Raipur: राजधानी में बारिश से पहले एक्शन मोड में मंत्री केदार कश्यप, नगर निगम के अधिकारियों की ली बैठक, दिए कई अहम निर्देश...
Raipur: वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा रायपुर जिले के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप ने आज नगर निगम रायपुर के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर वर्षा पूर्व जल भराव तथा नालों के जाम से निपटने सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए
Raipur: रायपुर। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा रायपुर जिले के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप ने आज नगर निगम रायपुर के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर वर्षा पूर्व जल भराव तथा नालों के जाम से निपटने सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जलभराव क्षेत्रों का चिन्हांकन कर लिया गया है एवं बाढ़ आपदा से बचने हेतु नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत आने वाले सभी 70 वार्डों के नालों की साफ-सफाई हो जानी चाहिए। यदि जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो तो इससे निपटने के लिए भी आवश्यक तैयारी कर ली जाए। उन्होंने कहा कि जोन के स्वास्थ्य अधिकारी और स्वास्थ्य निरीक्षक द्वारा जोन क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण कर स्थिति के ऊपर नजर रखा जाए।
नगर निगम रायपुर के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि आपदा की स्थिति में सहायता के लिए 24 x 7 घंटे सेवा प्रदान करने के लिए आपातकालीन व्यवस्था की गई है। इसके लिए दूरभाष नंबर भी जारी किया गया है। दूरभाष नंबर 0771-2272101, 0771-2274101 जारी किया गया है। नगर पालिक निगम रायपुर की ज्वाईंट टीम तैयार कर ली गई है, जिसमें आपातकालीन व्यवस्था की गई है। बाढ़ नियंत्रण प्रकोष्ठ का मुख्यालय मोटर कर्मशाला कार्यालय टिकरापारा पुलिस थाना के पास रायपुर में बनाया गया है। जिसके लिये नोडल अधिकारी नियुकत किये गये हैं। विनोद पाण्डेय प्रभारी अधिकारी मोबाइल नंबर +91-9424264100 एवं लिंक अधिकारी डॉ. तृप्ति पाणीग्रही मोबाइल नंबर +91-9691285715 है। मोटर कर्मशाला में प्रदीप यादव कार्यपालन अभियंता मो.नं. +91-9301953219 होंगे। अतिवृष्टि की स्थिति में समस्त जोन आयुक्त बाढ़ नियंत्रण प्रकोष्ठ के प्रभारी के रूप में कार्य करेंगे।
निगम के अधिकारियों ने बताया कि आपदा से निपटने सभी आवश्यक सामाग्रियां (रेत के बोरे/ इक्वीपमेंट्स) मजदूरों की व्यवस्था की गई है। जो 3 पाली में जोन स्तर पर उपलब्ध रहेंगे। बाढ़ प्रभावित परिवारों के रहवास के लिये शालाओं का चयन कर लिया गया है, जहां प्रभावित पीड़ित परिवारों को रखा जाएगा। अतिवृष्टि होने पर सभी जोन में टूल्लू पंप के जरिये जलभराव से निपटने की व्यवस्था की गई है।
मौसमी बीमारी से निपटने आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश
मंत्री कश्यप ने बैठक में कहा कि वर्षा ऋतु में मौसमी बीमारी के मामले सामने आते हैं अतः ऐहितियातन मौसमी बीमारी से निपटने के लिए भी आवश्यक तैयारी कर ली जाए। अधिकारियों ने बताया कि मौसमी बीमारियों के संबंध में वर्षा ऋतु से पहले ही बैठक लेकर तैयारी की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ सतत समन्वय कर कार्य किया जा रहा है। निजी अस्पतालों को स्लम एरिया में कैंप करने निर्देशित किया गया है। निगम एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक काम्बैट टीम तैयार की गई है, जो किसी भी प्रकार की महामारी से निपटने के लिए तैयार है। स्लम एरिया का चिन्हांकन कर लिया गया है। बीएसयूपी के आस-पास तालाब वाले स्लम एरिया में जहां विगत तीन सालों में डायरिया, डेंगू आदि के प्रकरण मिले हैं। वहां एनसीडीसी की टीम के साथ सर्वे कर चिन्हांकित किया जा रहा है। तालाबों में गम्बूजिया मछली छोड़ी जा रही है, जो डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित मच्छरों के लार्वा को खा जाता है।
डेंगू एवं चिकनगुनिया से बचाव - सभी स्थानों जहां जलभराव है, वहां मलेरिया /जला ऑयल डाला जायेगा। खाली गड्ढों को पाटा जाएगा। एंटी लारवा का छिड़काव डोर टू डोर जाकर किया जायेगा। सुबह-शाम फागिंग करवाकर वयस्क मच्छरों से बचाव किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत् मोबाईल मेडिकल यूनिट लगातार ऐसे स्थानों में कैंप कर मरीजों को राहत प्रदान किया जा रहा है। स्वच्छता दीदियों के माध्यम से डोर टू डोर जागरूकता फैलाई जा रही है।
मंत्री कश्यप ने कहा कि सभी हैंडपंप, बोरिंग एवं पावर पंप की मरम्मत का अभियान चलाकर समय के पूर्व चाक-चौबंद व्यवस्था कर लिया जाए। हैंडपंप के चारों ओर चबूतरा बनाया जाये एवं पानी की निकासी की पर्याप्त व्यवस्था की जाये। उन्होंने कहा कि नदी नाले-तालाब का गंदा पानी पीने से होने वाली संक्रामक बीमारियों जैसे उल्टी दस्त, पीलिया आदि के प्रति अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाए। समस्त जोन के जोन स्वास्थ्य अधिकारी और स्वच्छता निरीक्षक अपने-अपने जोन में सब्जी बाजार, होटल, जलपान गृह, गन्ने एवं फलों के रस की दुकान आईस्क्रीम पार्लर बेकरी, मटन मुर्गा आदि दुकानों का नियमित रूप से निरीक्षण करें और एवं नियमानुसार सड़े गले फल, सब्जी, मिठाई, मटन, मछली आदि के विनिष्टीकरण करने के निर्देश दिए।