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Raipur Crime News Today: रायपुर में पति-पत्नी का रिश्ता हुआ शर्मसार! पिता की नौकरी के लिए पत्नी ने पति को छोड़ा, बिना तलाक फर्जीवाड़े का खुलासा, क्या होगी कार्रवाई?

Raipur Crime News Today: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पत्नी पर अपने पति को प्रताड़ित करने, उसे छोड़ने, और फर्जीवाड़े से पिता की सरकारी नौकरी हथियाने का आरोप लगा है।

Raipur Crime News Today: रायपुर में पति-पत्नी का रिश्ता हुआ शर्मसार! पिता की नौकरी के लिए पत्नी ने पति को छोड़ा, बिना तलाक फर्जीवाड़े का खुलासा, क्या होगी कार्रवाई?
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By Ragib Asim

Raipur Crime News Today: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पत्नी पर अपने पति को प्रताड़ित करने, उसे छोड़ने, और फर्जीवाड़े से पिता की सरकारी नौकरी हथियाने का आरोप लगा है। पति मुकेश तांडी, जो पेशे से ऑटो चालक हैं, का दावा है कि उनकी पत्नी भारती तांडी ने न सिर्फ उनसे झगड़ा किया बल्कि बिना तलाक लिए खुद को अविवाहित बताकर जल विभाग में नौकरी हासिल कर ली। इस फर्जीवाड़े की शिकायत पुलिस, जल विभाग, और कोर्ट में की गई है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी, दोनों पक्षों के दावे, और सवाल जो हर किसी के मन में उठ रहे हैं।

पति का आरोप: पत्नी ने किया धोखा और फर्जीवाड़ा

मुकेश तांडी ने NPG न्यूज़ को बताया कि उनकी शादी 20 जून 2003 को भारती तांडी से हुई थी। दोनों की कोई संतान नहीं है, लेकिन शुरुआती सालों में उनकी जिंदगी खुशी-खुशी चल रही थी। 2020 से उनके बीच व्यक्तिगत कारणों से झगड़े शुरू हुए। और बार बार अपने मायके चली जाया करती थी. मुकेश का कहना है कि भारती घर नहीं आना चाहती थी, जबकि वह उसे वापस लाना चाहते थे। इस दौरान भारती ने कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया।

2022 में भारती के पिता, जो जल विभाग में सरकारी कर्मचारी थे, की बीमारी के बाद मृत्यु हो गई। सरकारी नियमों के मुताबिक, उनके किसी अविवाहित या तलाकशुदा बच्चे को उनकी जगह नौकरी मिल सकती थी। मुकेश का आरोप है कि भारती ने इस मौके का फायदा उठाया। उसने खुद को अविवाहित बताकर और अपने आधार, पेन कार्ड में नाम बदलकर (भारती तांडी से कुमारी क्षत्रिय) जून 2022 में जल विभाग में नौकरी हासिल कर ली।



मुकेश को इसकी जानकारी तब हुई जब वह भारती को मनाने के लिए बार-बार संपर्क कर रहे थे। उन्हें धमकियां मिलीं, और एक बार भारती ने अपने भाई-बहनों के साथ मिलकर मुकेश के घर में घुसकर मारपीट भी की। जब मुकेश ने फैमिली कोर्ट में शिकायत की, तब उन्हें पता चला कि भारती ने अपना नाम बदल लिया है। इसके बाद वह जल विभाग के दफ्तर पहुंचे, जहां उन्हें भारती की नौकरी और फर्जीवाड़े की सच्चाई पता चली।

मुकेश ने जल विभाग, पुलिस, SP कार्यालय, और कोर्ट में शिकायत दर्ज की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना है, "मेरे साथ धोखा हुआ है। बिना तलाक के उसने फर्जी दस्तावेज बनाए और नौकरी हथिया ली। मैं चाहता था कि हम साथ रहें, लेकिन उसने मुझे धमकाया और मारपीट की।"


