अखिलेश अखिल
लद्दाख के इलाके में चीन जहा अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है वही नेपाल के रास्ते भी चीन भारत में अपने वर्चस्व को लेकर कई तरह के हथकंडे अपना रहा है।लद्दाख में तो उसे भारतीय सेना से जवाब मिल रहा है लेकिन जिस तरह चीन नेपाल के जरिए खेल कर रहा है वह कम खतरनाक नही है । भारतीय सीमा से सटे नेपाल के कई इलाकों में चीन न सिर्फ नेपाल के जमीन पर कब्जा करता जा रहा है बल्कि भारत के खिलाफ एजेंडा भी सेट कर रहा है ।
खुफिया जानकारी के मुताबिक चीन काफी समय से नेपाल के अंदर भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में तेजी से बौद्ध धर्म का प्रचार कर रहा है और बड़ी संख्या में नेपाली गावों को बौद्ध धर्म में तब्दील भी कर दिया है ।हालाकि चीन यह काम पिछले कई सालों से करता आ रहा है लेकिन इधर हाल के वर्षों में और तेजी से यह काम वाह कर रहा है । चीन न सिर्फ यहां बौद्ध धर्म का प्रचार कर रहा है बल्कि रेडियो के जरिए भारत के खिलाफ एजेंडा भी सेट कर रहा है ।इसके साथ ही चीनी भाषाओं का प्रशिक्षण भी वह नेपाल के इलाकों में दे रहा है । खुफिया जानकारी के मुताबिक चीन यह सब भारत में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए कर रहा है । खबर मिल रही है कि चीन नेपाल के कई इलाकों में जमीन हड़पने की भी कोशिश कर रहा है ।खुफिया जानकारी के मुताबिक चीन का यह खेल नेपाल के जरिए भारत को डिस्टर्ब करना है ।
सूत्रों के मुताबिक नेपाल के आधा दर्जन से ज्यादा सीमाई जिलों को चीन टारगेट किया हुआ है ।इन जिलों में चीन कई तरह की सुविधाएं नेपाल के लोगों को वाह दे रहा है ।कहा जा रहा है कि चीन इस खेल के जरिए भारत में अपनी पैठ बढ़ाना चाहता है ताकि भारत के खिलाफ गतिविधियां चलाई जा सके ।
चीन नेपाल के शैक्षणिक संस्थाओं ,मीडिया और सोशल सेक्टर के साथ ही पर्यटन में काफी पैसा लगा रहा है और रेडियो और मीडिया के जरिए भारत के खिलाफ प्रपंच रचता है ।नेपाली लोगों को पैसे का प्रलोभन देकर भारत के खिलाफ आवाज उठाता है ।खबर के मुताबिक नेपाल के सीमाइ इलाकों में बड़े स्तर पर जो मीडिया सक्रिय है उसमे चीन का पैसा लगा है और चीनी भाषाओं के जरिए भारत के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है ।
बता दें कि नेपाल के सीमाएं जिलों के स्कूलों में चीनी भाषा पढ़ाया जा रहा है और इसके लिए चीन बड़ी राशि भी खर्च कर रहा है । यहां के पाठ्यक्रमों में चीन की प्रशंसा की जा रही है और छोटे छोटे टीवी ,अखवार और डिजिटल मीडिया के जरिए स्थानीय लोगों में भारत के खिलाफ जहर भरा जा रहा है ।
जानकारी के मुताबिक नेपाल के सीमावर्ती इलाके में बड़ी संख्या में रेडियो स्टेशन खोले गए हैं जो दिन रात भारत के खिलाफ बोलता है और चीन की सराहना करता है ।एक रणनीति के तहत ये रेडियो लोगो को यह बताता है कि नेपाल की को परेशानी है उसके लिए भारत जिम्मेदार है ।अगर भारत को नही रोका गया तो नेपाल को भारत हड़प लेगा ।इसके साथ ही जहां नेपाल के बाजारों में भारतीय समान बिकते थे अब चीनी सामान से बाजार भर गए है ।
चीन का खेल यही तक नही है ।चीन ने नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में दर्जनों एनजीओ को खड़ा कर दिया है ।इन संगठनों को पैसे दिए जा रहे हैं और संगठनों को भारत के खिलाफ नेपाली लोगों को जगाने की भूमिका तय की गई है । एनजीओ की आड़ में चीन के जासूस भारत के सटे इलाकों में अपना एजेंडा चला रहे हैं और भारत की आंतरिक जानकारी भी इकठ्ठा कर रहे हैं। खा जा रहा है इन्ही एनजीओ के जरिए चीन भारत में राज रहे तिब्बती शरणार्थियों पर भी नजर रख रहा है ।
खुफिया एजेंसी को मिली जानकारी के मुताबिक चीन के लोग पर्यटक के रूप में नेपाल में खास एजेंडे के तहत भेजे जा रहे हैं।बड़ी संख्या में चीनी पर्यटक आने की वजह से नेपाल के पोखरा और थमोल जैसे कई इलाकों में चाइना टाउन बन गए हैं। जानकारी यह भी मिल रही है कि नेपाल के दोलखा,गोरखा,धारचूला,हमला,सिंधु पल चौक,रसुवा और सखुवासभा जिलों में चीन द्वारा बड़ी संख्या में जमीन खड़पी गई है ।ये सभी जिले भारत से सटे हुए हैं और दोनो देशों के लोग यहां आते जाते हैं।
हालाकि भारत सरकार चीन के इस खेल समझकर अपने लोगों को सतर्क कर दिया है लेकिन जिस तरह से नेपाल के जरिए भारत में चीन खेलता नजर आ रहा है किसी खतरे से कम नहीं ।