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Rajnandgaon News: ऑपरेशन तलाश ने 160 लोगों को परिजनों से मिलाया, राजनादगांव पुलिस का अनूठा अभियान

Rajnandgaon News: राजनादगांव पुलिस ने ऑपरेशन तलाश के जरिए वर्षों से लापता 160 लोगों को खोज निकाला है। अलग-अलग जिलों के अलावा अन्य राज्यों से भी लापता लोगों की तलाश की गई है। वर्षों से बिछड़े, अपनों से मिले तो आपस में गले लगकर खूब रोए।

ऑपरेशन तलाश ने 160 लोगों को परिजनों से मिलाया, राजनादगांव पुलिस का अनूठा अभियान
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By Radhakishan Sharma

Rajnandgaon News: “ऑपरेशनतलाश” उम्मीद की नई किरण बनकर सामने आई है। विशेष अभियान के तहत एक जून से 24 जुलाई 2025 तक जिले से लापता कुल 160 व्यक्तियों को सकुशल बरामद कर परिजनों के सुपुर्द किया गया है। अन्य राज्यों से भी लोगों को खोजा गया है। बरामद किए गए लोगों में 77 महिलाएं, 79 पुरुष, 3 बालिकाएं और 1 बालक शामिल हैं।

पुलिस मुख्यालय से प्राप्त दिशा-निर्देशों के तहत पुलिस महानिरीक्षक राजनांदगांव रेंज अभिषेक शांडिल्य ने रेंज के सभी जिलों को गुमशुदा व्यक्तियों की खोज के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। इस आदेश के पालन में पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा के मार्गदर्शन में, नगर पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र नायक, एसडीओपी डोंगरगढ़ आशीष कुंजाम तथा एसडीओपी डोंगरगांव दिलीप सिसोदिया के पर्यवेक्षण में जिले के समस्त थाना एवं चौकी प्रभारियों द्वारा “ऑपरेशन तलाश” चलाया गया।

पुलिस ने छत्तीसगढ़ के साथ-साथ मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना के विभिन्न जिलों में जाकर तलाश अभियान चलाया। पुलिस टीम ने तकनीकी सहायता, डाटा विश्लेषण, मोबाइल ट्रैकिंग व मैन्युअल सर्वे के जरिए गुमशुदा लोगों को चिन्हित कर उन तक पहुंची। अभियान की विशेष उपलब्धि यह रही कि 2010 से लापता कु. वंदना (30 वर्ष), 2019 से गुमशुदा राजा यादव (24 वर्ष) और 2023 से गायब नंदकुंवर (24 वर्ष) जैसे पुराने मामलों में भी सफलता मिली। परिजन इन लोगों की तलाश में वर्षों से थक चुके थे और लगभग उम्मीद खो चुके थे, लेकिन पुलिस की सतत मेहनत ने उन्हें वापस उनके अपनों से मिला दिया।

सीमा पार गई पुलिस टीम

160 में से 11 गुमशुदा व्यक्ति राज्य की सीमा के बाहर से बरामद किए गए हैं। जिनमें मध्यप्रदेश से 4 व्यक्ति,महाराष्ट्र से 4 व्यक्ति,तेलंगाना से 3 व्यक्ति शामिल हैं। राजनांदगांव पुलिस ने इस पूरे अभियान में केवल तकनीकी उपकरणों पर भरोसा नहीं किया, बल्कि परिजनों से भावनात्मक संवाद कर, पुराने दस्तावेजों व फोटो के आधार पर भी गुमशुदा की तलाश में लगी रही। यही वजह रही कि इतने बड़े स्तर पर सफलता मिली।

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