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सहमी ब्यूरोक्रसी!

सहमी ब्यूरोक्रसी!
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By NPG News

1 मार्च 2020
आईटी टीम छापे का जिस तरह दायरा बढ़ाते जा रही है, उससे ब्यूराक्रेसी भी सहम गई है। अफसरों को भय सता रहा न जाने आईटी टीम कौन-सी कड़ी हाथ लग जाए और उसे जोड़ते हुए उनके दरवाजे पर धमक जाए। दरअसल, राज्य बनने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि आईटी का छापा पूर्व चीफ सिकरेट्री तक पहुंच गया है। अभी तक तक नौकरशाही में सिकरेट्री लेवल के अफसर तक इंकम टैक्स का रेड हुआ था। आईएएस बीएल अग्रवाल के ठिकानों पर आईटी का छापा पड़ा था। उनके यहां भी उसी दिन शाम को आईटी अफसरों ने ब्रीफिंग कर दी थी। इस बार तो तीसरा दिन निकल गया, कुछ पता नहीं चल पा रहा। बहरहाल, बीएल के यहां छापे के करीब दशक भर बाद आईटी ने इस तरह की कार्रवाई की है।

मंत्रालय में काम ठप

हाईप्रोफाइल आईटी छापे के बाद पिछले तीन दिन से सरकारी कार्यालयों में कामकाज एकदम से ठहर गया है। मंत्रालय में अफसरों के कमरों में सिर्फ एक ही चर्चा है….छापा क्यों पड़ा….आगे होगा क्या….कौन-कौन लपेटे में आ सकते हैं….क्या ये बदलापुर है। जब तक आईटी डिपार्टमेंट छापे के ब्यौरा का खुलासा नहीं करेगा, तब तक राज्य में यही स्थिति रहने वाली।

सुबह पीसी

आईटी अधिकारी 1 मार्च की सुबह रेड का खुलासा कर सकते हैं। खबर है, रायपुर या दिल्ली में इंकम टैक्स अधिकारी कल सुबह प्रेस कांफ्रेंस करें। वैसे भी इंकम टैक्स रेड प्रोटोकॉल के अनुसार आईटी टीम को 72 घंटे के अंदर में छापे का ब्यौरा देना पड़ता है। इसको देखते संकेत है, 1 मार्च की सुबह आईटी अधिकारी पीसी करेंगे।

अजय सिंह की विदाई

छत्तीसगढ़ के सबसे सीनियर आईएएस अधिकारी एवं राज्य योजना आयोग के वाइस चेयरमैन अजय सिंह आज 37 बरस की सर्विस के बाद रिटायर हो गए। हालांकि, उन्हें योजना आयोग में ही संविदा पोस्टिंग देने के चर्चा थी। लेकिन, राज्य में परिस्थितियां कुछ ऐसी बन गई, वे न तो उपर में कुछ बोल सकें और न उनके लिए कोई बात कर पाया। सूत्रों का कहना है, सरकार उन्हें संविदा पोस्टिंग देने के लिए तैयार थी। अगर इंकम टैक्स का एपीसोड नहीं हुआ होता तो आदेश निकल भी जाता। लेकिन, अब क्या होगा, कोई इसका दावा नहीं कर सकता। क्योंकि, रिटायरमेंट के साथ ही अगर पोस्टिंग हो जाती है तो ठीक वरना आगे दिक्कतें शुरू हो जाती है। रिटायरमेंट के बाद तो सीएम हाउस में इंट्री के लिए भी मशक्कत करनी पड़ती है।

छप्पड़ फाड़ के

ठीक ही कहते हैं, उपर वाला देता हैं तो…..। 2009 बैच के आईएएस अफसर समीर विश्नोई का एक वो भी वक्त था कि कोंडागांव कलेक्टर से हटाकर पिछली सरकार ने उन्हें निर्वाचन में डंप कर दिया था। नई सरकार भी लगभग उन्हें भूल ही गई थी। मगर समीर का वक्त बदला। पिछले महीने उन्हें चिप्स का सीईओ बनाया गया। और, आज उन्हें डायरेक्टर माईनिंग के साथ ही, माईनिंग कारपोरेशन के एमडी की पोस्टिंग मिल गई। माईनिंग कारपोरेशन की पोस्टिंग काफी अहम मानी जाती है। इस पद पर अभी 2013 बैच के आईएएस अजीत बसंत पोस्टेड थे। उनके बैच का कलेक्टर बनने का खाता भी अभी नहीं खुला है। इतना जूनियर अफसर माईनिंग कारपोरेशन का कभी प्रबंध निदेशक रहा नहीं। सरकार ने उन्हें एडिशनल कलेक्टर बनाकर नया जिला पेंड्रा रवाना कर दिया है। चलिये, कारपोरेशन की कमान सीनियर अफसर को मिल गई है।

जुनेजा को वेट

आईपीएस अशोक जुनेजा के लिए गुड न्यूज है कि भारत सरकार ने डीजी के तीसरे पद के लिए कंफारमेशन दे दिया है। जुनेजा इस पद के प्रबल दावेदार है। लेकिन, उन्हें अभी कुछ और दिन इंतजार करने पड़ सकते हैं। क्योंकि, विधानसभा में हुई डीपीसी में उन्हें डीजी बनाने के नाम पर अड़चन आ गई। दरअसल, मुकेश गुप्ता सस्पेंड हुए हैं रिटायर नहीं। यह पेंच फंस जा रहा कि उन्हें इग्नोर करने पर कोर्ट को जवाब देना पड़ेगा। हालांकि, पहले ऐसे कई उदाहरण हैं कि अधिकारी दिल्ली डेपुटेशन पर रहे हैं तब भी प्रमोशन हो गया है। बहरहाल, जुनेजा मामले में सरकार को वीटो लगाना पड़ेगा, तब ही उनका प्रमोशन हो पाएगा। और, इस हालात में ऐसा प्रतीत होता नहीं कि जल्दी कुछ हो पाएगा।

अंत में दो सवाल आपसे

1. किस कलेक्टर के बारे में कहा जाता है कि जहां उनकी पोस्टिंग होती है, वहां चिल्हर की कमी पड़ जाती है?
2. बलौदा बाजार का नया पुलिस कप्तान बनने का मौका किसे मिलेगा?

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