पंजीयन में क्रांतिकारी बदलावः 10 नई जन सुविधाएं शुरू कर रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा रोकने की छत्तीसगढ़ सरकार की ऐतिहासिक पहल
Revolutionary change in registration: आम आदमी को राहत पहुंचाने छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ी सौगात दी है। लोगों को जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा। और न ही नामंतरण के लिए तहसीलदारों का चक्कर लगाना होगा।

Revolutionary change in registration: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन, मकान की रजिस्ट्री में दस नई जन सुविधाएं शुरू की हैं। पंजीयन विभाग में आम जनता की सुविधा और दस्तावेजों की सुरक्षा को लेकर सॉफ्टवेयर में दस नई सुविधाओं को शामिल किया है। अब आप घर बैठे रजिस्ट्री करा सकते हैं। वहीं खुद ही नामांतरण करा सकते हैं। छत्तीसगढ़ में पंजीयन विभाग के 10 क्रांतिकारी सुधारों का आगाज नवा रायपुर के एक होटल में हुआ। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इन सुधारों का आगाज किया।
पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी ने कहा है कि जनहित को सर्वोपरी रखते हुए सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नागरिकों के विश्वास को बनाए रखने हेतु पंजीयन विभाग को नई तकनीकों के साथ लगातार अपडेट किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आम जनता के लिए शासन द्वारा दी जा रही विभिन्न सुविधाओं का प्रचार-प्रसार करें और पंजीयन कार्यालयों में फ्लैक्स व बैनर लगाए जाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा पक्षकार इन सेवाओं का लाभ उठा सकें। अधिकारियों को ओपी चौधरी ने निर्देशित किया कि सेवा गुणवत्ता में निरंतर सुधार करें, पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और विभागीय लक्ष्यों को समय पर प्राप्त करें।
पंजीयन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2,979 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 18.86 प्रतिशत की वृद्धि है। विभिन्न जिलों में दस्तावेजों की संख्या एवं राजस्व प्राप्ति के आधार पर रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर शीर्ष पर रहे। इस तरह प्रदेश के राजस्व संग्रहण में पंजीयन विभाग महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मंत्री ओपी चौधरी ने इस उपलब्धि के लिए विभाग के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की और कार्यों को संवेदनशीलता एवं पारदर्शिता से करने की प्रेरणा दी।
इसके अलावा बैठक में पिछले एक वर्ष में हुए सुधारों, पंजीयन दस्तावेजों की स्थिति, राजस्व प्राप्ति, स्थापना, सतर्कता प्रकोष्ठ की गतिविधियों, न्यायालयीन प्रकरणों की स्थिति, मुदांक एवं आरआरसी प्रकरणों, ऑडिट रिपोर्ट्स और डाटा डिजिटाईजेशन की जिलेवार प्रगति पर चर्चा की। पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी ने कहा है कि विभाग को तकनीकी रूप से सुदृढ़ करने के लिए सेटअप का पुनरीक्षण कर नए पदों का सृजन किया गया है। इससे फील्ड में काम कर रहे अमले को दस्तावेजों की गहन जांच कर पंजीयन करने में सुविधा होगी। मंत्री श्री चौधरी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि आधार आधारित प्रमाणीकरण, डिजीटल लॉकर सुविधा, फेसलेस रजिस्ट्री और ऑनलाइन दस्तावेज सत्यापन जैसे नवाचारों को तेजी से लागू करें। उन्होंने कहा कि इससे नागरिकों को घर बैठे सुरक्षित और त्वरित सेवाएं मिलेंगी।
ऑटो रिकार्ड अपडेट वाला देश का पहला राज्य
छत्तीसगढ़ में जमीन- जायदाद की रजिस्ट्री के साथ ऑटो नामांतरण कार्य 3 मई से शुरू हो गया है। पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी ने इस राजस्व और पंजीयन सुधार की खासियत बताते हुए दावा किया है कि ऑटो नामांतरण करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है। रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी होते ही राजस्व अभिलेखों (भुइयां सॉफ्टवेयर) में स्वतः नए क्रेता का नाम अपडेट हो जाएगा। रजिस्ट्री और राजस्व सॉफ्टवेयर का इंटीग्रेशनःपृथक मॉड्यूल बनाकर रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर और भुइयां सॉफ्टवेयर को आपस में जोड़ा गया है। नामांतरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुविधाःनागरिकों को पटवारी और तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी।प्रक्रिया त्वरित, पारदर्शी और सरल बनेगी। लंबित नामांतरण प्रकरणों का समाधानःवर्तमान में लंबित हजारों नामांतरण प्रकरणों का तेजी से निपटारा संभव होगा।
