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स्वच्छता सर्वेक्षण में छत्तीसगढ़ की लंबी छलांग, फिर बना देश का स्वच्छतम राज्य….नरवा, गरुवा, घुरवा बाडी का इंटीग्रेटेड स्वच्छता मॉडल हुआ सफल 

स्वच्छता सर्वेक्षण में छत्तीसगढ़ की लंबी छलांग, फिर बना देश का स्वच्छतम राज्य….नरवा, गरुवा, घुरवा बाडी का इंटीग्रेटेड स्वच्छता मॉडल हुआ सफल 
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By NPG News

रायपुर 20 अगस्त 2020। भारत सरकार आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के परिणाम आज 20 अगस्त 2020 को घोषित किए गए जिसमें छत्तीसगढ़ ने देश के बड़े राज्यों को पछाड़ते हुए स्वच्छ सर्वेक्षण में फिर से एक बार फिर देश के स्वच्छतम राज्य होने का दर्जा प्राप्त किया है।

केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित वर्चुअल ऑनलाइन पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री आवास से केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी जी के हाथों यह पुरस्कार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, सचिव अलरमेलमंगई डी., सूडा के एडिशनल सीईओ सौमिल रंजन चौबे तथा एडवायजर डॉ. नितेश शर्मा ने प्राप्त किया। न्यू नार्मल में अनोखे ऑनलाइन तरीके से पहली बार राष्ट्रीय पुरुस्कार प्रदान किये गए।

पुरस्कार वितरण के दौरान मुख्यमंत्री जी ने केंद्रीय मंत्री को छत्तीसगढ़ में चलाई जा रही गोधन न्याय योजना एवं गोबर खरीदी के विषय में अवगत कराया जिस पर केंद्रीय मंत्री पुरी द्वारा छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना एवं गोबर क्रय को वेस्ट से वेल्थ का अच्छा कॉमर्शियल मॉडल बताते हुए भूरी भूरी प्रशंसा की एवम् अन्य राज्यों के लिए इसे अनुकरणीय बताया।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में बतौर राज्य छत्तीसगढ़ ने तो उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है इसके साथ ही प्रदेश के छोटे बड़े अनेक शहरों में राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है। पाटन नगर पंचायत को 25हजार से कम जनसंख्या श्रेणी में देश का स्वच्छ शहर होने का दर्जा मिला है। इसी प्रकार जशपुरनगर को 25 से 50 हजार की जनसंख्या, धमतरी को 50हजार से 01 लाख की जनसंख्या एवं अंबिकापुर को 01 से 10 लाख जनसंख्या श्रेणी में सबसे स्वच्छ शहरों का दर्जा प्राप्त हुआ है।
इसके साथ ही प्रदेश के 10 अन्य शहरों भिलाई, अकलतरा, भिलाई-चरोदा, बीरगांव, चांपा, चिरमिरी, कवर्धा, नरहरपुर, पिपरिया एवं सारागांव को भी विभिन्न श्रेणियों में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

इस मौके पर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया ने नगरीय निकायों एवं प्रदेश की जनता को बहुत-बहुत बधाई देते हुए इसी प्रकार अपना सहयोग आगे भी देते रहने का आवाहन किया। प्रदेश को स्वच्छता में नंबर वन बनाने के लिए सबसे पहले सभी शहरों में कार्यरत स्वच्छता दीदियो, स्वच्छता कमांडो, अध्ािकारियों एवं कर्मचारियों का अभूतपूर्व योगदान रहा। इसके साथ ही इस बार जनभागीदारी द्वारा छत्तीसगढ़ की जनता ने भी सर्वेक्षण में अपनी अहम भूमिका निभाई। विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं जैसे मिशन क्लीन सिटी, स्वस्छता श्रृंगार, सुविधा 24, एफएसटीपी प्रबंधन, निदान 1100 एवं व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से प्रदेश के नागरिकों को जागरूक किया गया एवं छत्तीसगढ़ की शहरी जनता ने अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर प्रदेश को स्वच्छता के शिखर पर पहुंचाया।

