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Rani Darha Waterfalls: इस जलप्रपात की खूबसूरती देखते रह जाएंगे आप, नाम के पिछे भी है अनोखी कहानी, जानिए रानी दाह के बारे में पूरी जानकारी

Rani Darha Waterfalls: छत्तीसगढ़ राज्य जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इस राज्य के जंगल, पहाड़ और नदियां पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं, और इनमें से कुछ सबसे मनमोहक स्थल हैं रानी दाह, रानी दहरा और रानी दरहा जलप्रपात।

Rani Darha Waterfalls: इस जलप्रपात की खूबसूरती देखते रह जाएंगे आप, नाम के पिछे भी है अनोखी कहानी, जानिए रानी दाह के बारे में पूरी जानकारी
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By Chirag Sahu

Rani Darha Waterfalls: छत्तीसगढ़ राज्य जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इस राज्य के जंगल, पहाड़ और नदियां पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं, और इनमें से कुछ सबसे मनमोहक स्थल हैं रानी दाह, रानी दहरा और रानी दरहा जलप्रपात। ये जलप्रपात स्थानीय लोककथाओं और ऐतिहासिक कहानियों से भी जुड़े हैं। साथ ही वे छात्र जो किसी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है उनके लिए भी यह जानकारी काफी लाभदायक होगी।

रानी दाह जलप्रपात

यह जलप्रपात, छत्तीसगढ़ के उत्तर पूर्वी हिस्से में बसे एक जिले जशपुर नगर में स्थित है, जो अपने घने जंगलों और पहाड़ी परिदृश्यों के लिए जाना जाता है। यहीं पर रानी दाह जलप्रपात अपनी पूरी शान के साथ प्रकृति का स्वागत करती है। जशपुर शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी यह जलप्रपात स्थित है। करीब 60 फीट की ऊंचाई से गिरता यह जलप्रपात मानसून के मौसम में अपनी पूरी भव्यता के साथ नजर आता है। यह जलप्रपात केलो नदी पर बना हुआ है।

किंवदंती है कि एक रानी, जिसे अपने प्रेमी से अलग कर दिया गया था, उसने इस स्थान पर अपनी जान दे दी थी और उसी के सम्मान में इसे "रानी दाह" नाम मिला। यह कहानी इस स्थान को और भी रहस्यमयी बनाती है। रास्ते में आपको आदिवासी गांवों की झलक मिलेगी, जो छत्तीसगढ़ की संस्कृति को और करीब से समझने का अवसर देती है।

रानी दहरा जलप्रपात

यह जलप्रपात कवर्धा (कबीरधाम) जिले के बोड़ला तहसील के अंतर्गत आने वाले रानी दहरा गांव में स्थित है। यह मैकल श्रेणी का हिस्सा है। रानी दहरा जलप्रपात अपनी चरणबद्ध संरचना और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह जलप्रपात कवर्धा शहर से लगभग 35 किलोमीटर दूर है। इसकी मुख्य धारा लगभग 90 फीट ऊंची है, जो तीन-चार चरणों में गिरती है, और हर चरण अपनी अनूठी सुंदरता बिखेरता है।

यह जलप्रपात भोरमदेव वन्यजीव अभयारण्य के अंतर्गत आता है, जहां घने जंगल और वन्यजीवों की मौजूदगी इसे और आकर्षक बनाती है। कहते हैं कि रियासत काल में यह स्थान राजपरिवार का पसंदीदा विश्राम स्थल था। पास ही स्थित 11वीं शताब्दी का भोरमदेव मंदिर इस क्षेत्र को ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी देता है।

रानी दरहा जलप्रपात

यह जलप्रपात छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में स्थित है। यह अपने आदिवासी संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यह जलप्रपात कोंटा तहसील के अंतर्गत शबरी नदी पर बना हुआ है। शबरी नदी का गहरा पानी और आसपास के घने जंगल इसे एक रहस्यमयी और शांत अनुभव प्रदान करते हैं। इस जलप्रपात की संरचना घुमावदार है, और इसकी मध्यम ऊंचाई इसे एक अनोखा आकर्षण देती है। यह स्थान नक्सली बेल्ट और दुर्गम होने के कारण ज्यादा पर्यटकों की भीड़ से बचा हुआ है।

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