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शारदीय नवरात्रि स्पेशल: दुर्गा सप्तशती के इस अध्याय का जरूर करें पाठ, धन, वैभव के साथ मिलेंगे मनचाहा जीवन साथी

शारदीय नवरात्रि स्पेशल: दुर्गा सप्तशती के इस अध्याय का जरूर करें पाठ, धन, वैभव के साथ मिलेंगे मनचाहा जीवन साथी
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Sharadiya Navratri

By NPG News

NPG DESK I शारदीय नवरात्रि याने शक्ति की देवी दुर्गा की आराधना के नौ दिन नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू हो रही है और 5 अक्टूबर को समाप्त होगी। इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही है। इस दिन से 9 दिन तक मां दुर्गा के नव रुपों की पूजा की जाती है।

और माता रानी अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करती है। जाहिर है, इस बार भी लोग आदिशक्ति की पूजा कर मां का आशीर्वाद पाएंगे।

वैसे तो देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि में बहुत उपाय किए जाते हैं जो मनोवांछित फल देते हैं।

अगर आप आप शादी योग्य है और जीवनसंगिनी की तलाश है तो जानिए कौन सा उपाय करें कि सुंदर जीवनसंगिनी और धन की प्राप्ति हो। तो हम आपको बता दें कि दुर्गा सप्तशती का चौथा अध्याय उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जिनकी शादी नहीं हो रही है या जो लोग गरीबी से जूझ रहे हैं।

नवरात्रि में करें चौथे अध्याय का पाठ

नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना के साथ उनके महात्मय का वर्णन सप्तशति पाठ के माध्यम से करते हैं। दुर्गा सप्तशती के संक्षिप्त 13 पाठ में एक चौथा अध्याय है। इसमें बताया गया है कि महाअसुर महिषासुर का वध करने के बाद समस्त देवता अपना सिर तथा शरीर झुकाकर भगवती की स्तुति करने लगे थे और भक्तिपूर्वक देवी को नमस्कार कर वंदना करते हैं कि हे अंबिका आप सब का कल्याण करें। अतुल प्रभाव और बलशाली देवी जगत का पालन करें तथा अशुभ भय का नाश करें। इस अध्याय में देवी को देवता विभिन्न नामों से पुकारते हैं।

दुर्गा सप्तशती के चौथे अध्याय में जिस प्रकार देवता-देवी की अराधना और स्तुति करते हैं, उसी प्रकार मानव को भी देवी की आराधना और प्रार्थना करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती के इस अध्याय का पाठ करने से धन की प्राप्ति होती है। जिन लोगों की शादी नहीं हो रही है, उन लोगों को सुंदर स्त्री की प्राप्ति होती है और माता की भक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए इस अध्याय को दरिद्रानाशक भी कहा गया है।

ऐसे करें पाठ

इसके लिए जरूरी है कि आप ब्रह्म मुहूर्त में उठे और नित्य कार्यों से निवृत्त होकर उस स्थान पर बैठ जाए, जहां आपने देवी की चौकी लगाई है। दुर्गा सप्तशती के प्रथम मंत्रों का उच्चारण करने और देवी की स्तुति करने के बाद चौथे अध्याय का पाठ आरंभ करें। पाठ की समाप्ति पर आरती करना न भूलें और मां को भोग अर्पित कर क्षमा याचना करें। अपनी समस्या को मां के श्रीचरणों में रखे, फिर देखिए कुछ ही दिनों में आपकी धन और स्त्री संबंधी समस्याओं का समाधान कैसे होता है? तो इस बार आपको भी है साथी की तलाश है तो जरूर करें ये उपाय।

हाथी पर आ रही और जा रही- मां दुर्गा

इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, इसका अर्थ यह है कि इस बार वर्षा अधिक होगी, जिसके प्रभाव से चारों ओर हरियाली होगी। इससे फसलों पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है, जिससे देश में अन्न के भंडार भरेंगे। संपन्नता आएगी। धन और धान्य में वृद्धि होगी।

शारदीय नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर 2022 सोमवार से होगी। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी। नवरात्रि का समापन 5 अक्टूबर 2022 को दशहरा के साथ होगा।

प्रतिपदा तिथि आरंभ- 26 सितंबर 2022,सुबह 03.23 मिनट से शुरू

प्रतिपदा तिथि समापन - 27 सितम्बर 2022, सुबह 03.08 मिनट तक

सुबह का मुहूर्त - सुबह 06.17 am से 07. 30am

अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:54am से 12:42 pm

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04:41 am से 05:29 ms

विजय मुहूर्त - 02:18 pm से 03:07 pm

गोधूलि मुहूर्त - 06:07 pm से 06:31pm

इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल और ब्रह्म योग से हो रही है । जो क्रमश: ब्रह्म - 26 सितंबर को सुबह 08.06 से 27 सितंबर 2022, सुबह 06.44 तक रहेगा। और शुक्ल योग - 25 सितंबर से सुबह 09.06 से 26 सितंबर 2022, सुबह 08.06 तक है।

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