Begin typing your search above and press return to search.

कोरोना की नयी गाइडलाइन : ज्यादा जोखिम वाले व्यक्तियों में लक्षण दिखाई देने के बाद भी एंटीजन जांच की रिपोर्ट निगेटिव आए तो RTPCR या TRUE नॉट विधि से जांच के निर्देश…. स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया नया दिशा निर्देश

कोरोना की नयी गाइडलाइन : ज्यादा जोखिम वाले व्यक्तियों में लक्षण दिखाई देने के बाद भी एंटीजन जांच की रिपोर्ट निगेटिव आए तो RTPCR या TRUE नॉट विधि से जांच के निर्देश…. स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया नया दिशा निर्देश
X
By NPG News

रायपुर. 10 सितम्बर 2020। राज्य शासन ने कोविड-19 की जांच के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। स्टेट कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की तकनीकी समिति की अनुशंसा पर प्रदेश में कोविड-19 की जांच की रणनीति संशोधित की गई है। स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्ले ने सभी संभागों के आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए नए दिशा-निर्देशों के अनुसार जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार कोरोना संक्रमित व्यक्ति के प्राइमरी कांटैक्ट में आए ऐसे लोग जिनमें संक्रमण के लक्षण दिख रहे हैं, उनकी जांच की जाएगी। उच्च जोखिम वर्ग में आने वाले बिना लक्षण के प्राइमरी कांटैक्ट जैसे 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग, इम्युनो- काम्प्रोमाइज्ड (Immuno-compromised) एवं को-मोरबीडीटीज (Co-morbidities) ग्रस्त, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर, किडनी रोग, सिकलसेल रोग इत्यादि से प्रभावित व्यक्तियों एवं गर्भवती महिलाओं की भी जांच की जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग ने बुखार, सर्दी, खांसी या सांस में तकलीफ (ILI – Influenza Like Illness), श्वसन संबंधी गंभीर बीमारी से पीड़ितों (SARI – Severe Acute Respiratory Illness) और निमोनिया के भर्ती मरीजों के जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोविड-19 के लक्षणों जैसे मुंह में स्वाद न आना, सुगंध न आना, उल्टी या पतले दस्त होना एवं मांसपेशियों में दर्द से पीड़ितों की भी जांच सुनिश्चित करने कहा गया है।

कोरोना संक्रमण की पहचान के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार ज्यादा जोखिम वाले अन्य वर्गों जैसे 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग, इम्युनो-काम्प्रोमाइज्ड एवं को-मोरबीडाइटीज ग्रस्त जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर, किडनी रोग, सिकलसेल इत्यादि से प्रभावित व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं की जांच के निर्देश दिए गए हैं। संक्रमण के लक्षण दिखने के बाद भी यदि रैपिड एंटीजन किट से ऐसे लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आती है तो सभी की आरटीपीसीआर या ट्रू-नाट विधि से जांच सुनिश्चित करने कहा गया है।

Next Story