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चीफ सिकरेट्री को हटाया गया : मुख्य सचिव को पद से हटाते ही कांग्रेस ने किया हंगामा…. 1987 बैच के IAS को दी गयी चीफ सिकरेट्री की जिम्मेदारी…. हटाने और नयी नियुक्ति को लेकर इस राज्य में मचा सियासी बवाल

चीफ सिकरेट्री को हटाया गया : मुख्य सचिव को पद से हटाते ही कांग्रेस ने किया हंगामा…. 1987 बैच के IAS को दी गयी चीफ सिकरेट्री की जिम्मेदारी…. हटाने और नयी नियुक्ति को लेकर इस राज्य में मचा सियासी बवाल
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By NPG News

शिमला 5 अगस्त 2021। हिमाचल प्रदेश सरकार ने मुख्य सचिव अनिल खाची को पद से हटा दिया है। प्रदेश सरकार ने गुरुवार को अनिल खाची को राज्य चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्ति दी है। इस संबंध में नियुक्ति आदेश जारी कर दिए गए हैं। हिमाचल सरकार ने 1986 बैच के आईएएस अधिकारी अनिल कुमार खाची को दिसंबर 2019 में मुख्य सचिव नियुक्त किया था। वहीं हिमाचल प्रदेश सरकार ने राम सुभग सिंह को नया मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया है। राम सुभग सिंह 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहले उनके पास अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग, परिवहन, श्रम एवं रोजगार विभाग का कार्यभार था। हिमाचल सरकार ने 1986 बैच के आईएएस अधिकारी अनिल कुमार खाची को दिसंबर 2019 में मुख्य सचिव नियुक्त किया था और राज्य चुनाव आयुक्त के पद पर तैनाती के आदेशों के कुछ समय बाद उन्होंने अपने पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।अब चुनाव आयुक्त के पद पर रहते हुए खाची को अतिरिक्त सेवाविस्तार भी मिलेगा

हिमाचल सरकार ने 1986 बैच के आईएएस अधिकारी अनिल कुमार खाची को दिसंबर 2019 में मुख्य सचिव नियुक्त किया था. वहीं अब नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.रोचक बात है कि सरकार की ओर से जारी आदेशों में लिखा गया है कि अनिल खाची ने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ली है और उनकी खुद की मांग पर सरकार ने आदेश जारी किया है. वहीं,क्यासों का दौर भी जारी है. क्योंकि खाची की मंत्रियों के साथ अच्छी पैठ नहीं थी. हाल ही में वह कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह से भी भिड़ गए थे और कैबिनेट मीटिंग के दौरान ही दोनों में बहस हुई थी.

विधानसभा में मुख्य सचिव का मामला गूंजा

विधानसभा सत्र के चौथे दिन 12 बजे प्रश्नकाल खत्म होने के बाद नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने मामला उठाया कि मुख्य सचिव को बदला जा रहा है. बीते दिन परमार जयंती पर हिमाचली होने की बात हो रही थी. अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल का एक व्यक्ति मुख्य सचिव बना. इतने बड़े ओहदे पर पहुंचा. अब छठा मुख्य सचिव बदला जा रहा है। हिमाचली अफसर को हटाकर बाहरी को बनाया जा रहा है? पहले वीसी फारका थे, वे हिमाचली थे रास नहीं आए. फिर विनीत चौधरी और बीके अग्रवाल रहे.अग्रवाल भी बदले गए. अग्निहोत्री ने कहा कि ऐसा क्या है कि अब छठा मुख्य सचिव बदला जा रहा है. यह चर्चा जोरों पर है कि सरकार मुख्य सचिव को बदलने जा रही है. इसका विपक्ष ने सदन में जोरदार विरोध किया और हंगामा हुआ. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बोले कि आप चीफ सेक्रेटरी बनाते थे तो पूछते थे ऐसे मामलों पर सदन में चर्चा नहीं होनी चाहिए.स्पीकर विपिन सिंह परमार ने कहा कि यह सरकार के अधिकार क्षेत्र का मामला है. वह इसे मंजूर नहीं करेंगे. उन्होंने सदन की अगली कार्यवाही करने को कहा. स्पीकर विपिन सिंह परमार ने कहा कि ये बातें रिकॉर्ड नहीं होंगी.इस बीच विपक्ष नारेबाजी करते हुए वाकआउट करने आगे बढ़ा तो अध्यक्ष ने उन्हें वापिस बुला लिया गया.

मुख्यमंत्री ने दिया सदन में जवाब

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने तो छठे नंबर के अधिकारी को मुख्य सचिव बना दिया था. बाकी की उपेक्षा की गई थी. अभी के मुख्य सचिव को जो दायित्व दिया जा रहा है, वह पांच साल तक होगा. उनका हाईकोर्ट के जज के बराबर स्टेटस होगा.सीधे इस दायित्व से हटाकर आपकी तरह एडवाइजर की कुर्सी पर भेजा जाता तो अलग बात है.इस पर राजनीति मत लीजिए.अधिकारी आईएएस की परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद आते हैं. राज्य से बाहर से आने वाले अधिकारी यहां बेहतरीन सेवाएं दे रहे हैं.इस संबंध में संविधान भी इजाजत नहीं देता है. अधिकारियों से क्या काम लेना है, यह वर्तमान सरकार तय करेगी.

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