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कोरोना का खौफ जारी: तेल की कीमतों ने शेयर बाजार का दम निकाला, निवेशकों के पांच लाख करोड़ रुपये डूबे… 10 साल की सबसे बड़ी गिरावट

कोरोना का खौफ जारी: तेल की कीमतों ने शेयर बाजार का दम निकाला, निवेशकों के पांच लाख करोड़ रुपये डूबे… 10 साल की सबसे बड़ी गिरावट
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By NPG News

नईदिल्ली 9 मार्च 2020। दुनियाभर के शेयर बाजारों पर कोरोना वायरस का खौफ जारी है। अमेरिकी, जापानी और भारतीय शेयर बाजारों में हाहाकार मचा है। सोमवार को भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ खुले, लेकिन जैसे ही खबर आई कि देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है।

सप्ताह के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में हाहाकार की स्थिति है। कोरोना वायरस के काबू में न आने से आर्थिक अनिश्चय के माहौल और तेल के दामों में गिरावट की वजह से बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिल रही है। यस बैंक के बढ़ते संकट और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोर शुरुआत ने भी निवेशकों का मनोबल गिराया। दोपहर डेढ़ बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई का सेंसेक्स 2437 अंक यानी 6.52 प्रतिशत गिरकर 35,126 पर आ गया। निफ्टी में भी 667 अंकों यानी 6 प्रतिशत की गिरावट हुई और यह 10,322 के स्तर पर आ गया। निफ्टी सालभर के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।

शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान ही भारी गिरावट के चलते निवेशकों के करीब पांच लाख करोड़ रुपये डूब गए। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को कारोबार के अंत में 1,44,31,224.41 करोड़ रुपये था, जो गिरकर 1, 39,39,640.96 रुपये रह गया। कारोबारियों का अनुमान है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आशंका गहराने के चलते शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख है। सेंसेक्स के सभी शेयर घाटे में चल रहे हैं। ओएनजीसी, रिलायंस, इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील, एलएंडटी, आईसीआईसीआई बैंक और इन्फोसिस गिरने वाले प्रमुख शेयर रहे।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान सकल आधार पर विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 3,594.84 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2,543.78 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की। कारोबारियों ने बताया कि तेल कीमतों में भारी गिरावट और वैश्विक स्तर पर अनिश्चिय के माहौल को देखते हुए घरेलू बाजार में निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी फंडों के बाहर जाने से बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा। यस बैंक के संकट से बी बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं।

सोमवार को सत्र की शुरुआत में ही सेंसेक्स शुक्रवार के बंद 37576.62 की तुलना में 626.42 अंक गिरकर 37 हजार से नीचे 36950.20 अंक पर खुला। कारोबार के शुरू से ही चौतरफा बिकवाली का दबाव रहने से करीब 1200 अंक नीचे 36388.28 अंक पर आ गया। इसके बाद मामूली सुधार से 36427.44 अंक हो गया। निफ्टी भी कारोबार के शुरू से ही बिकवाली के दबाव में रहा और 332 अंक नीचे 10657.95 अंक पर आ गया। निफ्टी के 50 शेयरों में से 46 लाल और चार हरे निशान में थे।

पिछले सत्र यानी शुक्रवार को भी न शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल रही थी। कारोबार की समाप्ति पर बीएसई का सेंसेक्स 893.99 अंक और निफ्टी भी 289.45 अंक गिरकर क्रमश: 37,576.62 और 10,979.55 अंक पर बंद हुआ था।

कारोबारियों ने बताया कि तेल कीमतों में भारी गिरावट और वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के माहौल के देखते हुए घरेलू बाजार में निवेशक सतर्क रूख अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी फंडों के बाहर जाने से बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा। कारोबारियों ने बताया कि यस बैंक के संकट के मद्देनजर देश के बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं।शंघाई शेयर बाजार में 2.41 प्रतिशत, हांगकांग में 3.53 प्रतिशत, सियोल में 3.89 प्रतिशत और टोक्यो में 5.65 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

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