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प्रगति स्व सहायता समूह की महिलाएं रीपा से जुड़कर हुई उद्यमी...

कोरिया जिले के मझगवां गौठान में गोबर से बन रहा इमल्सन, पेंट, डिस्टेम्पर

प्रगति स्व सहायता समूह की महिलाएं रीपा से जुड़कर हुई उद्यमी...
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By NPG News

बैकुंठपुर- प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी ग्राम योजना के साथ साथ महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क अब नई इबारत लिख रहा है। पहले पशुधन की उपयोगिता को साकार करते हुए राज्य शासन के निर्देश पर गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाकर महिलाएं लाभान्वित हो रही थीं। अब उससे एक कदम और आगे बढ़कर महिलाओं ने रीपा में अपना हुनर दिखाना शुरू कर दिया है। कभी कोयले और वनांचल के रूप में पहचान रखने वाले कोरिया में अब महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क यानी रीपा के तहत गोबर से पेंट बनाकर घरेलू महिलाओं ने उद्यमिता का नया आयाम साकार कर दिया है। कोरिया जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम गौठान मझगंवा को रीपा योजना के तहत चिन्हित कर युवा उद्यमिता का केंद्र बनाते हुए यंहा गोबर से पेंट बनाने की इकाई लगाइ गई है। इसके लिए यंहा काम कर रहे प्रगति स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित कर पेंट बनाने का कार्य दिया गया है। महिला समूह की सदस्यों ने बताया कि बीते एक सप्ताह में ही इन्होंने 700 लीटर पेंट बनाया है और इसे सी मार्ट के माध्यम सेखुले बाजार में बेचने के लिए रखा जा रहा है और सभी शासकीय कार्यालयों में भी आगामी रंग रोगन के लिए भी यह उपयोग में लिया जाना है। विदित हो कि इस गोबर पेंट यूनिट के द्वारा आवश्यकता अनुसार 400 से 500 लीटर पेंट भी प्रतिदिन बनाया जा सकता है। वर्तमान में समूह की महिलाएं बाजार की मांग के आधार पर प्रतिदिन औसतन 100 से 200 लीटर पेंट उत्पाद तैयार कर रही हैं।

इन उद्यमी महिलाओं को जयपुर राजस्थान में गोबर से पेंट बनाने का प्रशिक्षण दिलाया गया है और यंहा बनने वाले उत्पाद को राष्ट्रीय स्तर का बाजार उपलब्ध कराने के लिए खादी इंडिया से जोड़ा गया है ताकि बड़े पैमाने पर उत्पाद को बाजार की उपलब्धता बनी रहे। आने वाले समय में यह कार्य कोरिया के लिए नई पहचान बनेगा।

गोबर से पेंट बनाने की प्रक्रिया में पहले गोबर और पानी के मिश्रण को मशीन में डालकर अच्छी तरह से मिलाया जाता है और फिर बारीक जाली से छानकर अघुलनशील पदार्थ हटा लिया जाता है। फिर कुछ रसायनों का उपयोग करके उसे ब्लीच किया जाता है तथा स्टीम की प्रक्रिया से गुजारा जाता है। उसके बाद सी एम एस नामक पदार्थ प्राप्त होता है। इसे डिस्टेम्पर और इमल्सन के रूप में उत्पाद बनाए जा रहे हैं। रीपा गौठान मझगवां में लगी हुई पेंट यूनिट से आवश्यकतानुसार मात्रा में पेंट का अलग अलग उत्पाद लिया जा सकता है। इसकी औसत दैनिक उत्पादक क्षमता लगभग 500 लीटर है।

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