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सांसद सुनील सोनी के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया, महाभारत के संजय नहीं है सुनील सोनी जो घर बैठकर कोरोना रोकने के उपायों पर राय दें

सांसद सुनील सोनी के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया, महाभारत के संजय नहीं है सुनील सोनी जो घर बैठकर कोरोना रोकने के उपायों पर राय दें
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By NPG News

रायपुर 27 जुलाई 2020। भाजपा सांसद सुनील सोनी के बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की तरह सांसद सुनील सोनी भी बयानवीर है। रमन सिंह के तरह ही सुनील सोनी घर बैठे मीडिया में बने रहने कपोलकल्पित मनगढ़ंत झूठी कहानी गढ़कर बयानबाजी कर रहे है।सांसद सुनील सोनी महाभारत के संजय नहीं है जो घर बैठकर कोरोना महामारी रोकने की जा रही उपायों की समीक्षा करें।कोरोना महामारी संकट काल मे रायपुर की जनता सांसद सोनी को ढूंढ रही है।सांसद ने कोरोना महामारी संकट में रायपुर संसदीय क्षेत्र की जनता को किसी प्रकार से सहयोग नही किया।

कोरोना महामारी रोकने की जा रही उपायों में सांसद सुनील सोनी का कोई योगदान नहीं है। कोरोना महामारी संकटकाल से निपटने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने शुरू से ही चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था की है। रायपुर को मिलाकर पूरे प्रदेश में 21500 बेड़ों की व्यवस्था है। आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की संख्या पर्याप्त है।प्रदेश में 141कोरोना केयर सेंटर दिन रात काम कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों की रिकवरी देशभर में टॉप टू में है। राज्य सभी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, जिला चिकित्सालय सहित निजी अस्पतालों को अधिग्रहित कर कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए आरक्षित रखा गया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 15 साल के रमन सरकार के दौरान वर्तमान सांसद सुनील सोनी भी 5 साल महापौर भी रहे। उस दौरान भी रायपुर की जनता को सुनील सोनी की निष्क्रियता का भारी नुकसान सहना पड़ा था।दुर्भाग्यजनक है भाजपा के 15 साल के शासनकाल में स्वयं डॉक्टर होने के बावजूद डॉ रमनसिंह ने स्वास्थ व्यवस्था पर कोई ध्यान नही दिया । रमन सिंह सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था की लचर स्थिति किसी से छुपी नहीं है।ऑंखफोड़वा कांड,गर्भाषय कांड,नसबंदी कांड,नकली दवाई, दवा खरीदी में घोटाला,मेडिकल उपकरण खरीदी घोटाला जैसे कांड रमनसिंह सरकार में होते रहे। कमीशनखोरीऔर भ्रष्टाचार के लिए हॉस्पिटल के नाम से मात्र बिल्डिंग बनाई गई। अस्पतालों में चिकित्सकों मेडिकल स्टाफ व मेडिकल संसाधनों की व्यवस्था पर कोई ध्यान नही दिया गया।आजाद भारत के पहले मुख्यमंत्री हैं डॉक्टर रमन सिंह जिनके शासनकाल में सरकारी अस्पताल को उनके ही दामाद ने ही गिरवी रख दिया था।

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