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Yuktiyuktkaran: BEO ने चहेते शिक्षकों को बचाने ऐसे किया खेला, एक ही विषय के शिक्षकों के लिए तीन बीईओ ने बनाए अलग-अलग नियम

Yuktiyuktkaran: शिक्षक साझा मंच ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर बरती जा रही गड़बड़ी की शिकायत की थी। आशंका जताई थी कि प्रदेशभर में DEO और BEO मिलकर खेला कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जांजगीर-चांपा का है। यहां तो चार बीईओ ने युक्तियुक्तकरण के लिए शासन द्वारा तय मापदंड से इतर अपना नियम बना लिया और चहेतों को बचा भी लिया है। जिले के चारों बीईओ ने गजब का खेल किया है।

CG Yuktiyuktkaran
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By Radhakishan Sharma

Yuktiyuktkaran: रायपुर। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के लिए राज्य शासन ने मापदंड तो तय किया ही था साथ ही जरुरी दिशा निर्देश भी जारी किया था। इसके तहत शिक्षकों की अतिशेष की गिनती स्कूल और विषयवार करनी थी। जांजगीर-चांपा जिले में चार शिक्षा ब्लाक है। चारों बीईओ ने अपने नियम बनाए और चलाए भी अपने ही। विषय के अनुसार शिक्षकों को अतिशेष घोषित करने के लिए एक ही विषय के शिक्षकों के लिए बीइओ ने अलग-अलग मापदंड बनाए। चहेते शिक्षकों को बचाने के लिए कला संकाय को हिंदी के साथ शामिल कर लिया और कहीं हिंदी को कला से अलग कर दिया। जहां जो सुविधा बनी उसी हिसाब से शिक्षकों को अतिशेष घोषित कर ब्लाक के स्कूल से ही नहीं जिले से बाहर कर दिया है।

युक्तियुक्तकरण के तहत विषय को बीईओ जमकर हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। पूरा मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले शिक्षकों ने बीईओ की कारगुजारियों को भी उजागर किया है। बीईओ नवागढ़ की बात करें तो नवागढ़ बीईओ ने कला संकाय में जिन शिक्षकों की नियुक्ति हुई है उसे कला संकाय में शामिल किया है।

बलौदा, बम्हनीडीह और अकलतरा बीईओ ने तो गजब कर दिया है। कला संकाय में नियुक्त शिक्षकों को स्नातक विषय के आधार पर हिंदी में शामिल कर लिया। बीईओ से इतर जेडी बिलासपुर संभाग ने और भी गजब कर दिया। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद अभ्यावेदन देने वाले शिक्षकों के अभ्यावेदन की सुनवाई के बाद नवागढ़ ब्लाक के शिक्षकों के अभ्यावेदन को खारिज कर दिया है।

एक सवाल ऐसा भी

जेडी बिलासपुर संभाग द्वारा अभ्यावेदन पर की गई कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहा है कि यदि नवागढ़ बीईओ द्वारा विषय के हिसाब से शिक्षकों की जारी सूची सही है तो फिर बलौदा,अकलतरा और बम्हनीडीह बीईओ द्वारा जारी अतिशेष शिक्षकों की सूची जिसमें विषय दर्शाया गया है, सही होगी या गलत। एक ही डीईओ कार्यालय के अंतर्गत आने वाले चार बीईओ कार्यालय में एक ही विषय के लिए बनाए गए अतिशेष शिक्षकों की सूची में इतना अलगाव और अलग-अलग क्यों है। सूची जारी होने के बाद डीईओ ने आपत्ति क्यों नहीं की। अचरज की बात ये कि जेडी बिलासपुर संभाग ने भी नवागढ़ बीईओ की सूची के आधार पर अभ्यावेदन का निराकरण किया तो फिर तीन बीईओ की सूची में सुधार का आदेश जारी क्यों नहीं किया। एक ही जिले में अतिशेष के लिए अलग-अलग नियम और मापदंड कैसे हो सकते हैं।

जिले से बाहर तबादला का औचित्य क्या है

जांजगीर जिले के डीईओ और बीईओ ने नियमों का ना केवल माखौल उड़ाया है साथ ही शिक्षकों को अतिशेष बताते हुए जांजगीर-ांपा से दूर मुंगेली जिले के स्कूलों के लिए तबादला कर दिया है। अचरज की बात ये कि युक्तियुक्तकरण के बाद भी जांजगीर-चांपा जिले की स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। मुंगेली जिले के लिए जारी पदस्थापना आदेश को लेकर भी सवाल उठने लगा है।

महिला शिक्षकों को दूर के स्कूलों में दी पदस्थापना

काउंसलिंग के दौरान महिला शिक्षकों को प्राथमिकता देने के बहाने पूर्व में पदस्थ स्कूल से 20 से 25 किलोमीटर दूर के स्कूल में भेज दिया है। इससे महिला शिक्षकों को व्यवहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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