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बस्तर के प्राचीन खेल नौका दौड़ को डीएमएफ की मदद से विकसित किया गया क्याकिंग केनोइंग के रूप में, बस्तरिया युवाओ को मिला ओलंपिक जाने का मौका

बस्तर के प्राचीन खेल नौका दौड़ को डीएमएफ की मदद से विकसित किया गया क्याकिंग केनोइंग के रूप में, बस्तरिया युवाओ को मिला ओलंपिक जाने का मौका
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By NPG News

रायपुर 11 मई 2022। बस्तर के प्राचीन व परम्परागत खेल नौका दौड़ को डीएमएफ की मदद से विकसित किया गया है। विलुप्त होते बस्तर के इस प्राचीन खेल को प्रशासनिक पहल पर पुनर्जीवित किया गया है। जिससे बस्तर के युवा अपने इस परम्परागत खेल के बूते अब ओलम्पिक खेलो में भी हिस्सा लेकर अपना जौहर दिखा पा रहे हैं।

केरल की तरह बस्तर के विशाल दलपत सागर में नौका दौड़ का आयोजन बड़े उत्साह से किया जाता था। पर समय के साथ यह विलुप्ति के कगार पर पहुँच गया था। पर प्रशासन के प्रयासों से इस खेल का पुनः आयोजन कर बस्तर के युवाओं को इसमें हिस्सा लेंने को प्रोत्साहित किया गया। जिसके चलते बस्तर के कई गांवों के युवाओं व युवक्तिओ ने इसमें हिस्सा लेना शुरू किया। उत्साह इतना कि जिस गांव के युवाओं की टीम प्रतियोगिता जीतती थी उसका पूरा गांव इससे गर्व का अनुभव करता था। युवाओ के इस जोश को देखते हुए 26 जनवरी 2021 को आयोजित इस प्रतियोगिता में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद ही शामिल हुए व विजेता युवाओ को पुरस्कृत किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बस्तर के इस प्राचीन खेल को ओलंपिक खेल क्याकिंग केनोइंग खेल के रूप में प्रोत्साहित कर बस्तर के खिलाड़ियों के लिए विशाल तालाब दलपत सागर में क्याकिंग केनोइंग खेल के प्रशिक्षण केंद्र व अकादमी की घोषणा की।

मुख्यमंत्री की घोषणा से नौका चला कर अपनी आजीविका चलाने वाले बस्तर के युवाओं में भी ओलंपिक खेलों में शामिल होने के जज्बा जगा। मुख्यमंत्री की घोषणा म बाद डीएमएफ मद से हल्के वजन के 12 से 15 किलोग्राम के क्याकिंग केनोइंग बोट एवं पैडल के साथ कार्बन की हल्की वाली पतवार भी क्रय की गयी। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद जल्द ही प्रशिक्षण अकादमी शुरू हो गयी व 15 अगस्त 2021 को बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने इस प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ किया।

प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण देने के लिये राजधानी रायपुर से राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक प्राप्त सीनियर खिलाड़ी को नियुक्त किया गया। जिनके मार्गदर्शन में युवाओ ने हल्की नाव चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया। बस्तर के युवाओं की रुचि के चलते युवा जल्द ही इस खेल में पारंगत हो गए। खेल में पारंगत होने के बाद बस्तर के ग्राम आसना के सतदेव बघेल व कुमारी मनबती बघेल का चयन क्याकिंग केनोइंग की राष्ट्रीय प्रतियोगिता बिलासपुर हिमांचल प्रदेश के लिये हुआ और बस्तर के इन खिलाड़ियों ने पहली बार छतीसगढ़ की ओर से इन राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया। भोपाल में आयोजीत राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पुनः सीनियर वर्ग में सतदेवत बघेल व मनमती बघेल व जूनीयर वर्ग में कमलेश देहारी का छतीसगढ़ की टीम में चयन हुआ व इन्होंने राज्य का प्रतिनिधित्व किया। सरकार प्रयासों व युवाओ की मेहनत के बूते जल्द ही खिलाडियो के द्वारा राज्य की झोली में पदक जीतने की उम्मीद जगी है।

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