगड एवं धनाद दिया। कल ही अर्थी दुने, की इंदितएवंविन्द कुमार पाये इसी विषय पर अपने विधार रखेंगे।