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Raipur News: दो घोड़े को भूखा रखा, हो गई मौत, पुलिस ने किया FIR दर्ज...

Raipur News: दो घोड़े को भूखा रखकर मौत के घाट उतारने के मामले में पुलिस ने अपराध दर्ज किया है।

Raipur News: दो घोड़े को भूखा रखा, हो गई मौत, पुलिस ने किया FIR दर्ज...
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By Sandeep Kumar

रायपुर। दो घोड़ों को भूखा रखकर मौत के घाट उतारने के मामले में पुलिस ने अपराध दर्ज किया है। रायपुर के नागरिक द्वारा पीटा संस्थान को जानकारी दी गई कि रायपुर के एक आवास में दो घोड़े गंभीर रूप से कुपोषित हैं, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर घोड़ों के मालिक के खिलाफ़ पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज़ कराई। संबंधित मामले में, टिकरापारा पुलिस स्टेशन द्वारा भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 325 के तहत एक FIR दर्ज की गई है।

वंचना लाबान और समीर वेंस्यानी नामक दो स्थानीय कार्यकर्ताओं के हस्तक्षेप के बाद, दोनों घोड़ों को आपातकालीन चिकित्सकीय देखभाल के लिए एक सरकारी पशु अस्पताल ले भी जाया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश अगले ही दिन दोनों ने लंबे समय से हो रही दुर्दशा के कारण अपने प्राण गवां दिए।

PETA इंडिया की मैनेजर ऑफ वीगन प्रोजेक्ट्स डॉ. किरण आहूजा ने कहा, “इस गहन क्रूरता के कारण अपनी जान गवाने से पहले इन घोड़ों को जिस भय और पीड़ा का सामना करना पड़ा होगा वह हमारे लिए अकल्पनीय है। जो लोग पशुओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं वे अक्सर आगे चलकर मनुष्यों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। हर किसी की सुरक्षा के लिए, यह जरूरी है कि हर कोई पशुओं पर होने वाली क्रूरता के मामलों की रिपोर्ट करें। उन्होंने रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, संतोष कुमार सिंह का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने तात्कालिक रूप से एफआईआर दर्ज़ करने का निर्देश दिया। जिससे जनता के बीच यह संदेश जाएगा कि पशुओं के खिलाफ़ किसी भी प्रकार की क्रूरता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।“

PETA इंडिया पशुओं पर क्रूरता करने वाले अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है। क्योंकि पशुओं के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग पशुओं पर क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”

PETA इंडिया इस सिद्धान्त के तहत कार्य करता है कि, “पशु किसी तरह का दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं”। हम देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहे हैं। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार पशुओं पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है (जबकि ऐसे अपराधियों के लिए भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत सख्त प्रावधानों का निर्धारण किया गया है)।ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता के खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश की है।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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