Raipur Municipal Corporation: रायपुर नगर निगम ने "वायु एवं ध्वनि प्रदूषण" को रोकने के लिए शुरू की तैयारी, सड़कों के निर्माण व शहरी वृक्षारोपण पर जोर...
Raipur Municipal Corporation: रायपुर नगर निगम ने "वायु एवं ध्वनि प्रदूषण" को रोकने के लिए शुरू की तैयारी, सड़कों के निर्माण व शहरी वृक्षारोपण पर जोर...
Raipur Municipal Corporation: रायपुर। महानगरों में बढ़ रहे वायु एवं ध्वनि प्रदूषण के खतरों को देखते हुए रायपुर नगर निगम ने जमीनी स्तर पर ठोस पहल शुरू की है, इसके साथ ही नगरीय क्षेत्र में प्रदूषण के प्रभाव को निगमित करने जन जागरूकता अभियान की शुरूआत की जा रही है, हालांकि रायपुर शहर में वायु गुणवत्ता का स्तर मानक के करीब है और उच्च गुणवत्ता स्तर को बनाए रखने रायपुर नगर निगम ने पहले ही तैयारियां शुरू कर दी है। 15 वें वित्त आयोग के निर्देशानुसार शहरी क्षेत्र में प्रदूषण के कारकों की निगरानी शुरू की गई है एवं इसके तहत वायु गुणवत्ता को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा के निर्देश पर रायपुर नगरीय क्षेत्र में कई स्तरों पर कार्य शुरू किया गया है। धूल, मिट्टी जो वायु प्रदूषण के कारण बनते हैं ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित कर पेवर लगाकर धूल मुक्त किया जा रहा है। शहर के व्यस्त्ततम मार्ग लाखे नगर चौंक से सुंदर नगर मेन गेट तक और महादेव घाट मार्ग पर लगभग एक करोड़ रूपए की लागत से निर्माण एवं विकास कार्य अंतिम चरण में है। इस मार्ग पर पेवर लगाकर सुगम आवागमन व धूल मिट्टी से आम लोगों को राहत दिलाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसी तरह रोड स्वीपिंग मशीन के माध्यम से मार्गों की सफाई का दायरा बढ़ाया जा रहा है। इसके तहत अब 66 किलोमीटर दायरा बढ़ाकर नए साल से अधिक दूरी तक मैकेनाइज्ड स्वीपिंग मशीन से सफाई की तैयारी नगर निगम ने की है। इस तरह अब शहर के भीतर 152 किलोमीटर में मशीनों के जरिए सफाई होगी। यह सफाई रात्रि में होगी और इसके लिए 5 रोड स्वीपिंग मशीन तैनात किए जाएंगे। निर्माण अवशेष से उड़ने वाले धूल के बारीक कण भी मानव स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव प्रदर्शित करते हैं, इसके लिए नगर निगम ने जरवाय में निर्माण अवशेष को पुनः चक्रित कर उपयोगी निर्माण सामाग्री बनाने की प्रक्रिया भी निगम ने शुरू कर दी है।
आयुक्त मिश्रा के अनुसार आम लोगों को भी वायु व ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभावों से अवगत कराने जागरूकता अभियान की शुरूआत हो रही है। विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लोगों को रेड सिग्नल होने पर इंजन बंद करने, हॉर्न का न्यूनतम उपयोग करने, हरियाली बढ़ाने जैसे संदेश दिए जा रहे हैं। इन गतिविधियों में स्वयंसेवी संगठनों, स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों, आवासीय कॉलोनियों की समितियों आदि का भी सहयोग लिया जा रहा है।
मिश्रा ने आगे बताया कि वर्तमान में रायपुर शहर में वायु गुणवत्ता के मापन के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में उपकरण लगाए गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक जहां देश की राजधानी नई दिल्ली में वायु गुणवत्ता 345 है, वहीं रायपुर में वायु का स्तर 47 मापा गया है जो कि मानक स्तर के करीब है किंतु औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा में वायु गुणवत्ता का स्तर 79 है, जिस पर सुधार की दिशा में भी पहल की जाएगी। यद्यपि इस परिस्थिति में रायपुर में वायु गुणवत्ता संतोषप्रद है किन्तु मानकों के उच्चतम स्तर के अनुरूप यह गुणवत्ता बनाए रखने आम नागरिकों की भागीदारी ली जा रही है। शहर के भीतरी क्षेत्रों के सापेक्ष सिलतरा जैसे औद्योगिक क्षेत्र में वायु गुणवत्ता के स्तर में गिरावट दर्ज की गई है, इसे देखते हुए औद्योगिक क्षेत्र में संचालित संयंत्रों की निगरानी शुरू कर दी गई है और शीघ्र ही इस क्षेत्र में स्थापित संयंत्रों के प्रबंधन को वायु गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने प्रबंधन को अवगत कराया जा रहा है। ज्ञात हो कि वायु गुणवत्ता मापने हेतु 5 स्थलों पर मापन यंत्र स्थापित हैं, इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण एवं निवारण विभाग के समीर एप्प के माध्यम से वायु गुणवत्ता की 24 घंटे जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भावी पीढ़ी को स्वच्छ पर्यावरण प्रदान करना सामूहिक जिम्मेदारी है, अतः उच्च मानक स्तर को बनाए रखने जिला प्रशासन, पर्यावरण संरक्षण विभाग व नगर निगम मिलकर कदम आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि स्वच्छता उत्तम पर्यावरण व ध्वनि प्रदूषण कम करने हेतु कार्य करने वाले उत्कृष्ट संस्थान व सहयोगियों को सम्मानित किया जाएगा।