रायपुर 26 जनवरी 2022। राजधानी स्थित बी आई टी रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज ,जर्मन परियोजना प्राप्त करने वाली छत्तीसगढ़ में एकलौती संस्था है. ज्ञातव्य है की पूर्वे देश से इस परियोजना के क्रियान्वयन हेतु केवल 15 संस्थाओं का चयन किया गया है, जिसमे बी आई टी रायपुर भी एक है
बीआईटी रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज ने सतत विकास और अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के क्षेत्र में GLZ के माध्यम से एक प्रतिष्ठित परियोजना हासिल की है। यह संस्था एक विश्व स्तर पर कार्य करने वाली संघीय उद्यम जो सतत विकास परियोजनाओं पर जर्मन सरकार का सहयोग करती रही है।
यह परियोजना RENAC, बर्लिन स्थित संगठन और SCGJ, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार ओर से 'इंडियन रूफटॉप पीवी इंस्टालर स्किलिंग एंड एम्प्लॉयमेंट (IRISE)' योजना है , इस उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनूप मिश्रा ने बताया कि यह परियोजना सूर्यमित्र और अन्य सतत विकास कार्यक्रमों के माध्यम से सौर ऊर्जा आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के हमारे अथक प्रयासों का परिणाम है।
आधुनिक समय में बिजली की बढ़ती मांग और ऊर्जा के उपलब्ध पारंपरिक स्रोतों में तेजी से गिरावट के कारन , सौर ऊर्जा सतत विकास के रूप में सबसे बड़ी उपलब्धि बनी हुई है। इसलिए, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के मार्गदर्शन में, GIZ 'रूफटॉप फोटोवोल्टिक सौर प्रणाली' स्थापित करने में भारत सरकार का समर्थन कर रहा है। यह परियोजना उसी के अनुरूप तैयार की गयी है। यह एजेंसी बीआईटी रायपुर में एक पूरी तरह कार्यात्मक सोलर रूफ टॉप पीवी सिस्टम उपलब्ध कराएगी और इसे स्थापित भी करेगी। यह इंस्टालेशन पूरी तरह निशुल्क होगा. यह संस्थापन संस्थान को रूफ टॉप सोलर पीवी सिस्टम में प्रशिक्षार्थियों को इस क्षेत्र में बेहतर ढंग से प्रशिक्षित करने में मदद करेगा। इस प्रकार 'सूर्यमित्र' प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिक व्यवहार्य हो जाएगा और सतत विकास शिक्षा कार्यक्रमों की ओर एक प्रमुख आकर्षण होगा। पूरी परियोजना संस्था के प्राचार्य डॉ. अनूप मिश्रा की देखरेख में होगी और इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग विभाग के प्रो सुनील कुमार इस परियोजना के प्रभारी के रूप में कार्य करेंगे।
बीआईटी के प्रबंधन, संस्था के निदेशक डॉ. टी. रामा राव और स्टाफ के अन्य सदस्यों ने परियोजना के लिए टीम को बधाई दी।