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CM भूपेश बघेल का जांजगीर में सरकारी अमले से बेहद पारिवारिक संवाद .. बोले CM भूपेश “तन हल्का.. मन हल्का कर लो..पेन डायरी लाए हो तो रख दो”

CM भूपेश बघेल का जांजगीर में सरकारी अमले से बेहद पारिवारिक संवाद .. बोले CM भूपेश “तन हल्का.. मन हल्का कर लो..पेन डायरी लाए हो तो रख दो”
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By NPG News

जांजगीर,6 जनवरी 2021। प्रदेश के पूरे ज़िलों के भ्रमण पर निकले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नागरिकों से मिल रहे हैं, मौक़े पर मसलों का निराकरण कर रहे हैं। ठेठ छत्तीसगढ़ी अंदाज और सरल सहज संवाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सीधे नागरिकों से मुकम्मल जोड़ भी रहा है, लेकिन सहजता से भी बढ़कर बेहद पारिवारिक अंदाज में सरकारी अमले से संवाद CM भूपेश बघेल को सरकारी अमले के बीच अभिभावक भाव दे रहा है।सरकारी अमले के लिए मुख्यमंत्री से सामना होने का क्या मतलब होता है यह बताने की शायद ही जरुरत हो, वह भी जब मुख्यमंत्री के रुप में वे भूपेश बघेल हों, जिन्हें बेहद तेज और सख़्त मिज़ाज माना जाता हो तो कल्पना ज़रा भी मुश्किल नहीं है।
लेकिन CM भूपेश बघेल का ज़िले के सरकारी अमले से हो रहा संवाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उस मान्य छवि से बिलकुल अलग है, बल्कि मुख्यमंत्री बघेल जिस पारिवारिक अंदाज में सरकारी अमले से रुबरू हो रहे हैं वह सरकारी अमले को भावुक कर रहा है। ज़ाहिर है यह अंदाज छत्तीसगढ़ के सरकारी अमले के लिए एकदम नया है और इस फेर में जो हड़बड़ाहट हो रही है, वह भी खिलखिलाहट का सबब बन रही है।
जांजगीर दौरे का समापन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर एसपी समेत क़रीब साठ की संख्या में मौजुद प्रशासनिक अमले से संवाद के रुप में किया।
क़रीब साढ़े दस पर जैसे ही संवाद का कार्यक्रम शुरु हुआ.. CM भूपेश बघेल ने कहा –
“अपन बात करने बैठे हैं.. सबसे पहले तन और मन हल्का करो.. पेन डायरी लाए हो तो किनारे रख दो.. उसकी जरुरत अभी नहीं है”
और इसके बाद मुख्यमंत्री बघेल ने एक एक अधिकारी से संवाद किया। पर किसी भी अधिकारी से कोई कार्य की प्रगति या समीक्षा नहीं पूछी गई बल्कि उनका हाल-चाल, पारिवारिक जीवन, बच्चों को लेकर उनके सपने पूछा गया।

CM भूपेश बघेल ने कलेक्टर यशवंत कुमार से उनके बच्चो को लेकर जानकारी ली और पूछा –
“ कलेक्टर साहब.. आपके यहाँ सरकारी अंग्रेज़ी स्कुल खुल गया न.. अपने बच्चों को वहाँ पढ़ाएँगे क्या”
कलेक्टर यशवंत कुमार ने कहा
“हाँ सर.. बिलकुल”
इस संवाद में तब ठहाके गूंजे और मुख्यमंत्री बघेल की हंसी भी नहीं रुकी .. जबकि परिचय देते हुए हड़बड़ाहट में एक अधिकारी के मुँह से निकला –
“सर..परिवार है सर..यहीं.. परिवार में सर..मेरी एक पत्नी है सर..”
जवाब के इस अंदाज से ठहाके गूंज गए.. हंसते हुए CM भूपेश बघेल ने कहा
“ठीक तो है.. वैसे मुझे कोरबा में भी किसी ने खुद के परिवार का ब्यौरा देते हुए ऐसा ही बताया था..”
ज़िले की कप्तान पारुल माथुर से मुख्यमंत्री बघेल ने कहा –
“इतनी व्यस्तता में बच्चों को पूरा समय और ध्यान मिलता है न.. उनका पूरा ख़्याल रखना”
तेज तर्रार और सख़्त मिज़ाज माने जाने वाले मुख्यमंत्री बघेल उस अमले के साथ थे जिस पर सरकार की योजनाओं को ज़मीन पर सफल करने की जवाबदेही है, सरकार कैसी है यह सरकारी अमले का अंदाज व्यवहार बता देता है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने इसी अमले से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं। यदि मुख्यमंत्री जनता के प्रति सीधे जवाबदेह है, तो यूँ मुख्यमंत्री सरकारी अमले का भी अभिभावक होता है। संवाद का यह अंदाज उनसे वही भुमिका अदा करा रहा है।

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