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Yuktiyuktkaran: युक्तियुक्तकरण को लेकर बस्तर में बनने लगी विवाद की स्थिति: पदस्थापना आदेश को डीईओ ने किया रद्द,अब दोबारा होगी काउंसलिंग, देखें डीईओ का पत्र

Yuktiyuktkaran: डीपीआई की कड़ी चौकसी, कड़े निर्देश के बाद भी युक्तियुक्तकरण को लेकर की गई काउंसलिंग और अतिशेष शिक्षकों के पदस्थापना आदेश में गड़बड़ी सामने आने लगी है। जगदलपुर डीईओ ने एक आदेश जारी कर दोबारा काउंसलिंग का आदेश जारी किया है। देखें आदेश में क्या लिखा है।

CG Yuktiyuktkaran
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By Radhakishan Sharma

Yuktiyuktkaran: रायपुर। जिला बस्तर जगदलपुर के डीईओ ने सभी बीईओ को पत्र लिखा है। जारी पत्र में दोबारा काउंसलिंग का आदेश जारी किया है।डीईओ ने काउंसलिंग के बाद जारी पदस्थापना आदेश को रद्द करते हुए लिखा है कि बस्तर अंतर्गत अतिशेष शिक्षकों (माध्यमिक) का विषयवार युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही ओपन काउंसलिंग के माध्यम से 05 जून 2025 को कलेक्ट्रेट परिसर, जगदलपुर में आयोजित की गई थी। शिक्षकों (माध्यमिक) के द्वारा चयनित संस्थाओं में पदस्थापना आदेश जारी किया गया था। अपरिहार्य कारणों से उक्त शिक्षकों (माध्यमिक) के काउंसलिंग उपरांत जारी पदस्थापना आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है।

अतिशेष शिक्षकों (माध्यमिक) का विषयवार पुनः युक्तियुक्तिकरण की कार्यवाही ओपन काउंसलिंग के माध्यम से 08 जून.2025 को सुबह10 बजे से प्रेरणा हॉल, कलेक्टोरेट परिसर, जगदलपुर में की जाएगी। बीईओ को पत्र में निर्देशित किया है कि अपने विकासखण्ड अंतर्गत युक्तियुक्तिकरण के तहत संलग्न सूची अनुसार शिक्षकों (माध्यमिक) के नाम सूचना पटल में भी चस्पा किया जाना सुनिश्चित करें।

बस्तर में दोबारा होगी काउंसलिंग

जगदलपुर डीईओ द्वारा जारी आदेश से साफ है कि 8 जून को दोबारा कलेक्ट्रेट कैम्पस में काउंसलिंग होगी। काउंसलिंग के बाद मीडिल स्कूलों के लिए अतिशेष शिक्षकों को पदस्थापना आदेश जारी किया जाएगा। डीईओ द्वारा पदस्थापना आदेश को रद्द करने के बाद से ही इस बात की चर्चा हो रही है कि काउंसलिंग के लिए जिन शिक्षकों को अतिशेष बताते हुए सूची जारी की गई है उसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। डीईओ के इस आदेश को इसी नजरिए से देखा जा रहा है।

देखें आदेश-




प्रदेशभर में एक ही तरह की शिकायत, निराकरण अब तक नहीं

युक्तियुक्तकरण के तहत अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी होने के बाद से प्रदेशभर में शिक्षकों के बीच एक ही शिकायत रही कि दावा आपत्ति के लिए आवेदन लिए ही नहीं गए। दबाव के चलते कहीं-कहीं आवेदन स्वीकार किए गए तो शिकायकर्ता शिक्षकों को पावती नहीं दी गई। यह स्थिति कमोबेश पूरे प्रदेश में रही। जगदलपुर में भी इस तरह की शिकायत अब सामने आने लगी है। शिक्षकों ने आपत्ति दर्ज कराने डीईओ और कलेक्टर कार्यालय का चक्कर काटते रहे, किसी ने आवेदन ही नहीं लिया।

हाई कोर्ट में दायर याचिका में भी यही सबसे बड़ा मुद्दा

युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट में एक दर्जन से ज्यादा याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता शिक्षिका ने दावा आपत्ति को प्रमुख मुद्दा बनाते हुए कोर्ट को बताया कि अतिशेष के संबंध में जब उसने डीईओ कार्यालय व कलेक्टर कार्यालय में आपत्ति दर्ज कराने गई तब किसी ने आपत्ति ही नहीं ली।

हाई कोर्ट में आया ये मामला

महासमुंद की एक शिक्षिका कल्याणी फेकर ने अपनी याचिका में बताया कि उनके स्कूल में बच्चों की दर्ज संख्या 91 है, जबकि यू डाइस में गलत तरीके से एंट्री हुई संख्या 88 को मानकर उन्हें अतिशेष घोषित कर दिया गया। संस्था प्रमुख के द्वारा उन तीन बच्चों की जानकारी लिखकर भी डीईओ कार्यालय को भेजी गई थी जिनकी गिनती नहीं हो सकी है। उसने आवेदन भी दिया, पर विचार नहीं किया गया। राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने सात दिनों के भीतर आवेदन की जांच कराने का आश्वासन कोर्ट को दिया। ला अफसर के जवाब के बाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के प्रकरण में दावा आपत्ति के निराकरण करने के लिए राज्य शासन को 10 जून तक की मोहलत दी है।

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