Begin typing your search above and press return to search.

कलेक्टर सस्पेंड : स्कूल खरीदी घोटाले में राज्य सरकार का बड़ा एक्शन…. कलेक्टर को किया गया सस्पेंड….8 कलेक्टर सहित 13 आईएएस अफसरों के भी ट्रासफर आर्डर जारी

कलेक्टर सस्पेंड : स्कूल खरीदी घोटाले में राज्य सरकार का बड़ा एक्शन…. कलेक्टर को किया गया सस्पेंड….8 कलेक्टर सहित 13 आईएएस अफसरों के भी ट्रासफर आर्डर जारी
X
By NPG News

लखनऊ 23 फरवरी 20202। कंपोजिट स्कूल ग्रांट घोटाले में दोषी पाए जाने पर उन्नाव के कलेक्टर देवेंद्र कुमार पांडेय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मंडलायुक्त की जांच में दोषी पाए जाने के बाद उन पर ये कार्रवाई की गई है। सरकार ने रविंद्र कुमार प्रथम को उन्नाव का जिलाधिकारी बनाया है. देवेंद्र कुमार पांडेय राज्य प्रशासनिक सेवा के 2011 बैच के अफसर हैं। उन्हें हाल ही में उन्नाव का कलेक्टर बनाया गया है।

यूपी सरकार ने कुल 13 IAS अफसरों के ट्रांसफर किये हैं। जसजीत कौर को डीएम शामली पद की जिम्मेदारी दी गई है. इसी तरह अखिलेश सिंह को डीएम सहारनपुर, आंध्रा वामसी को डीएम झांसी, रूपेश कुमार को डीएम प्रतापगढ़, भूपेंद्र एस चौधरी को कुशीनगर, अमित सिंह बंसल को बांदा का डीएम बनाया गया है. वहीं राकेश कुमार मिश्रा को कन्नौज के डीएम पद पर तैनात किया गया है.

13 आईएएस अफसरों के तबादले

रविंद्र कुमार प्रथम को जिलाधिकारी उन्नाव बनाया गया

जसजीत कौर को जिला अधिकारी शामली बनाया गया

अखिलेश सिंह को जिलाधिकारी सहारनपुर बनाया गया

आंध्रा वामसी को जिलाधिकारी झांसी बनाया गया

रूपेश कुमार को जिला अधिकारी प्रतापगढ़ बनाया गया

भूपेंद्र एस चौधरी को जिलाधिकारी कुशीनगर बनाया गया

अमित सिंह बंसल को जिलाधिकारी बांदा बनाया गया

आलोक कुमार पांडे को विशेष सचिव चिकित्सा विभाग बनाया गया

राकेश कुमार मिश्रा को जिलाधिकारी कन्नौज के पद पर तैनात किया गया

शिव सहाय अवस्थी को विशेष सचिव एवं अपर आयुक्त जीनियम गन्ना विकास विभाग बनाया गया

ये आरोप था कलेक्टर दवेंद्र पर

कंपोजिट ग्रांट के तहत राज्य परियोजना निदेशक से जारी कार्यों की सूची में जिलास्तरीय कमेटी ने बदलाव किया। जिला स्तर पर नई सूची जारी की। कई अनिवार्य कार्यों को सूची से हटा दिया गया। इस कमेटी में डीएम व बीएसए मुख्य रूप से शामिल थे।- विभिन्न विद्यालयों में कंपोजिट ग्रांट के अंतर्गत अधिकतर सामग्री की खरीद जौनपुर की एक ही फर्म से की गई। यह फर्म जीएसटी में पंजीकृत भी नहीं थी। सामग्री की खरीदी बाजार दर से उच्च दर पर की गई। गुणवत्ता भी अधोमानक मिली। 20 सितंबर, 2018 को धनराशि सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय से जिला परियोजना कार्यालय उन्नाव के लिए आवंटित की गई। इसे जिला स्तर से विभिन्न विद्यालयों के खातों में 15 अक्तूबर, 2018 को ही आरटीजीएस के माध्यम से भेज दी गई। लेकिन, सामग्री खरीद के लिए सामान की सूची 23 फरवरी, 2019 को जिला स्तर से जारी की गई। नतीजा यह हुआ कि धनराशि आवंटित होने के बावजूद समय से सामग्री नहीं खरीदी जा सकी।

Next Story