“कलेक्टर पैसे नहीं खा पा रहे थे, इसलिए…”… ट्रांसफर से नाराज IAS अधिकारी का WhatsApp चैट लीक….लिखा- कलेक्टर ने CM के कानों में भरा ‘जहर’, माफिया से निकालते पैसे… पढ़िये पूरा चैट
भोपाल 17 जून 2021। मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी लोकेश कुमार जांगिड़ इन दिनों सुर्खियों में हैं। लोकेश कुमार को आईएएस अधिकारियों के एक निजी सोशल मीडिया समूह पर राज्य के नौकरशाहों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर चैट वायरल होने के बाद सरकार ने कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। मध्यप्रदेश के बड़वानी में अपर कलेक्टर के पद से ट्रांसफर होकर राज्य शिक्षा केंद्र भेजे गए आईएएस लोकेश कुमार जांगिड़ की लीक चैट से हड़कंप मच गया है.
54 महीनों में आईएएस अधिकारी लोकेश कुमार जांगिड़ का 9 तबादला हो चुका है। यह व्हाट्सएप ग्रुप एमपी आईएएस एसोसिएशन का है। उसके बाद उन्हें ग्रुप से रिमूव कर दिया गया था। साथ ही सरकार ने चैट सामने आने के बाद नोटिस जारी किया है।
दरअसल, 2014 बैच के आईएएस लोकेश कुमार जांगिड़ को हाल ही में बड़वानी अपर कलेक्टर पद से राज्य शिक्षा केंद्र में पदस्थ किया गया है. जबकि उन्हें बड़वानी का अपर कलेक्टर बने ज्यादा समय नहीं हुआ था. यहां तक तो सब सामान्य था लेकिन अब आईएएस अधिकारियों के एक ग्रुप में जांगिड़ ने बड़वानी कलेक्टर और मध्यप्रदेश में अफसरों के कामकाज को लेकर जो बातें लिखी हैं, उसने ज़रुर सियासत को गरमा दिया है.
इस चैट में लोकेश कुमार जांगिड़, बड़वानी कलेक्टर शिवराज वर्मा के बारे में लिखते हैं ‘‘कलेक्टर पैसे नहीं खा पा रहे थे शिवराज वर्मा, इसलिए शिवराज सिंह चौहान (होनरेबल सीएम) के कान भरे. दोनों एक ही समुदाय से आते हैं, किरार समुदाय से, जिसकी सेक्रेटरी कलेक्टर की पत्नी हैं और मुख्यमंत्री की पत्नी किरार समाज की प्रेसिडेंट.”
चैट में लोकेश कुमार जांगिड़ ने लिखा कि रिटायरमेंट के बाद वो एक किताब लिखेंगे और उसमें सभी तथ्य लिखेंगे क्योंकि अभी उनके हाथ बंधे हुए हैं. मैं किसी से नहीं डरता इसलिए सब खुलेआम बोल रहा हूँ. आपको बता दें कि यह चैटिंग जांगिड़ के ट्रांसफर के बाद हुई है. वहीं 11 जून को लोकेश जांगिड़ ने DOPT को पत्र लिख गृह राज्य महाराष्ट्र में 3 साल के लिए इंटर कैडर डेपुटेशन पर जाने की इच्छा जताई है.
जांगिड़ ने लिखा है कि उनके परिवार में टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित करीब 87 साल के दादाजी हैं और उनकी 57 वर्षीय मां है. परिवार को उनकी जरूरत है, इसलिए उन्हें 3 साल के लिए महाराष्ट्र इंटर कैडर डेपुटेशन पर जाने की इजाज़त दी जाए.
सरकार ने भेजा नोटिस- मंत्री सारंग
आईएएस लोकेश कुमार जांगिड़ के इस कृत्य को सरकार ने गंभीरता से लिया है. मंत्री विश्वास सारंग ने आजतक से बात करते हुए बताया कि ‘आईएएस अफसर किसी भी पद पर बैठे हों उन्हें अनुशासनहीनता करने का अधिकार नहीं है. अपने सीनियर अधिकारी के बारे में इस तरह टिप्पणी करना वो भी ग्रुप में सार्वजनिक तौर पर, यह एक अपराध है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. शासन ने अधिकारी को नोटिस जारी किया है उसमें उन्हें अपनी सारी बातें स्पष्ट करना होंगी. सब जानते हैं कि ट्रांसफर एक रूटीन प्रक्रिया है जिससे सभी अफसरों को गुजरना ही पड़ता है. ट्रांसफर को पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर नहीं देखना चाहिए’.
व्हाट्सएप पोस्ट में क्या लिखा था
सोमवार को जांगिड़ ने अपने पोस्ट में लिखा था कि जो लोग हर तरह के माफिया से पैसा निकालते हैं, उनका इस क्षेत्र से उस क्षेत्र में तबादला हो जाता है। वहीं, ईमानदारी से काम करने वाले लोगों का तबदला कर सचिवालय में फेंक दिया जाता है। उन्होंने लिखा कि एमपी में कार्यकाल की स्थिरता और सिविल सेवा बोर्ड नामक संस्था मजाक है। मैं रिटायरमेंट के बाद एक किताब लेकर आऊंगा और उम्मीद है कि सभी सामने तथ्य लाऊंगा। अभी मेरे हाथ आचरण के नियमों से बंधे हुए हैं। दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मुझे एक जिले में एसडीएम पद से इसलिए हटाया गया क्योंकि कलेक्टर मैंने कमजोर कहा था। वह पैसा नहीं खा पा रहे थे। एमपी आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष आईसीपी केसरी ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई और पोस्ट हटाने के लिए कहा। जांगिड़ ने ग्रुप से पोस्ट हटाने से मना कर दिया। इसके बाद उन्हें आईएएस एसोसिएशन के ग्रुप से रिमूव कर दिया। जांगिड़ के पोस्ट पर आईसीपी केसरी ने लिखा था कि लोकेश, यह उसके डर या अनुपस्थिति का सवाल नहीं है। आपने न केवल अपने सहकर्मियों पर बल्कि परिवार पर आरोप लगाते हुए बुनियादी शालीनता खो दी है। सभी पोस्ट जल्दी हटा लें। यह मेरी सच्ची सलाह है और भविष्य में ऐसी चीजों से दूर रहें।उसके बाद लोकेश जांगिड़ ने लिखा कि मैं नहीं हटाऊंगा। आप मुझे ग्रुप से हटा सकते हैं। मुझे पता है कि आप एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं और मुझे हटाने की सभी शक्तियां आपके पास हैं। वैसे भी तो इस निजाम में मुझे कुचला जा रहा है। आप भी कुचल दो। उसके बाद एसोसिएशन के सचिव ने जांगिड़ को ग्रुप से हटा दिया।