Begin typing your search above and press return to search.

1 अक्टूबर ये बड़े बदलाव: आम लोगों का और बढ़ जाएगा खर्चा, जानें वरना हो सकता है बड़ा नुकसान

1 अक्टूबर ये बड़े बदलाव: आम लोगों का और बढ़ जाएगा खर्चा, जानें वरना हो सकता है बड़ा नुकसान
X

1 अक्टूबर बदलाव

By NPG News

डेस्क I 1 अक्टूबर से सरकार की ओर से बदले गए कई नियम लागू होंगे, जिसका सीधा प्रभाव आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। ऐसे में आपको उन सभी नियमों को जान लेना चाहिए।

जानकारी के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में फ्री बिजली की सुविधा का लाभ उठाने के लिए अब नियम बदल गया है। बिजली बिल पर दिल्ली सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी को 31 सितंबर के बाद बंद कर दिया जाएगा। अब सब्सिडी के लिए अप्लाई करने वाले उपभोक्ताओं को ही इसका लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में इस नए नियम को लेकर ऐलान किया था। यह जानिए महीने का 10 बड़े बदलाव...

बिजली बिल पर बदलाव:- 1 अक्टूबर से दिल्ली में फ्री बिजली की को लेकर नियम बदल जाएगा. बिजली बिल पर दिल्ली सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी को 31 सितंबर के बाद बंद कर दी जाएगी. अब सब्सिडी के लिए अप्लाई करने वाले उपभोक्ताओं को ही इसका लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में इस नए नियम को लेकर ऐलान किया था.

कार्ड की बजाय टोकन से खरीदारी:- एक अक्टूबर से डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियम में बदलाव किया जा रहा है. 1 अक्टूबर से कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन रूल बदलने जा रहा है. ऑनलाइन फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब सरकार नियमों में बदलाव कर रही है. जिससे फ्रॉड की घटनाओं को रोका जा सके. कार्ड के बदले टोकन से पेमेंट की व्यवस्था लागू होने के बाद फ्रॉड के मामलों में कमी आएगी.

डीमैट:- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने जून में एक सर्कुलर जारी किया था. जिसमें बताया गया था कि 30 सितंबर तक डीमैट खाताधारकों को टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन की प्रोसेस पूरा करना है. वरना वे अपने डीमैट खाते में 1 October से लॉग इन नहीं कर पाएंगे.

म्यूचुअल फंड के नियमों में हो रहा बदलाव:- एक अक्टूबर या उसके बाद म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोगों के लिए नॉमिनेशन डिटेल देना जरूरी हो जाएगा। वहीं ऐसा नहीं करने वाले निवेशकों को एक डिक्लेरेशन भरना होगा। डिक्लेरेशन में नॉमिनेशन की सुविधा नहीं लेने की घोषणा करनी होगी। इससे पहले यह नियम 1 अगस्त 2022 से ही अमल किया जाना था, हालांकि ऐसा नहीं हो सका और इस डेडलाइन को 1 अक्टूबर 2022 तक बढ़ाया गया था। अब इसे अगले महीने से लागू कर दिया जाएगा। अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो इसका ध्यान जरूर रखें।

टैक्स देने वालों को अटल पेंशन नहीं:- एक अक्टूबर से अटल पेंशन योजना का लाभ आयकर रिटर्न भरने वाले नहीं ले सकेंगे. इसका साफ मतलब है कि जिन लोगों की आय 2.50 लाख रुपये से अधिक है वह अटल पेंशन योजना में निवेश नहीं कर सकेंगे. इस योजना के तहत हर महीने पांच हजार रुपये पेंशन मिलती है.

वायु प्रदूषण को लेकर लागू:- वायु प्रदूषण से जंग के लिए एक अक्टूबर से दिल्ली एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण खतरनाक स्थिति तक पहुंच जाता है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत उन सभी कार्यों पर रोक लगाई जाती है, जो प्रदूषण बढ़ाने में सहायक हैं। ऐसे में धुआं फैलाने वाले जनरेटरों से लेकर वाहन तक आदि सभी पर इसका असर पड़ेगा। सर्दियों की शुरुआत होते ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है।

रसोई गैस की कीमत में बदलाव:- हर महीने की पहली तारीख को पेट्रोलियम कंपनियां रसोई गैस की कीमत में बदलाव करती हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी एक अक्टूबर से रसोई गैस की कीमत में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो भी इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। ऐसे में आप इस बात का ध्यान रखें।

छोटी बचत पर ऊंचा ब्याज संभव:- रिजर्व बैंक के रेपो दर बढ़ाने के बाद बैंकों ने बचत खाता और सावधि जमा (एफडी) पर ब्याज बढ़ा दिया है. ऐसे में डाकघर की आरडी, केसीसी, पीपीएफ समेत अन्य छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज में वृद्धि हो सकती है. इसका ऐलान 30 सितंबर को वित्त मंत्रालय करेगा. ऐसा होने पर छोटी बचत पर भी ऊंचा ब्याज मिल सकता है.

नए डिजाइन वाले टायर्स का होगा इस्तेमाल:- 1 अक्टूबर से आपकी गाड़ियों में नए डिजाइन के टायर लगेंगे. 1 अप्रैल 2023 से नए टायर के साथ ही गाड़ियां बेचना अनिवार्य होगा. इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है.

एनपीएस में ई-नामांकन जरूरी:- पीएफआरडीए ने हाल ही में सरकारी और निजी या कॉर्पोरेट क्षेत्र के कर्मचारियों दोनों के लिए ई-नामांकन की प्रक्रिया में बदलाव किया है। परिवर्तन एक अक्टूबर 2022 से प्रभावी हो जाएगा। नई एनपीएस ई-नामांकन प्रक्रिया के अनुसार, नोडल कार्यालय के पास एनपीएस खाताधारक के ई-नामांकन अनुरोध को स्वीकार या अस्वीकार करने का विकल्प होगा। यदि नोडल कार्यालय अपने आवंटन के 30 दिनों के भीतर अनुरोध के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं करता है, तो केंद्रीय रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसियों (सीआरए) की प्रणाली में ई-नामांकन अनुरोध स्वीकार किया जाएगा.

Next Story