आसान नहीं था रिफॉर्मः चौधरी
उन्होंने कहा कि जब पंजीयन विभाग का का दायित्व मुख्यमंत्री के माध्यम से मुझे मिला, तो मैने फील किया कि हर एक के जिन्दगी में जमीन खरीदने का जो क्षण होता है। आम आदमी के जीवन में एक बार या दो बार मुश्किल से आता है। उस समय पंजीयन विभाग के ऑफिस से आदमी हंसते-हंसते बाहर जाना चाहिए। इसलिए उन्होंने संकल्प लिया कि पंजीयन ऑफिस के कार्यों में रिफर्म करना होगा। ओपी चौधरी ने कहा कि 13 बरसों के प्रशासनिक अनुभव में मैं मानता हूं कि हर सिस्टम में 10 प्रतिशत लोग ऐसे होते हैं, जो कभी नहीं बिगड़ते। हमेशा अच्छा काम करते हैं। 10 प्रतिशत ऐसे लोग होते हैं, जो कभी नहीं सुधरते, हमेशा गलत काम करते हैं। वहीं 80 प्रतिशत लोग ऐसे होते हैं, जो समय की धारा के अनुसार बहते हैं। जब लीडरशिप सहीं होता है, नेतृत्व सहीं होता है, तो 80 प्रतिशत धारा से बहने वाले लोग और 10 प्रतिशत कभी नहीं बिगड़ने वाले लोग आपके साथ आ जाते हैं, लेकिन 10 प्रतिशत लोग जो कभी नहीं सुधरते, वो लोग एक राउंड विरोध करने का प्रयास करते हैं।
एसीबी, ईओडब्ल्यू की धमकी से बना काम
पंजीयन विभाग में सुधारों के आगाज के मौके पर सीएम विष्णु देव साय जहां पटवारी और तहसीलदारों की मनमानी पर जमकर बरसे तो वहीं पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी ने सिलसिलेवार बताया कि उन्हें इन सुधारों के लिए सवा साल में कितने पापड़ बेलने पड़े। विभागीय मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि ये रिफर्म हफ्ता, महीना में नहीं हुआ। इसमें पंजीयन विभाग की उनकी टीम को सवा साल लगे। उन्होंने बताया कि कोई भी रिफर्म आसान नहीं होता। उसका विभिन्न स्तरों पर विरोध होता है। उन्हें भी तरह-तरह के अवरोधों का सामना करना पड़ा। इसमें विभागीय से लेकर सियासी विरोध भी शामिल है। उन्होंने बताया कि पंजीयन विभाग में सुधार की कवायद शुरू होते ही विभाग के कुछ कर्मचारियों, अधिकारियों से विरोध के स्वर तेज होने लगे। आंदोलन की धमकियां भी मिलीं। लेकिन ओपी ने दिलचस्प ढंग से इसे हैंडल करते हुए छह लोगों की फाइल बनाई। जब आंदोलन हड़ताल के रूप में बदलने जा रहा था तो मैंने इन छह लोगों की फाइल को मंत्रालय की टेबल में रखा और उन्हें बुलाकर कहा- भाई देख लो, मैं पुराने गड्ढे नहीं खोदना चाहता। अगर आप समय के अनुसार रिफॉर्म का स्वागत करोगे तो आपके लिए कोई परेशानी नहीं होगी। नहीं तो ये फाइलें मुख्यमंत्री के माध्यम से एसीबी, ईओडब्ल्यू को भेजी जाएगी। इसके बाद आंदोलन और हड़ताल बंद हो गये।
ये हैं 10 नई सुविधाएं
1. आधार आधारित प्रमाणीकरण की सुविधाः पक्षकारों की बायोमैट्रिक पहचान के जरिए रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा रोकने की व्यवस्था की जा रही है।
2. ऑनलाइन सर्च एवं डाउनलोड सुविधाः खसरा नंबर से पूर्व पंजीकृत रजिस्ट्री का ऑनलाइन अवलोकन और डाउनलोड की सुविधा।
3. भारमुक्त प्रमाण पत्रः संपत्ति पर किसी भार या बंधक की जानकारी ऑनलाइन प्रमाण पत्र के माध्यम से उपलब्ध होगा।
4. एकीकृत कैशलेस भुगतान प्रणालीः- स्टांप ड्यूटी और पंजीयन शुल्क का संयुक्त कैशलेस भुगतान की सुविधा।
5. व्हाट्सएप मैसेज सेवाः- पंजीयन से संबंधित अपडेट्स की रियल टाइम जानकारी व्हाट्सएप पर जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
6. डिजी लॉकर सुविधाः- रजिस्ट्री दस्तावेजों का डिजिटल भंडारण और एक्सेस।
7. ऑटो डीड जनरेशनः- दस्तावेजों का स्वतः ऑनलाइन निर्माण और प्रस्तुतिकरण।
8. डिजी डॉक्यूमेंट सेवाः- शपथ पत्र, अनुबंध आदि गैर-पंजीकृत दस्तावेजों का ऑनलाइन निर्माण।
9. घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधाः- ऑनलाइन विलेख निर्माण, साक्षात्कार और पंजीयन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। होम विजिट के माध्यम से पंजीयन कराये जाने की सुविधा तथा तत्काल आपाइंटमेंट सहित पारिवारिक दान, हक त्याग आदि में पंजीयन फीस मात्र 500 रूपए लिये जाने का प्रावधान है।
10. स्वतः नामांतरण सुविधाः- रजिस्ट्री के बाद स्वचालित रूप से राज
स्व अभिलेखों में नामांतरण की सुविधा होगी। यह आम नागरिकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण सुधार है, इससे पक्षकारों को विचौलियों से मुक्ति के साथ नामातंरण की लंबी प्रक्रिया से होकर गुजरना नहीं पड़ेगा। समय और श्रम के साथ आर्थिक बोझ भी कम होगा।