रायपुर I लड्डू गोपाल यानि कि भगवान श्रीकृष्ण का बाल रूप जो सेवा का अच्छा फल देता है। जन्माष्टमी हर साल भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है। घर में बच्चों के साथ लड्डू भगवान की पूजा बर्थडे मनानाा। बच्चों को खिलौने के रूप में गिफ्ट दिया जाना चाहिए। कहते हैं जिस तरह हम अपने बच्चे को पालते हैं, उसी तरह लड्डू गोपाल को भी पालन करना चाहिए।
लड्डू गोपाल को घर कब लगाएं
मुख्य रूप से जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर लड्डू गोपाल का घर में आना शुभ माना जाता है। लड्डू गोपाल घर के मंदिर में स्थापित करने से घर में खुशहाली के साथ धनए वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
लड्डू गोपाल को बच्चे की तरह समझें
लड्डू गोपाल महज एक मूर्ति नहीं, बल्कि घर के सदस्य होते हैं। यहां तक कहा जाता है कि जिस दिन घर में लड्डू गोपाल का प्रवेश हो जाता है, उस दिन से वह घर लड्डू गोपाल जी का हो जाता है। यही कारण है कि उनके साथ परिवार के सदस्य की तरह व्यव्हार होना चाहिए। जिस तरह परिवार के सदस्य सुबह नाश्ता, दोपहर और फिर रात में भोजन करते हैं, वैसे ही लड्डू भगवान को भी समय-समय पर नाश्ता और भोजन कराया जाना चाहिए। लड्डू गोपाल को रोज स्नान कराएं। उन्हें साफ-स्वच्छ कपड़े पहनाएं। स्नान करवाते वक्त गर्म या ठंडे पानी बंदोबस्त जरूर करें।
लड्डू गोपाल के स्नान के नियम
लड्डू गोपाल की सेवा का एक हिस्सा उनका स्नान कराना भी है, जो नियमित रूप से कराना जरूरी है। आप चाहें तो एक दिन छोड़ एक दिन भी करवा सकती हैं। शास्त्रोनुसार लड्डू गोपाल को स्नान कराने की एक विधि है। अगर आप इस विधि को अपनाते हैं तो आपको भगवान श्री कृष्ण के साथ-साथ माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
लड्डू गोपाल के स्नान में न करें भूल
लड्डू गोपाल के नहाने का बर्तन अलग बनाएं और उनका इस्तेमाल केवल तब ही करें, जब आप लड्डू गोपाल को नहला रही हों। किसी अन्य काम के लिए उन बर्तनों को इस्तेमाल न करें। लड्डू गोपाल को नहलाने के लिए शंख का इस्तेमाल करें। शंख में ही पानी भरें और उसकी धारा से लड्डू गोपाल को नहलाएं। आपको बता दें कि हिंदू धर्म में शंख का बहुत महत्व है। शंख को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।
लड्डू गोपाल को स्नान करवाते वक्त जमीन पर न रखें। इसके लिए भी एक अलग बर्तन बनाएं। लड्डू गोपाल को स्नान करवाने के बाद उस पानी को नाली में न बहाएं। आप इसे खुद भी ग्रहण कर सकती हैं, साथ ही अपने घर पर छिड़क सकती हैं या फिर तुलसी के गमले (तुलसी के पौधे को हमेशा रखें हरा भरा) में इस पानी को डाल सकती हैं।
इसके बाद कच्चे दूध से लड्डू गोपाल को नहलाएं और फिर बचे हुए तुलसी के पानी से लड्डू गोपाल को साफ करें।
इस तरह से लड्डू गोपाल की स्नान विधि पूरी हो जाएगी। इसके बाद आप उन्हें नए और साफ-सुथरे वस्त्र पहनाएं।
पीतल के लड्डू गोपाल हैं और वह काले पड़ रहे हैं तो आप उन्हें नींबू के रस से साफ कर सकती हैं। इसके लिए नींबू के रस को पहले लडडू गोपाल पर डालें और फिर उन्हें नींबू के छिलके से ही रगड़ें। ऐसा करने पर लड्डू गोपल चमक उठेंगे।
लड्डू गोपाल की सेवा
रोज संध्या के समय नियमित रूप से शाम को आरती करें और भोग लगाएं। लड्डू गोपाल की पूजा में एक भी दिन का अंतराल नहीं होना चाहिए। अगर आप किसी काम से घर के बाहर जा भी रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि घर की एक चाभी लड्डू गोपाल को देकर जाएं और यह प्रार्थना करके जाएं कि हे प्रभु आप इस घर की रक्षा करें।