Ranjita Kureti News: बस्तर की बेटी रंजीता कुरेटी ने छत्तीसगढ़ और भारत का बढ़ाया शान, भारत के लिए जूडो में जीता स्वर्ण पदक
Ranjita Kureti News: छत्तीसगढ़ की रंजीता कुरेटी ने ताइपे कैडेट एशियन कप जूडो चैंपियनशिप 2025 में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर न सिर्फ अपने गांव, जिले या राज्य का नाम रोशन किया है, बल्कि पूरे देश को गौरव से भर दिया है।

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Ranjita Kureti News: कोंडागांव की तंग गलियों और लाल माटी के रास्तों से निकलकर एक बेटी ने वो कर दिखाया, जिसकी कल्पना भी मुश्किल थी। छत्तीसगढ़ की रंजीता कुरेटी ने ताइपे कैडेट एशियन कप जूडो चैंपियनशिप 2025 में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर न सिर्फ अपने गांव, जिले या राज्य का नाम रोशन किया है, बल्कि पूरे देश को गौरव से भर दिया है।
15 जुलाई की सुबह ताइपे के स्टेडियम में जब फाइनल मुकाबला शुरू हुआ, तो सभी की नजरें 52 किलोग्राम वर्ग में रंजीता और ताइवान की वांग टिंग युं पर टिकी थीं। लेकिन जैसे ही मुकाबले का अंतिम सीटी बजी और रंजीता की जीत की घोषणा हुई, तो मानो छत्तीसगढ़ के कोने-कोने में जश्न शुरू हो गया। इस जीत ने उस संघर्ष को नई पहचान दी, जो बस्तर की इस बेटी ने वर्षों तक चुपचाप जिया था।
जहां सपनों के लिए साधन नहीं थे, वहां हौसले ने राह बनाई
रंजीता का सफर आसान नहीं था। सीमित संसाधनों के बीच उन्होंने अपनी काबिलियत को साबित किया। जनवरी 2025 में पुणे में हुई नेशनल जूडो चैंपियनशिप में उन्हें ‘बेस्ट प्लेयर’ का खिताब मिला था। इसी टूर्नामेंट ने उनकी जिंदगी की दिशा बदल दी। भारतीय खेल प्राधिकरण ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें जॉर्जिया भेजा गया विदेशी प्रशिक्षण के लिए। ये वही दौर था जब रंजीता ने खुद से वादा किया कि अब सिर्फ खुद के लिए नहीं, देश के लिए लड़ेगी।
घर की बेटी, देश की शान
आज जब रंजीता ने एशियन कप में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया है, तो उसके पीछे सिर्फ उसकी मेहनत नहीं, बल्कि एक मां की दुआ, एक पिता का भरोसा, और उस गांव का आशीर्वाद है जिसने उसे बार-बार गिरने के बाद भी खड़ा होना सिखाया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि रंजीता की जीत इस बात का प्रतीक है कि अगर बेटियों को अवसर मिले तो वे किसी भी मुकाम तक पहुंच सकती हैं। वहीं प्रदेश जूडो संघ समेत कई खेल अधिकारियों और नेताओं ने भी उनकी जीत को छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभा का उदाहरण बताया।
