Begin typing your search above and press return to search.

शिक्षकों की कोरोना ड्यूटी : शिक्षकों को कोरोना पेसेंट को अस्पताल में भर्ती कराने की मिली ड्यूटी ….अगर काम से किया इनकार तो 1 साल तक की होगी जेल, बर्खास्तगी भी संभव…. जारी हुआ आदेश

शिक्षकों की कोरोना ड्यूटी : शिक्षकों को कोरोना पेसेंट को अस्पताल में भर्ती कराने की मिली ड्यूटी ….अगर काम से किया इनकार तो 1 साल तक की होगी जेल, बर्खास्तगी भी संभव…. जारी हुआ आदेश
X
By NPG News

रायपुर 28 जुलाई 2020। कोरोना संकट से जूझ रहे छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से शिक्षकों की कोरोना वारियर्स के रूप में ड्यूटी लगायी गयी है। हालांकि इससे पहले भी अलग-अलग जिलों में कोरोना को लेकर अलग-अलग कामों में शिक्षकों की तैनाती की गयी थी, लेकिन नया आदेश राजधानी रायपुर से शिक्षकों के लिए निकाला गया है। यहां अलग-अलग जोन में 100 से ज्यादा शिक्षकों की ड्यूटी कोरोना पेसेंट को अस्पताल पहुंचाने के लिए लगायी गयी है। इस बाबत कलेक्टर ने नाम सहित आदेश भी जारी कर दिया है।

आदेश में साफ तौर पर हिदायत दी गयी है कि जो भी शिक्षक व कर्मचारी ड्यूटी से इनकार करेगा या फिर अपनी ज्वाइनिंग नहीं देगा, उन्हें विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ 1 साल तक की जेल की सजा भी भुगतनी होगी। दरअसल राजधानी सहित कई जिलों से इस बात की शिकायत मिल रही थी कि कोरोना पॉजेटिव पाये जाने के बाद भी मरीज को अस्पताल पहुंचाने में बहुत देरी हो रही है। कई मरीज को तो 3 से 4 दिन का वक्त अस्पताल ले जाने में लग रहा था। स्वास्थ्य विभाग की दलील थी कि उसके बाद मैन पावर की कमी है, लिहाजा अब मरीज को त्वरित रूप से अस्पताल पहुंचाने की ड्यूटी में शिक्षकों की भी तैनाती की गयी है।

फिलहाल आदेश राजधानी रापयुर से ही जारी हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि अलग-अलग जिलों में मरीजों की संख्या के मद्देनजर इस तरह के आदेश और भी जारी हो सकते हैं। रायपुर से जारी आदेश के मुताबिक 10 अलग-अलग जोन में इंस्टेट कमांडर और जोन कमिश्नर को नोडल अफसर बनाया है, वहीं दो सुपरवाइजर के साथ-साथ 12-12 शिक्षकों की ड्यूटी लगायी गयी है। वहीं एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भी ड्यूटी 17 सदस्यीय टीम में लगायी गयी है।

आदेश में साफ तौर पर सभी कर्मचारियों व शिक्षकों को संबंधित जोन में उपस्थित होने और काम करने को कहा गया है। साथ ही इस बात की हिदायत दी गयी है कि जो भी कर्मचारी आदेश का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ एपिडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी, जिसके तहत 6 माह से 1 साल तक की सजा का प्रावधान है।

Next Story