स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 पिछले स्वच्छ सर्वेक्षणों से कई मायनों में अलग था। इस बार स्वच्छता की परीक्षा हेतु 6000 अंक निर्धारित किए गए थे जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देश के स्वछतम राज्य का तमगा एक बार फिर हासिल किया है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में देश का प्रथम ओडीएफ प्लस प्लस राज्य होने का दर्जा भी हासिल किया है।
भारत सरकार के द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण हेतु पूरे छत्तीसगढ़ का सर्वे किया गया, सर्वे में सर्वप्रथम पूरे छत्तीसगढ़ का ओडीएफ++ का सर्वे किया गया। ओडीएफ++ के पश्चात पूरे छत्तीसगढ़ का गार्बेज फ्रिज सिटी( स्टार रेटिंग) तथा स्वच्छ सर्वेक्षण का सर्वे किया गया। सर्वे उपरांत भारत सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ को ओडीएफ++ प्रदेश घोषित किया गया ,पूरे भारत में ओडीएफ++ होने वाला छत्तीसगढ़ सबसे पहला प्रदेश बना। गार्बेज फ्रिज सिटी( स्टार रेटिंग) मे भी छत्तीसगढ़ ने मारी बाजी – भारत सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के एक शहर अंबिकापुर को 5 स्टार शहर का दर्जा एवं 9 शहरों को 3 स्टार तथा 5 शहरों को 1 स्टार का शहर दर्जा दिया गया।

