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RTE School News: आरटीई में प्रवेश: राज्य शासन के नए नियमों का प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट ने किया विरोध, पढ़िए प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट क्यों कर रहा है विरोध...

RTE School News: RTE शिक्षा के अधिकार कानून के तहत प्रवेश को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने जरुरी बदलाव कर दिया है। इस कानून के तहत अब प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को कक्षा एक से प्रवेश दिलाया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग के इस आदेश का प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने विरोध किया है।

RTE School News: आरटीई में प्रवेश: राज्य शासन के नए नियमों का प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट ने किया विरोध, पढ़िए प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट क्यों कर रहा है विरोध...
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By Radhakishan Sharma

RTE School News: रायपुर। RTE शिक्षा के अधिकार कानून के तहत प्रवेश को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने जरुरी बदलाव कर दिया है। इस कानून के तहत अब प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को कक्षा एक से प्रवेश दिलाया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग के इस आदेश का प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने विरोध किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग अपने 2015 के नियमों से पलट रहा है। उनका आरोप है कि राज्य सरकार प्राइवेट स्कूलों को नर्सरी व पीपीटू का फीस देना ना पड़े,इसके चलते नियमों में रद्दोबदल कर दिया है। इससे आरटीई के तहत एडमिशन लेने वाले बच्चों में शिक्षा के स्तर में बदलाव देखने को मिलेगा और असमानता भी नजर आएगी। प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी से पढ़ाई शुरू हो जाती है।

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा के अधिकार कानून में कक्षा पहली में प्रवेश देने का आदेश आज जारी हुआ है यह आदेश शिक्षा के अधिकार कानून के उद्देश्यों के खिलाफ है

छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि इससे अमीर और गरीब बच्चों के बीच शिक्षा को लेकर असमानता पैदा होगी। प्राइवेट स्कूलों में एंट्री क्लास से पढ़ाई शुरू हो जाती है। आरटीई के तहत बच्चों को कक्षा एक से एडमिशन दिलाया जाएगा। इससे ऐसे बच्चों में पढ़ाई के स्तर में अंतर नजर आएगा। राजीव गुप्ता का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने नर्सरी व पीपीटू का पैसा निजी स्कूलों को देना ना पड़े इसलिए यह आदेश लेकर आए है। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग 2015 के अपने आदेश को पलट रहा है, जो कि गलत है।

  • बाल्यावस्था की शिक्षा (3–6 वर्ष) सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है, जहां भाषा, व्यवहार और सीखने की नींव रखी जाती है।
  • आर्थिक रूप से सक्षम वर्ग के बच्चे निजी स्कूलों में नर्सरी से पढ़ाई जारी रखेंगे, जबकि गरीब बच्चे सीधे कक्षा 1 में प्रवेश लेकर शैक्षणिक असमानता के शिकार होंगे।
  • यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 21-A (शिक्षा का अधिकार) की भावना के विपरीत है।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी Foundational Education (3–8 वर्ष) को अत्यंत आवश्यक मानती है।
  • यह निर्णय बच्चों पर मानसिक दबाव बढ़ाएगा और ड्रॉप-आउट की संभावना को बढ़ावा देगा
  • छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा RTE के तहत नर्सरी/एलकेजी/यूकेजी में प्रवेश समाप्त करना गरीब और वंचित बच्चों को पीछे धकेलने जैसा है।
  • RTE का उद्देश्य समान अवसर देना है, न कि असमानता बढ़ाना।
  • नर्सरी से प्रवेश बंद करना गरीब बच्चों के शैक्षणिक भविष्य पर कुठाराघात है।


शिक्षा के अधिकार RTE में प्रवेश को लेकर जारी हुआ ये आदेश

शिक्षा के अधिकार के तहत प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ा बदलाव कर दिया है। जारी आदेश पर नजर डालें तो अब प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत क्लास वन से ही प्रवेश होगा।

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा डीपीआई संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय को जारी आदेश में लिखा है कि निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12, के खण्ड (1) के उपखण्ड (ग) के प्रावधान अनुसार राज्य में निजी विद्यालयों द्वारा केवल कक्षा पहली में प्रवेश दिए जाने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किया जाना प्रस्तावित किया गया है। उपरोक्त प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की जाती है।स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव नीलम टोप्पो ने आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों में अब प्रवेश कुछ इस तरह की शर्तों पर होगा।

देखें आदेश





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