पत्नी का पक्ष: नौकरी सही तरीके से मिली

भारती तांडी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि वह पहले से ही मुकेश के साथ नहीं रहना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने तलाक की अर्जी दाखिल की थी। कुछ कारणों से केस रुका हुआ है, लेकिन खत्म नहीं हुआ। नौकरी के बारे में भारती का दावा है कि उन्हें यह पूरी तरह वैध तरीके से मिली है। उन्होंने कहा, "मैंने कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया। नौकरी मेरे पिता की जगह पर नियमों के तहत मिली है।" हालांकि, उन्होंने दस्तावेजों में नाम बदलने और तलाक की स्थिति पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

इस मामले ने कई बड़े सवाल खड़े किए हैं?

  1. बिना तलाक के नौकरी कैसे मिली? सरकारी नौकरी के लिए अविवाहित या तलाकशुदा होने की शर्त थी। अगर भारती ने खुद को अविवाहित बताया, तो जल विभाग ने उनकी वैवाहिक स्थिति की जांच क्यों नहीं की?
  2. दस्तावेजों में हेरफेर का दावा: मुकेश का कहना है कि भारती ने सभी दस्तावेजों से उनका नाम हटाकर अपना नाम बदल लिया। क्या यह फर्जीवाड़ा नहीं है?
  3. जल विभाग की लापरवाही? नौकरी देने से पहले विभाग ने दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि क्यों नहीं की?
  4. पुलिस और कोर्ट की चुप्पी: मुकेश की शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या यह सिस्टम की नाकामी है?

ऐसे मामले पहले भी सामने आए हैं

करौली, राजस्थान (2025): मनीष मीणा ने अपनी पत्नी सपना मीणा को डमी कैंडिडेट के जरिए रेलवे में नौकरी दिलाई, लेकिन नौकरी मिलने के बाद सपना ने तलाक की अर्जी दाखिल कर दी। मनीष की शिकायत पर CBI ने जांच शुरू की, और सपना को निलंबित कर दिया गया।

हिमाचल प्रदेश (2014): मुर्त देवी ने तलाक के फर्जी दस्तावेज बनाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी हासिल की। शिकायत के बाद कोर्ट ने चार आरोपियों को सजा सुनाई।

विशेषज्ञों के मुताबिक, सरकारी नौकरी के लिए गलत जानकारी देना या फर्जी दस्तावेज बनाना IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 468 (जालसाजी) के तहत अपराध है। अगर भारती ने अविवाहित होने का गलत हलफनामा दिया, तो यह मामला गंभीर हो सकता है। हालांकि, बिना ठोस सबूतों के कोर्ट कार्रवाई में देरी हो सकती है।

मुकेश का कहना है कि वह हार नहीं मानेंगे और न्याय के लिए लड़ते रहेंगे। अगर जल विभाग या पुलिस इस मामले की गंभीर जांच शुरू करती है, तो भारती के दस्तावेजों की सत्यता की पड़ताल हो सकती है। अगर फर्जीवाड़ा साबित हुआ, तो भारती की नौकरी जा सकती है, और उन पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। दूसरी ओर, भारती का दावा है कि उनकी नौकरी वैध है, और तलाक का मामला कोर्ट में चल रहा है।

क्या करें अगर आप ऐसे मामले में फंसें?

  1. दस्तावेज सुरक्षित रखें: शादी के प्रमाण, आधार, और अन्य दस्तावेजों की कॉपी रखें।
  2. कानूनी मदद लें: फैमिली कोर्ट या वकील से संपर्क करें।
  3. शिकायत दर्ज करें: पुलिस, संबंधित विभाग, और RTI के जरिए जानकारी मांगें।
  4. सबूत जुटाएं: फर्जीवाड़े के सबूत जैसे हलफनामा, दस्तावेज, या गवाह।

यह मामला न सिर्फ पति-पत्नी के रिश्ते में विश्वासघात की कहानी है, बल्कि सरकारी सिस्टम की खामियों को भी उजागर करता है। क्या मुकेश को न्याय मिलेगा, या भारती अपनी नौकरी बचाने में कामयाब होगी? यह समय और जांच पर निर्भर करता है।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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