◆ स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 – ओडीएफ एवं गार्बेज फ्री सिटी के बाद पूरे छत्तीसगढ़ ने स्वच्छ सर्वेक्षण में जमकर प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ़ ने इस महा मुकाबले में कैसे की तैयारी –
★ शत प्रतिशत घर-घर कचरा संग्रहण – पूरे छत्तीसगढ़ के 166 निकायों के द्वारा प्रत्येक घरों से प्रतिदिन कचरा संग्रहण का कार्य किया जाता है इस कार्य हेतु भारत सरकार के द्वारा 100 अंक निर्धारित किया गया था.
★ सूखा -गीला कचरा घर से ही अलग अलग कर लेना – समस्त 166 निकायों के द्वारा घर से ही कचरा अलग अलग कर उठा कर प्रोसेसिंग प्लांट तक ले जाया जाता है इस हेतु भारत सरकार के द्वारा 125 अंक निर्धारित किए गए थे.
★ ऑनलाइन पद्धति से मॉनिटरिंग – पूरे 166 निकायों में काम कर रहे घर-घर कचरा संग्रहण करने वाले वाहन और समस्त स्वच्छता दीदियों, सफाई मित्रों का ऑनलाइन पद्धति से मॉनिटरिंग किया जाता है, इस कार्य हेतु भारत सरकार द्वारा 40 अंक निर्धारित किए गए थे।
★ वेस्ट पिकर- छत्तीसगढ़ के द्वारा जगह जगह पर कबाड़ बीनने वालों को निकाय के मिशन क्लीन सिटी योजना में शामिल कर रोजगार दिया गया। योजना में शामिल समस्त वेस्ट पिकर्स को राशन कार्ड, आधार कार्ड व लाइफ इंश्योरेंस एवं अन्य सरकारी लाभ से जोड़ा गया इस कार्य हेतु भारत सरकार के द्वारा 65 अंक निर्धारित किए गए थे।
★ दिन में दो बार झाड़ू लगाना – समस्त 166 निकायों में प्रतिदिन दो बार सुबह एवं रात्रि कालीन झाड़ू लगाने का कार्य किया जाता है इस कार्य हेतु भारत सरकार के द्वारा 50 अंक निर्धारित किए गए थे ।
◆ प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट – पूरे 166 निकायों मे प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है प्लास्टिक उपयोग करने पर निकायों द्वारा समय-समय पर जुर्माना किया गया है व प्लास्टिक जब्ती का कार्य जोरो से किया है इस कार्य हेतु 30 अंक निर्धारित किए गए थे।
★ 3R Principal – Reduce, Reuse & Recycle. समस्त 166 निकायों के द्वारा Reduce, Reuse & Recycle के लिए नेकी की दीवार, बर्तन बैंक ,फूड बैग, होम कंपोस्टिंग जैसे अभिनव कार्य किए इस कार्य हेतु 50 अंक निर्धारित थे ।
★ घरों से निकलने वाले कचरे का शत प्रतिशत निपटान – समस्त 166 निकायों के द्वारा घर-घर कचरा संग्रहण से प्राप्त होने वाले कचरे का शत-प्रतिशत निपटान एसएलआरएम सेंटर में ले जाकर किया जाता है इस कार्य हेतु कुल 380 अंक निर्धारित थे।
★ Construction & Demolition Waste का निपटान – घरों से निकलने वाले मलबे का निपटान समस्त 166 निकायों के द्वारा शत प्रतिशत किया जाता है निकायों द्वारा Construction & Demolition Waste से पेवर ब्लॉक, गमले, ईंटे आदि बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य हेतु 50 अंक निर्धारित थे।
★ सुविधा 24 शौचालय- समस्त 166 निकायों में नागरिकों के सुविधा हेतु जगह-जगह पर सामुदायिक सह सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया गया है। शौचालयों से निकलने वाले मल का उपचार शत-प्रतिशत वैज्ञानिक पद्धति से किया जाता है। निकलने वाले मल को डि-सलॉजिंग वाहन के माध्यम से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटध् फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट ले जाकर उसका शत प्रतिशत ट्रीटमेंट किया जाता है इस कार्य हेतु भारत सरकार के द्वारा 500 अंक निर्धारित किए गए थे।
★ व्यवहार परिवर्तन एवम प्रचार प्रसार – सभी निकायों के द्वारा अपने – अपने निकाय स्तर पर मोहल्लो ,अस्पतालों, बाजारों, शासकीय भवन, हॉस्पिटल, स्कूल, होटल के मध्य स्वच्छता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया एवं निकाय द्वारा समय-समय पर सफाई अभियान चलाया गया व नागरिकों को जागरूक करने के लिए जगह-जगह पर स्वच्छता संबंधित वॉल पेंटिंग कराया गया तथा स्वच्छता संबंधी बैनर पोस्टर लगाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया इस कार्य हेतु भारत सरकार के द्वारा 160 अंक निर्धारित किए गए थे ।
★ क्षमता विकास- समस्त निकायों के द्वारा जेम पोर्टल के माध्यम से सफाई संबंधित समान का ऑनलाइन माध्यम से क्रय किया जाता है तथा समस्त निकायों द्वारा निकाय स्तर पर सभी मोहल्ले, आवासी क्षेत्र में कचरा की मात्रा को कम करने हेतु लगातार अभिनव कार्य जैसे होम कंपोस्टिंग, नेकी की दीवार, बर्तन बैंक का कार्य किया जा रहा है इस कार्य हेतु भारत सरकार के द्वारा 60 अंक निर्धारित किए गए थे।
◆ नवाचार एवम अभिनव प्रयास Innovation & Best Practices – समस्त निकायों द्वारा तथा नागरिकों के द्वारा स्वच्छता विषय पर अलग-अलग अभिनव पहल किया गया अभिनव पहल निकाय व निकाय के नागरिकों के द्वारा लगातार किया जा रहा है इस कार्य हेतु कुल 80 अंक निर्धारित किए गए थे।
◆ स्वच्छता ऐप – समस्त नगरीय निकायों के द्वारा स्वच्छता ऐप पर पर प्राप्त होने वाले शिकायतों का निराकरण शत-प्रतिशत समय सीमा के अंदर किया जाता है स्वच्छता एप में प्राप्त होने वाले शिकायत के निराकरण हेतु भारत सरकार के द्वारा कुल 400 अंक निर्धारित किए गए थे।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में कुल 6000 अंक निर्धारित किए गए थे इस 6000 अंक हेतु कुल 6 कैटेगरी निर्धारित किया गया था जिसका विवरण निम्नानुसार है –
ऽ डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन के लिए 1500 अंक
ऽ सिटीजन फीडबैक हेतु 1500 अंक
ऽ सर्टिफिकेशन के लिए 1500 अंक- जिसमे गार्बेज फ्री सिटी के लिए 1000 अंक व ओडीएफ प्लस प्लस हेतु 500 अंक निर्धारित थे
ऽ सर्विस लेवल प्रोसेस के लिए 1300 अंक व स्वच्छ सर्वेक्षण लीग हेतु 200 अंक निर्धारित किए गए थे।

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